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Bihar Election 2025: बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री लड़ेंगे विधानसभा का चुनाव, जानिए सीट और नामांकन की तारीख

Bihar Election 2025: एनडीए के खेमों में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी मंथन जारी है। इसी बीच एनडीए खेमे से बड़ी खबर आई है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा दोनों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 14 Oct 2025 09:26:02 AM IST

Bihar Election 2025

बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही खेमों में सीट बंटवारे को लेकर अंदरूनी मंथन जारी है। इसी बीच एनडीए खेमे से बड़ी खबर आई है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा दोनों ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।


जानकारी के मुताबिक, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी तारापुर विधानसभा सीट से मैदान में उतरेंगे। वे 16 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे, जिसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। तारापुर में पहले से ही जेडीयू और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बैठकों का दौर शुरू हो गया है। स्थानीय स्तर पर एनडीए के नेता सम्राट चौधरी के नामांकन के लिए शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में जुटे हैं। बताया जा रहा है कि उनके नामांकन के दिन एनडीए एकजुटता का बड़ा संदेश देने की कोशिश करेगा।


वहीं बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा भी 15 अक्टूबर को नामांकन करेंगे। वे पारंपरिक रूप से अपनी मजबूत मानी जाने वाली लखीसराय विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। विजय सिन्हा के नामांकन के दौरान भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे, और इसे एनडीए की “शक्ति प्रदर्शन सभा” का रूप दिया जा सकता है। लखीसराय में पहले से ही बैनर-पोस्टर और रोड शो की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।


दूसरी ओर, एनडीए और महागठबंधन दोनों ही में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान अपने चरम पर है। एनडीए में जहां भाजपा और जेडीयू के बीच 101-101 सीटों का फार्मूला लगभग तय है, वहीं महागठबंधन में राजद-कांग्रेस और वाम दलों के बीच सहमति बनने में देरी हो रही है। चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (राम विलास) को लेकर भी एनडीए के भीतर कुछ सीटों पर मतभेद की स्थिति बनी हुई है, जिसे सुलझाने की कोशिशें जारी हैं 


दोनों उपमुख्यमंत्रियों का सक्रिय रूप से चुनाव मैदान में उतरना एक रणनीतिक संकेत है। इससे भाजपा यह संदेश देना चाहती है कि वह केवल संगठन स्तर पर नहीं, बल्कि नेतृत्व स्तर पर भी पूरी मजबूती से चुनावी जंग लड़ रही है। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा दोनों ही भाजपा के ओबीसी वोट बैंक में महत्वपूर्ण चेहरों के रूप में देखे जाते हैं। ऐसे में दोनों की संयुक्त उपस्थिति एनडीए के लिए सामाजिक समीकरणों को साधने में मददगार साबित हो सकती है।


महागठबंधन की ओर से भी तारापुर और लखीसराय दोनों सीटों को “सिम्बॉलिक” माना जा रहा है। इन सीटों पर विपक्षी दल भाजपा को कड़ी टक्कर देने की रणनीति बना रहे हैं। राजद की ओर से संभावित उम्मीदवारों के नाम पर मंथन चल रहा है, जबकि कांग्रेस इन दोनों सीटों में से एक पर दावा ठोक सकती है।


15 और 16 अक्टूबर को बिहार में एनडीए के लिए दो बड़े राजनीतिक आयोजन होंगे। पहले विजय सिन्हा का लखीसराय में नामांकन और अगले दिन सम्राट चौधरी का तारापुर में नामांकन दोनों को भाजपा अपने “डबल शो ऑफ स्ट्रेंथ” के रूप में पेश करने की योजना बना रही है। दोनों जगहों पर एनडीए के वरिष्ठ नेता, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहेंगे। इन नामांकनों के जरिए एनडीए यह संदेश देना चाहती है कि चुनावी मैदान में वह पूरी मजबूती और एकजुटता के साथ उतर रही है।