BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 14 May 2025 08:44:32 PM IST
नीतीश सरकार ने की कार्रवाई - फ़ोटो google
PATNA: वित्तीय अनियमितताओं और घोर लापरवाही के मामले में ग्रामीण कार्य विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। सारण जिले के मढ़ौरा कार्य प्रमंडल के दो वरिष्ठ अभियंताओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई विभागीय जांच रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि के बाद की गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार अब भ्रष्टाचार और लापरवाही के मामलों में ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम कर रही है।
निलंबित अभियंताओं में केशव सहनी, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता, कार्य प्रमंडल मढ़ौरा, वर्तमान में मुख्य अभियंता (अनुरक्षण एवं उन्नयन), ग्रामीण कार्य विभाग और परमेश्वर मेहरा, तदेन कनीय अभियंता, कार्य प्रमंडल मढ़ौरा, वर्तमान में सहायक अभियंता, कार्य प्रमंडल सोनपुर, ग्रामीण कार्य विभाग शामिल हैं।
इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के अंतर्गत अनुमोदित पथ निर्माण कार्यों में गंभीर अनियमितता बरती। उन्होंने योजनाबद्ध लंबाई से अधिक कार्य दर्शाकर फर्जी भुगतान प्रस्तावित किया। इतना ही नहीं, इन अभियंताओं ने बिना किसी तकनीकी या विभागीय स्वीकृति के पूर्व-निर्मित 0.25 किमी लंबाई के पथ को योजना में शामिल करके दोबारा भुगतान स्वीकृत करवा लिया।
जांच में यह भी सामने आया कि अभियंताओं ने एक ऐसे पथ निर्माण के लिए भी भुगतान प्रस्तावित किया जो किसी भी बसावट या ग्राम से जुड़ा हुआ नहीं था, यानी जिसका कोई व्यावहारिक उपयोग नहीं था। इससे यह स्पष्ट होता है कि योजनाओं का क्रियान्वयन बिना जनहित और प्रावधानों के किया गया। विभागीय जांच में यह प्रमाणित हुआ कि इन दोनों अभियंताओं की लापरवाही और मनमाने कार्यप्रणाली के कारण राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ। विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है।
ग्रामीण कार्य विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि इस मामले में अन्य संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और जल्द ही उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि ग्रामीण कार्य विभाग अब विकास योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में कठोर कदम उठा रहा है, जिससे सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार पर लगाम लगे और जनता को उनका वास्तविक लाभ मिल सके।