ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी

ASER 2024 Report: बच्चों का स्मार्टफोन उपयोग, शिक्षा और सोशल मीडिया के बीच संतुलन की आवश्यकता

यह रिपोर्ट सोशल मीडिया और डिजिटल तकनीक के बच्चों पर प्रभाव को लेकर बहुत महत्वपूर्ण जानकारी देती है। जैसा कि आप ने बताया, अधिकांश बच्चों के पास स्मार्टफोन है और वे सोशल मीडिया का काफी इस्तेमाल कर रहे हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 01 Feb 2025 06:30:01 AM IST

ASER 2024 Report

ASER 2024 Report - फ़ोटो ASER 2024 Report

ASER 2024 Report: आजकल का डिजिटल युग बच्चों के लिए स्मार्टफोन और सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है। हाल ही में जारी हुई Annual Status of Education Report (ASER) 2024 ने इस बात का खुलासा किया है कि भारत में 14 से 16 वर्ष के लगभग 82.2 फीसदी बच्चे स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। हालांकि, इनमें से केवल 57 प्रतिशत बच्चे ही इसे शैक्षिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल बच्चों में किस हद तक बढ़ चुका है, और यह डिजिटल दुनिया उनके जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित कर रही है।


स्मार्टफोन का बढ़ता इस्तेमाल: शिक्षा से अधिक सोशल मीडिया पर फोकस

रिपोर्ट के अनुसार, 76 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि वे स्मार्टफोन का उपयोग मुख्य रूप से सोशल मीडिया के लिए करते हैं। इस सर्वे में देश के 17,997 गांवों के 6,49,491 बच्चों को शामिल किया गया था। इस आंकड़े से यह साफ है कि बच्चों के लिए स्मार्टफोन अब केवल एक शिक्षा उपकरण नहीं रह गया है, बल्कि यह उनके लिए मनोरंजन और सोशल कनेक्टिविटी का अहम हिस्सा बन चुका है।


यहां पर एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि 90 प्रतिशत बच्चों के पास स्मार्टफोन है, और लगभग 82.2 प्रतिशत बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना जानते हैं। खास बात यह है कि लड़कों की तुलना में लड़कियां स्मार्टफोन के उपयोग में थोड़ी पीछे हैं, लेकिन लड़के डिजिटल सुरक्षा के मुद्दों में ज्यादा जागरूक हैं। 62 प्रतिशत लड़कों ने कहा कि वे प्रोफाइल ब्लॉक करने या रिपोर्ट करने के तरीके जानते हैं, जबकि 55.2 प्रतिशत यह जानते हैं कि अपने प्रोफाइल को कैसे प्राइवेट करें।


डिजिटल लिटरेसी: शिक्षा का हिस्सा बनानी चाहिए

यह रिपोर्ट एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करती है, जिसमें पहली बार 14-16 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए डिजिटल लिटरेसी पर एक सेक्शन जोड़ा गया है। इस सर्वे में बच्चों को तीन खास कार्य दिए गए थे: अलार्म सेट करना, विशिष्ट जानकारी को सर्च करना और एक यूट्यूब वीडियो ढूंढना। 75 प्रतिशत से अधिक बच्चों ने इन कार्यों को सफलता से पूरा किया। यह दर्शाता है कि बच्चों को तकनीकी ज्ञान की अच्छी समझ है, लेकिन इसका सही दिशा में उपयोग आवश्यक है।


सामाजिक मीडिया का शिक्षा पर प्रभाव: एक चुनौती

सोशल मीडिया बच्चों की शिक्षा पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालता है। जहां एक तरफ स्मार्टफोन पर शिक्षा से जुड़ी सामग्री तक आसानी से पहुंच बन सकती है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर बेतहाशा समय बर्बाद भी हो सकता है। बच्चों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने डिजिटल समय का संतुलन शिक्षा और मनोरंजन के बीच बनाए रखें।


उपसंहार:

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल तकनीक ने बच्चों के जीवन में बहुत बदलाव लाया है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी है। बच्चों को स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का इस्तेमाल समझदारी से करना चाहिए, ताकि वे शैक्षिक उद्देश्यों में इसका लाभ उठा सकें। स्कूलों और परिवारों को मिलकर बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है, ताकि वे डिजिटल दुनिया का सकारात्मक उपयोग कर सकें और अपनी शिक्षा में इसे एक सहायक उपकरण के रूप में उपयोग कर सकें।