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1st Bihar Published by: Ranjan Kumar Updated Wed, 18 Jun 2025 01:54:22 PM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Curruption in Bihar: बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी विभाग ने एक और बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। सहरसा के बिक्रमगंज प्रखंड के शिक्षा कार्यालय में पदस्थापित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) सुधीरकांत शर्मा और लेखा सहायक सुभाष कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक शिक्षक से ट्रांसफर, वेतन निकासी या अन्य प्रशासनिक काम के एवज में रिश्वत की मांग की गई थी। शिक्षक ने इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को दी, जिसके बाद पूरी योजना के तहत जाल बिछाया गया। निगरानी विभाग की टीम ने बिक्रमगंज बीईओ कार्यालय में छापेमारी की और दोनों अधिकारियों को मौके पर ही रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया हैं। बीईओ सुधीरकांत शर्मा 7600 रुपए ले रहे थे। लेखा सहायक सुभाष कुमार के पास 7000 रुपए बरामद हुए।
बताया जा रहा है कि गिरफ्तार दोनों आरोपियों को निगरानी विभाग ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों से रिश्वत की रकम, लेन-देन का कारण और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इसके साथ ही निगरानी विभाग द्वारा दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। जल्द ही उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।
बिक्रमगंज शिक्षा कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायतें पहले भी सामने आती रही हैं, लेकिन इस तरह की सीधी कार्रवाई पहली बार हुई है। इस घटना से शिक्षा विभाग के अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई "बर्फ की चोटी" है और शिक्षा व्यवस्था में और भी गड़बड़ियों की परतें खुल सकती हैं।
पिछले कुछ महीनों में निगरानी विभाग ने बिहार के कई जिलों में सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है। पटना, गया, मुजफ्फरपुर, और भागलपुर जैसे बड़े जिलों में भी कार्रवाई हुई है। यह कार्रवाई राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ "जीरो टॉलरेंस" नीति का हिस्सा बताई जा रही है।
बिक्रमगंज BEO कार्यालय में रिश्वतखोरी का यह मामला एक बार फिर से यह दर्शाता है कि भ्रष्टाचार की जड़ें शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में भी फैली हुई हैं। निगरानी विभाग की यह कार्रवाई निश्चित रूप से एक सख्त संदेश देती है कि अब कोई भी अधिकारी कानून से ऊपर नहीं है।