Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अबतक 33 की मौत, 100 से अधिक लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 04 Mar 2025 10:37:01 PM IST
सीबीआई ने की पूछताछ - फ़ोटो GOOGLE
BIHAR NEWS: पटना एम्स में मेडिकल सामग्रियों की खरीद और बिक्री में गड़बड़ी की बात सामने आई है। इस मामले में सीबीआई की टीम ने एम्स के एक स्टेना से पूछताछ की। मंगलवार को फुलवारी शरीफ स्थित पटना एम्स के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की गयी। मेडिकल इक्विपमेंट की खरीद फरोख्त में बीते दिनों गड़बड़ी पाई गई थी।
एम्स के उपनिदेशक, प्रशासन के कार्यालय में तैनात स्टेनो आशीष कुमार से इसी सिलसिले में सीबीआई ने घंटों पूछताछ की। इस मामले में पटना एम्स के हड्डी रोग विभाग के डॉक्टर की भी संलिप्तता सामने आई है। पूछताछ के बाद सीबीआई की टीम वापस लौट गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मेडिकल उपकरण की खरीद में केंद्र सरकार के निर्धारित नियमों का पालन नहीं किए जाने का मामला है। इसके अलावे स्क्रैप के समानों का बिना टेंडर किए निपटारा किए जाने के मामले को लेकर भी सीबीआई ने पूछताछ की।
इस संबंध में जब एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. सौरभ वाष्णेय से बात की गयी तब उन्होंने मामले की जानकारी नहीं होने की बात कही। कहा कि केंद्रीय टीम से उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गयी है कि किस संबंध में सीबीआई की टीम ने एम्स के कर्मचारियों से पूछताछ की। हालांकि यह पटना एम्स के लिए गंभीर चिंता का विषय है। मेडिकल उपकरणों की खरीद में कथित अनियमितताओं और बिना टेंडर के स्क्रैप निपटाने जैसे आरोपों से संस्थान की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
इसके अलावा, पिछले साल नीट पेपर लीक मामले में भी पटना एम्स के चार छात्रों की संलिप्तता सामने आई थी। जिससे संस्थान की छवि पहले ही प्रभावित हो चुकी है। ऐसे मामलों से बचने के लिए प्रशासन को अधिक पारदर्शी प्रक्रियाएं अपनानी होंगी और खरीद-फरोख्त में नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना होगा।