Bihar News: बिहार में सरकारी चावल की कालाबाजारी, गोदाम से 350 मीट्रिक टन चावल गायब; बोरियों में निकलीं ईंटें Bihar Politics: ‘अफीम की खेती करते हैं, उनको सांसद नहीं मानता’ गोपाल मंडल का JDU सांसद अजय मंडल पर नया आरोप Bihar Politics: ‘अफीम की खेती करते हैं, उनको सांसद नहीं मानता’ गोपाल मंडल का JDU सांसद अजय मंडल पर नया आरोप India Missile Test: ब्रह्मोस से भी खतरनाक मिसाइल टेस्ट करने जा रहा भारत, दुनिया भर के लिए चेतावनी जारी.. Janmashtami 2025: 16 अगस्त को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्मी, जानिए.... पूजा विधि और शुभ मुहूर्त Kishtwar Cloudburst Update: किश्तवाड़ आपदा में अब तक 65 शव बरामद, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, पीएम मोदी और उमर अब्दुल्ला ने जताई संवेदना Kishtwar Cloudburst Update: किश्तवाड़ आपदा में अब तक 65 शव बरामद, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, पीएम मोदी और उमर अब्दुल्ला ने जताई संवेदना Bihar News: रेलिंग तोड़कर पुल से नीचे गिरा सेब लदा ट्रक, बाल-बाल बची ड्राइवर की जान Bihar News: बिहार की हवा से प्रदूषण होगा गायब, सरकार ने उठाया बड़ा कदम Bihar Crime News: पटना में युवक की हत्या से सनसनी, छापेमारी में जुटी पुलिस
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 05 Jan 2025 09:35:06 AM IST
रेरा का आदेश - फ़ोटो google
Bihar news : बिहार में अब जमीन और मकान खरीद-बिक्री को लेकर अब नए निर्देश जारी किया है। अब प्रोजेक्ट के नाम पर ग्राहकों से रुपये लेकर बिल्डर अब भाग नहीं सकेंगे। इतना ही नहीं भागने की स्थिति में प्रोमोटर व उनके सहयोगियों की चल-अचल संपत्ति नीलाम कर ग्राहकों को उनकी राशि लौटायी जायेगी। आवंटियों के हितों का ध्यान रखते हुए बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी (रेरा) ने प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन के वक्त ही बिल्डरों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है। अब बिल्डरों को यह ब्योरा शपथ पत्र के माध्यम से देना होगा।
प्राधिकरण ने कहा कि रेरा अधिनियम के तहत प्रोमोटर किसी प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन वक्त ही अपनी कंपनी से जुड़े सभी निदेशक, पार्टनर्स या प्रोमोटर्स की जानकारी देंगे। इसके साथ ही निर्धारित फॉर्मेट में शपथ पत्र के माध्यम से अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा भी जमा करायेंगे। इसमें उनको बताना होगा कि किस राज्य, जिला, अंचल या गांव में उनकी अचल संपत्ति है। प्रॉपर्टी का मौजा, खाता व प्लॉट नंबर व क्षेत्रफल क्या है? संपत्ति का अनुमानित मूल्य या एमवीआर भी बताना होगा।
इसके अलावा प्राधिकरण के मुताबिक प्रोजेक्ट बंद होने या प्रमोटर्स के डिफॉल्टर साबित होने पर ग्राहकों की राशि लौटाने में काफी मशक्कत झेलनी पड़ती है। प्रमोटर्स खुद को दिवालिया घोषित कर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। प्राधिकरण के पास संबंधित प्रोजेक्ट से जुड़े सभी प्रमोटर्स व पार्टनर्स का नाम व उनकी संपत्ति की विस्तृत जानकारी होने पर उस संपत्ति को नीलाम कर ग्राहकों को पैसा लौटाने में बिहार रेरा को आसानी होगी।