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BIHAR ELECTION : "तेजस्वी के सिर्फ CM बनने की चर्चा से बिहार में दो दिनों तक हुआ था तांडव...", बोले BJP नेता .... सच स्वीकार कर मैदान में आए लालू के लाल

BIHAR ELECTION : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले BJP ने आरजेडी पर बड़ा आरोप लगाया। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि लालू-राबड़ी शासन में 32 हज़ार से अधिक अपहरण और हत्या हुई, जनता अब जंगल राज भूल नहीं सकती।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 05 Oct 2025 11:53:09 AM IST

BIHAR ELECTION : "तेजस्वी के सिर्फ CM बनने की चर्चा से बिहार में दो दिनों तक हुआ था तांडव...", बोले BJP नेता .... सच स्वीकार कर मैदान में आए लालू के लाल

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BIHAR ELECTION : बिहार में अगले कुछ दिनों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने वाला है। ऐसे में राज्य की राजनीतिक पार्टियों ने अपने विरोधियों पर हमलावर रुख अपनाना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बिहार BJP के नेता नित्यानंद राय ने आरजेडी और उसके नेतृत्व पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बिहार में लालू-राबड़ी शासन के दौरान 32 हज़ार से अधिक अपहरण की घटनाएँ हुई थीं, और यह सरकारी आंकड़े हैं। राय ने दावा किया कि अपहरण के अलावा और कितने लोग गायब हुए, यह किसी को पता नहीं।


BJP कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में नित्यानंद राय ने कहा कि बिहार के लोग उस दौर के “जंगल राज” को भली-भांति जानते हैं। उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन में बिहार में अपराध की स्थिति गंभीर थी। राय ने कहा कि उस समय अपहरण का उद्योग आम था और हत्या की घटनाएं लाखों में हुईं। उन्होंने यह भी बताया कि उस समय FIR तक दर्ज नहीं की जाती थी। राय ने कहा कि उनके शासनकाल में 59 नरसंहार हुए, जिसे उन्होंने जंगल राज का प्रतीक बताया।


इसके अलावा नित्यानंद राय ने बताया कि लालू-राबड़ी के दौर में गरीबों को बूथ तक पहुँचने से रोका जाता था। उन्होंने दावा किया कि उस समय 50 पुलिसकर्मी मारे गए और राजद के गुंडों द्वारा कई निर्दोष लोगों की हत्या की जाती थी। बच्चों तक को स्कूल जाने में डर लगता था। राय ने कहा कि बिहार में बच्चों का अपहरण आम बात थी और इस पूरे दौर में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिलता था।


नित्यानंद राय ने तेजस्वी यादव को चुनौती देते हुए कहा कि यदि हिम्मत है तो उन्हें इस सच को स्वीकार करना चाहिए और तब जाकर चुनावी मैदान में उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस सरकार में अपराधियों को संरक्षण मिलता हो, उसे सरकार कहना ही बेकार है। राय ने लालू यादव के घर से अपराधियों को संरक्षण मिलने का आरोप भी लगाया।


उन्होंने 2020 के घटनाक्रम का भी जिक्र किया। राय ने कहा कि 7 नवंबर 2020 को अंतिम मतदान हुआ था और उस समय तेजस्वी यादव को लगा कि उनकी सरकार बनने वाली है। इसी डर और उत्साह में आरजेडी के लोग दो दिन तक बिहार में तांडव करते रहे, जिससे राज्य में भय और असुरक्षा का माहौल बन गया। राय ने कहा कि उस समय बिहार के लोग न सो पाए और न ही खा पाए।


नित्यानंद राय ने यह भी कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी जी को भी उस समय बिहार आकर यह कहना पड़ा कि किसी बच्चे या नागरिक को वापस लौटाया जाए। राय ने साफ शब्दों में कहा कि आरजेडी ने बिहार में अपराध और असुरक्षा का माहौल बनाया और इसे जनता ने भली-भांति देखा है। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता जंगल राज वाले शासन को भूल नहीं सकती और इस बार चुनाव में आरजेडी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।


इधर, बिहार में चुनाव की तैयारियों के बीच BJP की यह हमला-भारी रणनीति साफ संकेत देती है कि पार्टी राजद के नेतृत्व और उनके शासनकाल की पोल खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। नित्यानंद राय के इस बयान ने राज्य की राजनीतिक गरमी को और बढ़ा दिया है।