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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 17 Aug 2025 07:45:24 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: बिहार के सासाराम शहर में 27 दिसंबर 2024 को हुई गोलीबारी और हत्या की घटना की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) कर रही है। पटना हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संदीप कुमार के आदेश (दिनांक 30 जुलाई 2025) के बाद CBI ने इस मामले में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है।
CBI की पहली एफआईआर में तत्कालीन यातायात डीएसपी आदिल बिलाल और उनके बॉडीगार्ड सोनू कुमार को हत्या और हत्या के प्रयास के आरोप में नामजद किया गया है। इसके साथ ही अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। दूसरी एफआईआर शराबबंदी कानून के तहत हरीजी के हाता नामक परिसर के मालिक कालिका सिंह को अभियुक्त बनाते हुए दर्ज की गई है। तीसरी एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ है, जिसमें सीबीआई अन्य संदिग्धों की भूमिका की जांच करेगी।
घटना 27 दिसंबर की रात की है, जब राणा ओम प्रकाश उर्फ बादल अपने दोस्तों के साथ सासाराम शहर के हरीजी के हाता परिसर में जन्मदिन की पार्टी मना रहा था। परिजनों के अनुसार, इसी दौरान तत्कालीन यातायात डीएसपी आदिल बिलाल अपने बॉडीगार्ड और कुछ पुलिसकर्मियों के साथ वहां पहुंचे। पूछताछ के दौरान विवाद बढ़ गया और पुलिसकर्मियों ने पार्टी कर रहे युवकों के साथ मारपीट शुरू कर दी।
परिजनों का आरोप है कि जब युवकों ने विरोध किया, तो डीएसपी आदिल बिलाल ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से छह राउंड फायरिंग की, जिसमें राणा ओम प्रकाश उर्फ बादल की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, अतुल सिंह और विनोद नामक दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। चश्मदीदों और परिजनों का कहना है कि डीएसपी ने जानबूझकर राणा को निशाना बनाकर गोली चलाई।
घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठने लगे। आरोप है कि डीएसपी आदिल ने वहां मौजूद युवकों को धमकाया और कहा कि उन्हें झूठे आपराधिक मामलों में फंसा दिया जाएगा। घटना के बाद से पूरे राज्य में पुलिस के खिलाफ रोष देखा गया और सोशल मीडिया पर भी विरोध बढ़ता चला गया।
पीड़ित परिवार द्वारा न्याय की मांग को लेकर लगातार अदालत का दरवाजा खटखटाया गया। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 30 जुलाई 2025 को सीबीआई जांच के आदेश दिए। अदालत ने कहा कि घटना में उच्चस्तरीय पुलिस अधिकारी के शामिल होने और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, यह मामला CBI को सौंपा जाना चाहिए।
CBI ने यह तीनों एफआईआर सासाराम टाउन थाना में दर्ज मूल FIR और हाईकोर्ट के आदेश को आधार बनाकर दर्ज की हैं। अब CBI पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेगी, जिसमें शामिल सभी अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों की भूमिका की गहराई से जांच की जाएगी।