ब्रेकिंग न्यूज़

Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह? Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह? बिहार के इस रूट पर पहली बार चली ट्रेन, आज़ादी के बाद रचा गया इतिहास BIHAR: बारात जा रहे बाइक सवार को हाइवा ने रौंदा, दो युवकों की दर्दनाक मौत, घर में मातम का माहौल Bihar News: बिहार की इस नदी पर 200 करोड़ की लगत से बनेगा पुल, इंजीनियरों की टीम ने किया सर्वे Mansoon in Bihar: बिहार में मानसून की एंट्री को लेकर आई गुड न्यूज, मौसम विभाग ने दिया नया अपडेट Mansoon in Bihar: बिहार में मानसून की एंट्री को लेकर आई गुड न्यूज, मौसम विभाग ने दिया नया अपडेट Bihar News: मुर्गी की हत्या के बाद रोते-बिलखते थाने पहुंची महिला, देवर सहित 3 पर FIR दर्ज

Government job ; बिहार में सरकारी नौकरी का आकर्षण... स्थिरता और सामाजिक प्रतिष्ठा ?

Government job : बिहार में सरकारी नौकरी को आज भी सबसे सुरक्षित और प्रतिष्ठित करियर विकल्प माना जाता है। लाखों युवा हर साल बीपीएससी, एसएससी, रेलवे और बैंकिंग जैसी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 23 Mar 2025 05:18:32 PM IST

सरकारी नौकरी, Government Jobs, गला काट प्रतियोगिता, Cut-throat Competition, बेरोजगारी, Unemployment, श्रम कानून प्रवर्तन, Labour Law Enforcement, कौशल विकास, Skill Development, रोजगार के अवसर, Job Opp

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Government job : बिहार में सरकारी नौकरी आज भी एक सम्मानजनक और सुरक्षित करियर विकल्प मानी जाती है। लाखों युवा हर साल बीपीएससी, एसएससी, रेलवे और बैंकिंग जैसी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, लेकिन सरकारी नौकरियों की सीमित संख्या और कठिन प्रतिस्पर्धा के कारण सफलता प्राप्त करना आसान नहीं होता। आपको बता दें कि बिहार में सरकारी नौकरियों की संख्या राज्य की कुल जनसंख्या के अनुपात में अपेक्षाकृत कम है। यह आंकड़ा इंगित करता है कि राज्य की विशाल आबादी की तुलना में सरकारी नौकरी पाने वालों की संख्या बहुत कम है, जबकि सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों (Aspirants) की संख्या कहीं अधिक है।


इसलिए रकारी नौकरियों के लिए गला-काट (Cut-throat competition) जैसी स्थिति बन चुकी है। लाखों उम्मीदवार हर वर्ष विभिन्न सरकारी पदों के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन सीमित पदों के कारण अधिकांश उम्मीदवारों को निराशा का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, बिहार में पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न विभागों में, जैसे कि रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं में लाखों उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया, लेकिन पदों की सीमित संख्या के कारण केवल कुछ ही उम्मीदवारों को सफलता मिली। सरकारी नौकरियों की सीमित संख्या और बढ़ती जनसंख्या के असंतुलन के कारण बेरोजगारी की समस्या गंभीर बनी हुई है, जिससे युवाओं में निराशा और असंतोष बढ़ रहा है। इसके पीछे एक प्रमुख कारण यह भी है कि युवाओं के पास कौशल-संबंधी (Skill-related) कोर्स करने और पढ़ने के पर्याप्त अवसर नहीं हैं। उदाहरण के लिए, मेडिकल (Medical) और इंजीनियरिंग (Engineering) की पढ़ाई के लिए उन्हें दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है।

सरकारी नौकरी की लोकप्रियता के प्रमुख कारण

सरकारी नौकरियों में स्थायी वेतन, पेंशन और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हैं, जो निजी क्षेत्र की अस्थिरता की तुलना में युवाओं को अधिक आकर्षित करती हैं। माता-पिता भी अपने बच्चों को सरकारी नौकरी में देखना पसंद करते हैं, क्योंकि यह पारंपरिक रूप से सम्मान और स्थायित्व का प्रतीक रही है।इसलिए किसी भी हाल में युवा इसे पाने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं | हालाँकि  बीते कुछ वर्षों में बीपीएससी, एसएससी और नीट जैसी कई परीक्षाओं में पेपर लीक और भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। इससे छात्रों का समय, पैसा और आत्मविश्वास को चोट लगता है | पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया की मांग को लेकर कई आंदोलन हुए लेकिन स्थिति में उतनी अच्छी नही हई|

बिहार में निजी क्षेत्र के अवसरों की कमी

बिहार में बड़े उद्योगों और मल्टीनेशनल (MNC) कंपनियों की संख्या कम है। जो कंपनियां बेहतर वेतन और सुविधाएं देती हैं, वे मुख्य रूप से बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे शहरों में स्थित हैं। बिहार में श्रम कानून प्रवर्तन और अनुपालन (Labour law enforcement and compliance) की कमी के कारण कई निजी नौकरियां अस्थायी होती हैं और उनमें कर्मचारियों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलतीं। इस कारण वर्क-लाइफ बैलेंस की कमी होती है और कर्मचारियों को किसी प्रकार की सुरक्षा भी नहीं मिलती, जिससे इसे असंगठित क्षेत्र (Unorganised sector) कहा जाता है। दूसरी ओर, सरकारी नौकरियों में बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस, सुरक्षा और सुविधाएं मिलती हैं, जिससे इसे संगठित क्षेत्र (Organised sector) माना जाता है।

संभावित समाधान

पेपर लीक और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं और परीक्षा प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाया जाए। साथ ही, पारंपरिक कोर्स के अलावा युवाओं को अधिक कौशल विकास (Skill development) पर ध्यान देना चाहिए।

निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाना:

सरकार को बिहार में स्टार्टअप, उद्योग और स्वरोजगार को बढ़ावा देना चाहिए, ताकि अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हों। बिहार के युवा व्यापार (Business) शुरू करने से बचते हैं क्योंकि यहां वित्तीय स्थिरता (Financial stability), नीतिगत सहायता (Policy support) और बुनियादी ढांचा सहायता (Infrastructure support) की भारी कमी है।

वैकल्पिक करियर विकल्पों को प्रोत्साहित करना:

युवाओं को आईटी, डिजिटल मार्केटिंग, पर्यटन और कौशल-संबंधी अन्य कोर्स करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। बिहार में अभिभावकों को भी अपने बच्चों को व्यवसाय और कौशल-संबंधी कार्यों के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि वे अपना स्वयं का व्यवसाय स्थापित कर सकें और राज्य की अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकें। बिहार में सरकारी नौकरियों की मांग आने वाले वर्षों में भी बनी रहेगी, लेकिन युवाओं को नए अवसरों के लिए तैयार करना आवश्यक है। शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देकर इस स्थिति में सुधार किया जा सकता है, ताकि युवा केवल एक ही करियर विकल्प पर निर्भर न रहें।