वैशाली में कोचिंग जा रही छात्रा से छेड़खानी, केस वापस लेने का दबाव, पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 04 Jan 2025 09:15:47 AM IST
SUPREME COURT - फ़ोटो SUPREME COURT
SUPREME COURT: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि देशभर के मेडिकल कॉलेजों में सीटें खाली नहीं रहनी चाहिए। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह राज्यों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ बैठक कर इस समस्या का समाधान निकाले। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विस्वनाथन की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, "ध्यान रखें कि सीटें खाली नहीं रह सकतीं।"
अप्रैल में होगी अगली सुनवाई
केंद्र सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को सूचित किया कि इस मुद्दे के समाधान के लिए एक समिति का गठन किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक, राज्य सरकारों और निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। समिति ने अपनी सिफारिशें दे दी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह इन सिफारिशों पर कार्रवाई करे और तीन महीने के भीतर इस समस्या को हल करने की योजना तैयार करे। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल 2025 में होगी।
सीटें खाली रहने पर कोर्ट की चिंता
अप्रैल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों की 1,003 सुपर स्पेशियलटी सीटों के खाली रहने पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। कोर्ट ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और कहा था, "एक तरफ हम कहते हैं कि देश में सुपर स्पेशियलटी डॉक्टरों की कमी है, और दूसरी तरफ इतनी मूल्यवान सीटें खाली रह जाती हैं।"
समाधान के लिए समिति गठित
इसके बाद केंद्र सरकार ने एक समिति गठित करने का प्रस्ताव रखा था, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में राज्यों और निजी कॉलेजों के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस समिति की सिफारिशों पर तेजी से अमल करने की आवश्यकता पर बल दिया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। सुप्रीम कोर्ट का यह कदम स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार और मेडिकल शिक्षा के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।