1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 20 Oct 2025 08:43:21 AM IST
बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो Google
Bihar Election 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अक्टूबर को समस्तीपुर के कर्पूरीग्राम से बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। वे सबसे पहले जननायक एवं भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जिसके बाद दुधपुरा हवाई अड्डा मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस मौके पर पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और हेलीपैड निर्माण कार्य युद्धस्तर पर पूरा किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी का कर्पूरीग्राम से चुनाव प्रचार की शुरुआत करना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक गहरी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। ऐसे में भाजपा ने पिछड़ा और अतिपिछड़ा वोट बैंक को साधने के लिए यह प्रतीकात्मक कदम उठाया है। कर्पूरी ठाकुर, जो पिछड़ा वर्ग के प्रतीक माने जाते हैं, उनके गांव से अभियान शुरू करना भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग रणनीति का अहम हिस्सा है।
बीजेपी के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की यह रैली बिहार चुनाव के लिए टोन सेट करने वाली रैली साबित होगी। इस मंच से वे न सिर्फ महागठबंधन सरकार पर हमला बोलेंगे, बल्कि बिहार में विकास, रोजगार, और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर एनडीए की प्रतिबद्धता भी दोहराएंगे। माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस रैली में नीतीश कुमार और केंद्र सरकार के कामकाज की उपलब्धियों का भी जिक्र करेंगे और “डबल इंजन की सरकार” की ताकत पर जोर देंगे।
दरअसल, बिहार की राजनीति में “जननायक” शब्द इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव तीनों के समर्थक उन्हें ‘जननायक’ कहकर प्रचारित कर रहे हैं। इसी पृष्ठभूमि में भाजपा ने यह संदेश देने की योजना बनाई है कि “असली जननायक कर्पूरी ठाकुर थे,” जिनकी विचारधारा गरीबों और पिछड़ों के उत्थान से जुड़ी रही। मोदी का कर्पूरीग्राम से प्रचार शुरू करना एनडीए के वैचारिक और सामाजिक संदेश को मजबूत करने की दिशा में एक प्रतीकात्मक कदम है।
2024 लोकसभा चुनाव में जब केंद्र की मोदी सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया, तो बिहार के राजनीतिक समीकरणों पर इसका गहरा असर पड़ा था। इसके बाद नीतीश कुमार की सिफारिश पर उनके पुत्र रामनाथ ठाकुर को केंद्रीय मंत्री बनाया गया, जिससे भाजपा और जदयू के बीच संबंधों में मजबूती आई। अब विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए इसी जनाधार को और मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
ऐसे में माना जा रहा है कि कर्पूरीग्राम से शुरू होने वाला यह अभियान भाजपा की ओर से एक राजनीतिक प्रतीकवाद और भावनात्मक जुड़ाव दोनों का संगम है। इससे पार्टी बिहार के सामाजिक समीकरणों में अपनी पकड़ मजबूत करने और महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश करेगी। आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री मोदी की और भी कई सभाएं बिहार के विभिन्न जिलों में प्रस्तावित हैं, जो बिहार चुनाव 2025 के लिए एनडीए के मजबूत चुनावी अभियान की दिशा तय करेंगी।