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1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Wed, 19 Feb 2025 09:24:23 AM IST
समस्तीपुर में फर्जी अंचल कार्यालय का पर्दाफाश - फ़ोटो google
Bihar Land Survey: समस्तीपुर में फर्जी अंचल कार्यालय का बड़ा पर्दाफाश हुआ है। मोहिउद्दीननगर प्रखंड की करीमनगर पंचायत के मोगलचक में एक निजी मकान में चलाए जा रहे अवैध समानांतर अंचल कार्यालय पर एसडीएम विकास पांडेय ने छापेमारी की है। छापेमारी में एसडीएम ने अंचल और जमीन से जुड़े हुए कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए हैं। इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। छापेमारी के बाद भू -अभिलेखों के धंधे से जुड़े बिचौलियों में हड़कंप मच गया है।
इस समानांतर अंचल कार्यालय से 10 बोरी से ज्यादा कागजात बरामद किये गये हैं। जिनका मजिस्ट्रेट की देखरेख में सीजर लिस्ट तैयार किया जा रहा है। इनमें शुद्धि पत्र, हल्का से संबंधित दाखिल खारिज पंजी, खतियान, रजिस्टर टू के दस्तावेज, जमाबंदी पंजी, दाखिल खारिज एवं परिमार्जन के आवेदन, 22250 रुपये नकद,कंप्यूटर, प्रिंटर शामिल हैं।
करीब दो दशक से यह फर्जी कार्यालय संचालित हो रहा था। एसडीओ विकास पांडेय ने बताया कि अब तक जो कागजात मिले हैं और जो जानकारी उपलब्ध हुई है उसके अनुसार साल 2005 तक के अधिकांश मूल दस्तावेज और कागजात इस फर्जी अंचल कार्यालय में मिले हैं। जानकारी के अनुसार साल 2005 में किसी राजस्वकर्मी की मिलीभगत से अंचल कार्यालय के सभी मूल कागजात उमेश राय को उपलब्ध कराए गए थे। तब से यह फर्जी अंचल कार्यालय चल रहा था और आज यहां अभिलेख व दस्तावेजों की संख्या इतनी हो गई है जितनी मूल अंचल कार्यालय के पास भी नहीं है।
बरामद दस्तावेजों में कई ऐसे दस्तावेज भी शामिल हैं जो अंचल कार्यालय के पास उपलब्ध नहीं हैं और लंबे समय से उन अभिलेखों को ढ़ूंढ़ा जा रहा है। इस कार्यालय में विधिवत कंप्यूटर और प्रिंटर की सहायता से सभी प्रकार के दस्तावेज तैयार किए जाते हैं। कार्यालय से कई प्रकार के मुहर भी बरामद हुए हैं। पूछताछ में यह भी पता चला है कि यहां जमीन की जमाबंदी, दाखिल खारिज, भूमि का परिमार्जन, राजस्व रसीद काटने, जमीन का रसीद, पुराना खतियान उपलब्ध कराया जाता है। वर्ष 2005 तक के रजिस्टर- टू भी इस फर्जी अंचल कार्यालय से बरामद किए गए हैं।
आपको बता दें कि कार्यालय में सभी कार्य कराने के लिए नगद और ऑनलाइन पेमेंट की भी व्यवस्था है। यह राशि फर्जी अंचल कार्यालय संचालित करने वाले धंधेबाज उमेश राय के बैंक खाते में जमा होती थी। पिछले दो दशक से संचालित हो रहे इस फर्जी अंचल कार्यालय में सभी कागजात व दस्तावेज तैयार किए जाते हैं जो अंचल कार्यालय द्वारा उपलब्ध होते हैं।