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Bihar News: बिहार में कृषि प्रसंस्करण उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा, सरकारी अनुदान से निवेश और रोजगार के मिलेंगे नए अवसर

Bihar News: बिहार सरकार ने कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति लागू की है, जिसके तहत मखाना, शहद, मक्का, फल-सब्जी प्रोसेसिंग जैसे कृषि प्रसंस्करण उद्योगों को सरकारी अनुदान मिलेगा। योजना से किसानों की आय बढ़ेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 25 Sep 2025 05:16:14 PM IST

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Bihar News: बिहार में कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाई देने के लिए राज्य सरकार ने बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति लागू की है। इस नीति का मकसद न सिर्फ कृषि उद्योगों का विस्तार करना है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाना और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खोलना भी है।


इस योजना के तहत राज्य सरकार उन लोगों को विशेष अनुदान दे रही है जो कृषि प्रसंस्करण उद्योग शुरू करना चाहते हैं। इनमें मखाना प्रसंस्करण, शहद उत्पादन, फल और सब्जियों का प्रोसेसिंग, मक्का आधारित उद्योग,  बीज उत्पादन, औषधीय और सुगंधित पौधा प्रसंस्करण और चाय उद्योग शामिल हैं।


इनसे जुड़े नए उद्योग लगाने या मौजूदा इकाइयों का विस्तार करने पर सरकार वित्तीय मदद मुहैया करा रही है। इस योजना का फायदा सिर्फ कंपनियां ही नहीं, बल्कि कई तरह के निवेशक उठा सकते हैं। व्यक्तिगत उद्यमी (प्रोप्राइटरशिप), साझेदारी फर्म, सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी), किसान उत्पादक कंपनी (FPC) इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।


न्यूनतम 25 लाख रुपये और अधिकतम 5 करोड़ रुपये की परियोजना इस योजना के अंतर्गत पात्र होगी। पूंजीगत सब्सिडी सहायता पूरी तरह ऋण से जुड़ी होगी। बैंक या वित्तीय संस्थान से लिया गया दीर्घकालीन ऋण परियोजना लागत का कम से कम 20 प्रतिशत होना चाहिए। 


राज्य सरकार ने समाज के विभिन्न वर्गों को खास बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान भी किया है। अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) को 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान, महिला उद्यमी, एसिड अटैक पीड़ित, युद्ध विधवाएं, दिव्यांग और तृतीय लिंग के निवेशकों को 2 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान मिलेगा।


आवेदक के पास अपनी जमीन का स्वामित्व होना चाहिए या कम से कम 30 साल के लिए पंजीकृत पट्टा अनुबंध आवश्यक है। स्व-सत्यापित भूमि दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। परियोजना भूमि के लिए सक्षम प्राधिकारी से भूमि उपयोग परिवर्तन (CLU) की अनुमति जरूरी है। इस पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी कृषि विभाग, उद्यान निदेशालय की वेबसाइट या उसके कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।