ब्रेकिंग न्यूज़

बिहार के चुनावी रण में ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस: ओवैसी की AIMIM के साथ आईं यह दो पार्टियां, NDA और महागठबंधन से होगी सीधी टक्कर बिहार के चुनावी रण में ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस: ओवैसी की AIMIM के साथ आईं यह दो पार्टियां, NDA और महागठबंधन से होगी सीधी टक्कर Bihar Election News : BJP में कैंडिडेट चयन को लेकर आया यह फार्मूला, 33% पुराने कैंडिडेट का नाम कटा; जानिए क्या रही वजह Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले EC का बड़ा आदेश, एजेंसियों को जारी किए यह निर्देश Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले EC का बड़ा आदेश, एजेंसियों को जारी किए यह निर्देश Bihar Election 2025: बिहार में नामांकन से पहले बीजेपी के बागी नेता अरेस्ट, गिरिराज सिंह पर लगाए गंभीर आरोप Bihar Election 2025: बिहार में नामांकन से पहले बीजेपी के बागी नेता अरेस्ट, गिरिराज सिंह पर लगाए गंभीर आरोप , Bihar Assembly Election 2025 : बाहुबली पूर्व विधायक के पत्नी बिहार की सबसे अधिक पैसे वाली नेता, जानिए सबसे गरीब का क्या है नाम Bihar Crime News: बिहार में चार दिन से लापता युवती का बोरे में मिला शव, हत्या कर फेंकने की आशंका; पटना में शिक्षक भर्ती परीक्षा की करती थी तैयारी Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव में ग्रुप D कर्मचारियों के बड़ी खुशखबरी, अब इस काम के लिए 200 नहीं, मिलेंगे इतने रुपये

Bihar News: घऱ में ही कमजोर पड़े राधामोहन सिंह...संसदीय क्षेत्र की सीट भी नहीं बचा पाए ! राजू तिवारी ने ले ली BJP की सीटिंग सीट..भाजपा विधायक हुए बेटिकट

एनडीए के अंदर सीट बंटवारे को लेकर घमासान जारी है। भाजपा सांसद राधामोहन सिंह अपने संसदीय क्षेत्र पूर्वी चंपारण की सीटिंग सीट गोविंदगंज भी नहीं बचा पाए। यह सीट लोजपा (रामविलास) के खाते में चली गई। भाजपा विधायक सुनील मणी तिवारी बेटिकट हो गए.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Wed, 15 Oct 2025 11:04:08 AM IST

गोविंदगंज विधानसभा, बिहार समाचार, राधामोहन सिंह, Bihar Election 2025, BJP seat sharing, Radhmohan Singh news, Govindganj seat, Bihar NDA dispute, Chirag Paswan LJP, Bihar politics, BJP JDU tension, Ra

- फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कई मायनों में अलग है. सीट बंटवारे में इतना पेंच शायद की किसी चुनाव में फंसा होगा. एनडीए हो या महागठबंधन, दोनों तरफ सिर फुटौव्वल है. एनडीए में सीटों का बंटवारा होते ही विवाद बढ़ गया. सहयोगी दलों के मनाने में भाजपा दिन-रात एक किए हुए है, फिर भी संकट टला नहीं है. एक को मनाओ तो दूसरा रूठ जा रहा. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू 9 सीटों को लेकर नाराज हुई, भाजपा ने नाराजगी दूर की तो अब उपेन्द्र कुशवाहा रूठ गए हैं. इस चुनाव में भाजपा को कई कुर्बानी देनी पड़ रही. सहयोगी दलों को खुश करने के लिए सीटिंग सीट छोड़नी पड़ रही. इसी के साथ भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय क्षत्रपों की ताकत का भी पता चल रहा. सहयोगी दलों के आगे बड़े-बड़े नेता अपने घर में ही धराशायी होते दिख रहे हैं. 

अपने संसदीय क्षेत्र की सीटिंग सीट भी बचाने में असफल रहे राधामोहन सिंह 

जानकार बताते हैं कि, भाजपा सांसद राधामोहन सिंह ने अपने ससंदीय क्षेत्र पूर्वी चंपारण की एक सीटिंग सीट गोविंदगंज को बचाने की सारी ताकत लगा दी. सफल नहीं हुए, घऱ की राजनीति में ही औंधे मुंह गिर गए. वो सीट लोजपा(रामविलास) के खाते में चली गई. इसी के साथ भाजपा के सीटिंग विधायक सुनील मणी तिवारी बेटिकट गए. चिराग पासवान ने अपने प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को गोविंदगंज सीट से टिकट थमा दिया. जबकि भाजपा विधायक सुनील मणी तिवारी इस सीट से नामांकन की पूरी तैयारी कर ली थी, 17 अक्टूबर को नामांकन की तारीख तय थी, इसी बीच पार्टी गोविंदगंज सीट गवां बैठी. जानकार बताते हैं कि राधामोहन सिंह किसी भी कीमत पर यह सीट सहयोगी दल को छोड़ना नहीं चाहते थे. इसके लिए हर हथकंड़ा अपनाया, लेकिन इनकी बात नहीं सुनी गई. भाजपा ने राधामोहन सिंह की डिमांड को खारिज कर सीट सहयोगी दल के लिए छोड़ दी.

अपने हिसाब से पार्टी को हांकने वाले नेता संसदीय क्षेत्र में ही हो गए चित्त !

भाजपा के कद्दावर नेता व अपने संसदीय क्षेत्र में पार्टी को अपने हिसाब से चलाने वाले राधामोहन सिंह की इस बार दाल नहीं गली. वे अपने लोकसभा क्षेत्र की सीटिंग सीट भी बचाने में कामयाब नहीं हुए. पूर्वी चंपारण संसदीय क्षेत्र में वर्तमान में भाजपा के चार विधायक हैं. इनमें मोतिहारी, पीपरा, गोविंदगंज और हरसिद्धी विधानसभा क्षेत्र शामिल है. इनमें पीपरा, मोतिहारी और हरसिद्धी की सीट और उम्मीदवार तो बच गए, लेकिन गोविंदगंज सीट हाथ से निकल गई. सीटिंग विधायक होने के बाद भी यह सीट सहयोगी दल के खाते में चली गई.

जानकार बताते हैं कि राधामोहन सिंह अपनी सीट और विधायक को बचाने का मामला प्रतिष्ठा से जोड़ा था. इसके लिए पटना से लेकर दिल्ली तक दौड़ लगाई, लेकिन कामयाब नहीं हो सके. इसके बाद चर्चा चल पड़ी है कि राधामोहन सिंह की अब पहले वाली राजनीतिक ताकत नहीं रही. अब कमजोर पड़ गए हैं. तभी तो अपने संसदीय क्षेत्र की सीटिंग सीट को भी बचाने में कामयाब नहीं हुए. उनके संसदीय क्षेत्र की सीट को इनके अपरोक्ष तौर पर राजनीतिक विरोधी राजू तिवारी ने हथिया लिया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मोतिहारी में भी अब राधामोहन सिंह की नहीं चल रही...यह भी इनके लिए सेफ नहीं रहा ? अब यहां भी सेंधमारी शुरू हो गई और स्थानीय सांसद देखते रह गए.