Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 29 Mar 2025 04:45:15 PM IST
- फ़ोटो google
Alkatara Ghotala: बिहार झारखंड के चर्चित अलकतरा घोटाले में रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में लालू प्रसाद के करीबी पूर्व मंत्री इलियास हुसैन समेत पांच आरोपियों को दोषी मानते हुए तीन साल की सजा का एलान किया है जबकि साक्ष्य के अभाव में सात आरोपियों को बरी कर दिया है।
लालू प्रसाद के मुख्यमंत्री रहते संयुक्त बिहार में हुए अलकतरा घोटाले में बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री इलियास हुसैन के अलावा उनके पीए शहाबुद्दीन, पवन कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार अग्रवाल और विनय कुमार सिन्हा को तीन-तीन साल की सजा हुई है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सभी दोषियों पर 15-15 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
वहीं स्पेशल कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सात आरोपियों जी रामनाथ, एसपी माथुर, तरुण गांगुली, रंजन प्रधान, सुबह सिन्हा और एम सी अग्रवाल को बरी कर दिया। बता दें कि 27.70 लाख रुपए का अलकतरा घोटाला हुआ था। पवन करियर नाम की कंपनी से अलकतरा सप्लाई किए जाने के फर्जी कागजात बनवाए गए थे।
जानकारी के मुताबिक, साल 1995 में आरसीडी की तरफ से हजारीबाग में सड़क का निर्माण कराया जाना था। सड़क निर्माण के लिए हल्दिया ऑयल रिफाइनरी कोलकाता से अलकतरा आना था लेकिन मंत्री और अधिकारियों ने मिलीभगत कर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाया था। मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को मिला।