1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 29 Sep 2025 11:19:26 AM IST
धमदाहा-भवानीपुर स्टेट हाईवे - फ़ोटो FILE PHOTO
BIHAR NEWS : बिहार के पूर्णिया से एक दर्दनाक खबर निकल कर सामने आ रहा है। जहां धमदाहा-भवानीपुर स्टेट हाईवे पर सोमवार की सुबह उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब शराब माफियाओं की तेज रफ्तार कार ने मॉर्निंग वॉक पर निकले तीन नाबालिगों को कुचल दिया। यह दर्दनाक हादसा माधव नगर कॉलेज के समीप हुआ। हादसे में दो छात्राओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया।
मृतकों की पहचान 19 वर्षीय राजनंदनी कुमारी, पिता सुरेश हेंब्रम, निवासी सखुआ टोला और 11 वर्षीय मोनिका कुमारी, निवासी सकुवा टोला के रूप में हुई है। राजनंदनी कुमारी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की मेधावी छात्रा थीं। वहीं, मोनिका कुमारी नवोदय विद्यालय में पढ़ाई कर रही थीं। दोनों की असमय मौत से उनके परिवार समेत पूरे इलाके में मातम पसर गया है।
इस हादसे में गंभीर रूप से घायल छात्र की पहचान गंगाराम हेंब्रम के रूप में हुई है, जो दोनों मृत छात्राओं के साथ मॉर्निंग वॉक पर गया था। फिलहाल, उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी स्थिति चिंताजनक बताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तीनों छात्र-छात्राएं सुबह सड़क किनारे टहल रहे थे। इसी दौरान धमदाहा की ओर से आ रही तेज रफ्तार शराब से लदी कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि दोनों छात्राओं की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद चालक कार छोड़कर मौके से फरार हो गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कार शराब माफियाओं की थी, जो अवैध शराब की खेप लेकर जा रही थी।
घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर कड़ी कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि शराबबंदी लागू होने के बावजूद इलाके में धड़ल्ले से शराब की तस्करी और कारोबार जारी है। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की लापरवाही के कारण शराब माफिया खुलेआम सड़कों पर दौड़ रहे हैं और निर्दोष लोगों की जान जा रही है।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही कार को जब्त कर मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। हालांकि, आरोपी चालक और शराब माफिया फिलहाल फरार हैं। पुलिस का कहना है कि दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इलाके में इस हादसे के बाद गुस्सा और भय का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि शराबबंदी की आड़ में अब माफिया और सक्रिय हो गए हैं और प्रशासन केवल औपचारिकता निभा रहा है। लोगों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर से बिहार में शराबबंदी कानून और उसके क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मासूम जिंदगियों की कीमत पर शराब माफियाओं का तांडव जारी रहना न केवल कानून-व्यवस्था की विफलता है बल्कि समाज के लिए भी बड़ी चुनौती है।