Bihar Politics: नित्यानंद राय से नहीं मिले चिराग पासवान,अब कैसे दूर होगी नाराजगी; पटना के इमरजेंसी बैठक में नहीं हो सका फैसला Bihar News: नीतीश कुमार ने 90 से अधिक सीटों पर कैंडिडेट्स के नाम तय किए...5-6 विधायकों को बेटिकट करने की तैयारी Bihar Election 2025: चुनाव आयोग का सख्त आदेश, डीपफेक और भ्रामक वीडियो फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई BIHAR NEWS : गयाजी में स्कूल बस ड्राइवर पर बाइक सवार बदमाशों का हमला, सीने में लगी गोली; बस में सवार थे बच्चे मंत्री हैं...BJP के बड़े नेता हैं, सेफ सीट पर है गिद्ध दृष्टि ! नजर सबसे सुरक्षित राजधानी की इस विधानसभा क्षेत्र पर, वैसे 'नेताजी' आज तक चुनाव लड़े ही नहीं हैं ‘The Conjuring: Last Rites’ मचाएगी ओटीटी पर खौफ, जानें कब होगी रिलीज? Patna Crime News: पटना में धान के खेत से 8 साल की मासूम का शव मिलने से सनसनी, रेप के बाद हत्या की आशंका Patna Crime News: पटना में धान के खेत से 8 साल की मासूम का शव मिलने से सनसनी, रेप के बाद हत्या की आशंका Bihar Politics: NDA में सीट बंटवारा पर घमासान ! चिराग पासवान ने दिए बड़े संकेत,कहा - जबतक मंत्री हूं तबतक .... Bihar Crime News: चुनाव की घोषणा के बाद बिहार में बढ़ी चौकसी, ट्रेन से ढाई करोड़ के सोना के साथ स्मगलर अरेस्ट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 26 Jan 2025 10:31:31 AM IST
REPUBLIC DAY 2025 : - फ़ोटो GOOGLE
REPUBLIC DAY 2025 : पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्मविभूषण, इनमें से कोई भी अवार्ड जब किसी को मिलता है तो उसके परिवार, गांव, जिले और प्रदेश के लिए यह गौरव का विषय होता है। यह सम्मान हर साल केद्र सरकार गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) से एक दिन पहले घोषित करती है। इसे बाद में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में इसे दिया जाता है।
ऐसे में साल 2025 के लिए भी शनिवार को केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है। इन नागरिक पुरस्कारों में सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्मश्री पुरस्कार शामिल हैं। क्या आप जानते हैं कि पद्म पुरस्कारों से सम्मानित होने वालों को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं? क्या इसके साथ पैसे भी मिलते हैं?भारत रत्न के बाद भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री आते हैं। इनमें हर साल सबसे ज्यादा पद्मश्री सम्मान दिए जाते हैं।
दरअसल, भारत सरकार ने साल 1954 में पद्म सम्मान की शुरुआत की थी। साल 1955 में इसे पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण नाम दिया गया। यह सम्मान कला, साहित्य, शिक्षा, खेल, मेडिसिन, सामाजिक कार्य, विज्ञान, तकनीक, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में असाधारण काम करने वाली हस्तियों को दिए जाते हैं. इनमें डॉक्टर और साइंटिस्ट दो ऐसे लोग हैं, जिन्हें सरकारी सेवा में रहते हुए भी यह सम्मान दिया जा सकता है।
मालूम हो कि,राष्ट्रपति पद्म पुरस्कार से सम्मानित शख्स को एक प्रमाणपत्र और पदक देते हैं। जबकि पैसे की बात करें तो पद्म पुरस्कारों से सम्मानित लोगों को किसी भी तरह की धनराशि नहीं दी जाती है। यह सिर्फ एक सम्मान है। पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण, तीनों ही पुरस्कारों में पैसे नहीं दिए जाते हैं। इससे न ही किसी भी तरह की रेलवे या एयर फेयर में छूट या कोई और सुविधा मिलती है।
गौरतलब हो कि, यह पुरस्कार कोई पदवी नहीं है कि सम्मानित व्यक्ति इसको अपने नाम के साथ इस्तेमाल करे। अगर कोई अपने नाम के साथ पद्म पुरस्कार का जिक्र करता है तो सरकार उनसे पुरस्कार को वापस ले सकती है। इसके लिए सरकार हर साल आवेदन मांगती है। जिसको भी ऐसा लगता है कि उसने तय क्षेत्र में बेहतरीन काम किया है तो आवेदन कर सकता है। इसके बाद सरकार आवेदन की जांच करती है और फिर नाम तय किया जाता है।