शिवहर में शादी की खुशियां पलभर में मातम में बदली, गैस सिलेंडर ब्लास्ट से पंडाल समेत लाखों की संपत्ति जलकर राख Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 04 Mar 2025 10:37:01 PM IST
सीबीआई ने की पूछताछ - फ़ोटो GOOGLE
BIHAR NEWS: पटना एम्स में मेडिकल सामग्रियों की खरीद और बिक्री में गड़बड़ी की बात सामने आई है। इस मामले में सीबीआई की टीम ने एम्स के एक स्टेना से पूछताछ की। मंगलवार को फुलवारी शरीफ स्थित पटना एम्स के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की गयी। मेडिकल इक्विपमेंट की खरीद फरोख्त में बीते दिनों गड़बड़ी पाई गई थी।
एम्स के उपनिदेशक, प्रशासन के कार्यालय में तैनात स्टेनो आशीष कुमार से इसी सिलसिले में सीबीआई ने घंटों पूछताछ की। इस मामले में पटना एम्स के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर की भी संलिप्तता सामने आई है। पूछताछ के बाद सीबीआई की टीम वापस लौट गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मेडिकल उपकरण की खरीद में केंद्र सरकार के निर्धारित नियमों का पालन नहीं किए जाने का मामला है। इसके अलावे स्क्रैप के समानों का बिना टेंडर किए निपटारा किए जाने के मामले को लेकर भी सीबीआई ने पूछताछ की।
इस संबंध में जब एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. सौरभ वाष्णेय से बात की गयी तब उन्होंने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही। कहा कि केंद्रीय टीम से उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गयी है कि किस संबंध में सीबीआई की टीम ने एम्स के कर्मचारियों से पूछताछ की। हालांकि यह पटना एम्स के लिए गंभीर चिंता का विषय है। मेडिकल उपकरणों की खरीद में कथित अनियमितताओं और बिना टेंडर के स्क्रैप निपटाने जैसे आरोपों से संस्थान की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इसके अलावा, पिछले साल नीट पेपर लीक मामले में भी पटना एम्स के चार छात्रों की संलिप्तता सामने आई थी। जिससे संस्थान की छवि पहले ही प्रभावित हो चुकी है। ऐसे मामलों से बचने के लिए प्रशासन को अधिक पारदर्शी प्रक्रियाएं अपनानी होंगी और खरीद-फरोख्त में नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना होगा।