1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Nov 2025 01:47:28 PM IST
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Bihar BJP President : बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को मिली प्रचंड बहुमत वाली जीत के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी में है। पार्टी के ‘एक नेता, एक पद’ सिद्धांत के तहत यह तय माना जा रहा है कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल, जो दोबारा नीतीश सरकार में मंत्री बनकर लौट आए हैं, अब जल्द ही इस पद से इस्तीफा देंगे या पार्टी उन्हें किसी अन्य जिम्मेदारी पर शिफ्ट करेगी। सियासी गलियारों में इस बदलाव की चर्चाएं काफी तेज हैं।
गुरुवार को पटना के गांधी मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में दिलीप कुमार जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों डिप्टी सीएम—सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा—के साथ मंत्री पद की शपथ ली। कुल 26 मंत्रियों ने शपथ ली, जिनमें जायसवाल भी शामिल रहे। दिलचस्प बात यह है कि वह पहले भी नीतीश कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, बिहार बीजेपी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उन्होंने राजस्व मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
अब जब वह दोबारा मंत्री बन गए हैं, ऐसे में यह लगभग तय है कि भाजपा किसी नए चेहरे को बिहार प्रदेश संगठन की कमान देगी। यह फैसला बीजेपी की उस नीति के अनुरूप होगा, जिसमें एक नेता को एक ही महत्वपूर्ण पद पर रखा जाता है।
दिलीप कुमार जायसवाल बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और नीतीश कैबिनेट में एमएलसी कोटे से शामिल किए गए हैं। पिछले वर्ष जुलाई में सम्राट चौधरी के डिप्टी सीएम बनने के बाद दिलीप जायसवाल को बिहार भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। उस समय भी वह मंत्री के रूप में कार्यरत थे और राजस्व विभाग देख रहे थे। हालांकि, फरवरी 2025 में उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया था, जिसके बाद संजय सरावगी को नया राजस्व मंत्री नियुक्त किया गया था।
जायसवाल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी के चुनावी अभियानों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उनके नेतृत्व में भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनावों में बिहार से बेहतर प्रदर्शन किया था, और 2025 के विधानसभा चुनावों में भी पार्टी ने अपनी सीटों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है।
बीजेपी में नए अध्यक्ष को लेकर मंथन शुरू
अब जबकि दिलीप कुमार जायसवाल दोबारा मंत्री बन गए हैं, पार्टी में इस पद के लिए नए नेतृत्व की तलाश शुरू हो चुकी है। संगठन सूत्रों के मुताबिक, बिहार बीजेपी को एक ऐसे नेता की जरूरत है जो न सिर्फ संगठन को मजबूत करे, बल्कि आगामी नगर निकाय चुनावों और 2029 लोकसभा चुनाव की रणनीति को भी तीखे तरीके से आगे बढ़ा सके।
हालांकि अभी किसी नाम पर आधिकारिक चर्चा सामने नहीं आई है, लेकिन कई संभावित नेताओं के नाम जोर पकड़ने लगे हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी जातीय और भौगोलिक संतुलन को ध्यान में रखकर नया अध्यक्ष चुनेगी, ताकि पार्टी का जनाधार और व्यापक हो सके। चुनावी जीत के बाद संगठन को और मजबूत करने के लिए यह बदलाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
एनडीए सरकार के गठन के बाद अब भाजपा पूरी तरह संगठनात्मक मजबूती और प्रशासनिक तालमेल पर फोकस कर रही है। दिलीप जायसवाल के पुनः मंत्री पद ग्रहण करने से यह स्पष्ट है कि शीर्ष नेतृत्व उन्हें सरकार में सक्रिय भूमिका देना चाहता है। वहीं, नया प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने से पार्टी को नए जोश और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। आने वाले कुछ हफ्तों में बिहार बीजेपी में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। पार्टी के भीतर मंथन जारी है और जल्द ही भाजपा संगठन को नया नेतृत्व मिल सकता है।