S-400: भारत के कई शहरों को बर्बादी से बचाने वाला 'सुदर्शन', कभी USA को ठेंगा दिखाते हुए भारत ने 'सच्चे मित्र' से था खरीदा भारतीय नौ सेना का कराची पर जोरदार हमला...पाकिस्तान के 16 शहरों पर भारी बमबारी भारत का पाकिस्तान के लाहौर पर बड़ा हमला...पाकिस्तानी एयर डिफेंस हुआ तबाह भारत ने पाकिस्तान के तीन फाइटर जेट गिराये, दो JF-17 और एक F-16... पाकिस्तान एयरफोर्स का AWACS विमान भी ध्वस्त मुंडेश्वरी कॉलेज फॉर टीचर एजुकेशन में सेमिनार, डॉ. मोहम्मद शरीफ ने दी विस्तृत जानकारी समस्तीपुर में बोले मुकेश सहनी..बिहार पुलिस जनता की रक्षक नहीं भक्षक बन चुकी है नीतीश के गांव कल्याण बिगहा से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत, 11 मई से जन सुराज पार्टी चलाएगा यह मुहिम BIHAR: जमुई में पाकिस्तानी समर्थक गिरफ्तार, इंस्टाग्राम पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' लिखना पड़ गया महंगा पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब: कर्नल सोफिया बोलीं..PAK ने हमले की कोशिश की तब हमने लाहौर का एयर डिफेंस सिस्टम उड़ाया हैदराबाद में कराची बेकरी के नाम पर विवाद: शॉप का नाम बदलने की मांग, मालिक ने कहा..हम भारतीय ब्रांड हैं, पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 05 Jan 2025 09:35:06 AM IST
रेरा का आदेश - फ़ोटो google
Bihar news : बिहार में अब जमीन और मकान खरीद-बिक्री को लेकर अब नए निर्देश जारी किया है। अब प्रोजेक्ट के नाम पर ग्राहकों से रुपये लेकर बिल्डर अब भाग नहीं सकेंगे। इतना ही नहीं भागने की स्थिति में प्रोमोटर व उनके सहयोगियों की चल-अचल संपत्ति नीलाम कर ग्राहकों को उनकी राशि लौटायी जायेगी। आवंटियों के हितों का ध्यान रखते हुए बिहार रियल इस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी (रेरा) ने प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन के वक्त ही बिल्डरों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया है। अब बिल्डरों को यह ब्योरा शपथ पत्र के माध्यम से देना होगा।
प्राधिकरण ने कहा कि रेरा अधिनियम के तहत प्रोमोटर किसी प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन वक्त ही अपनी कंपनी से जुड़े सभी निदेशक, पार्टनर्स या प्रोमोटर्स की जानकारी देंगे। इसके साथ ही निर्धारित फॉर्मेट में शपथ पत्र के माध्यम से अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा भी जमा करायेंगे। इसमें उनको बताना होगा कि किस राज्य, जिला, अंचल या गांव में उनकी अचल संपत्ति है। प्रॉपर्टी का मौजा, खाता व प्लॉट नंबर व क्षेत्रफल क्या है? संपत्ति का अनुमानित मूल्य या एमवीआर भी बताना होगा।
इसके अलावा प्राधिकरण के मुताबिक प्रोजेक्ट बंद होने या प्रमोटर्स के डिफॉल्टर साबित होने पर ग्राहकों की राशि लौटाने में काफी मशक्कत झेलनी पड़ती है। प्रमोटर्स खुद को दिवालिया घोषित कर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहते हैं। प्राधिकरण के पास संबंधित प्रोजेक्ट से जुड़े सभी प्रमोटर्स व पार्टनर्स का नाम व उनकी संपत्ति की विस्तृत जानकारी होने पर उस संपत्ति को नीलाम कर ग्राहकों को पैसा लौटाने में बिहार रेरा को आसानी होगी।