1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Nov 2025 02:10:45 PM IST
बिहार चुनाव रिजल्ट 2025 - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Election Result: चंपारण की सभी 21 विधानसभा सीटों में से 18 पर एनडीए आगे चल रहा है। चंपारण के चुनाव परिणाम एनडीए के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, क्योंकि यह क्षेत्र राजनीतिक दृष्टि से हमेशा से ही संवेदनशील और निर्णायक रहा है। चंपारण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से भी जुड़ा हुआ है। महात्मा गांधी ने इसी क्षेत्र से अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की थी, जिसे चंपारण सत्याग्रह कहा जाता है।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में यहां की 21 सीटों में से 17 पर एनडीए को जीत मिली थी। इस बार भी रुझानों के अनुसार एनडीए का दबदबा बरकरार है। पश्चिमी चंपारण की बाल्मीकिनगर सीट पर जेडीयू ने फिर से धीरेंद्र प्रताप सिंह पर दांव लगाया है, जबकि कांग्रेस ने सुरेंद्र कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया। जनसुराज पार्टी के दृग नारायण प्रसाद का नामांकन पहले ही रद्द हो गया था। बाल्मीकिनगर में थारू आदिवासियों के वोट निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
चंपारण में बीजेपी की स्थिति मजबूत नजर आ रही है। 21 सीटों में से 18 पर एनडीए आगे है, जबकि महागठबंधन केवल तीन सीटों पर ही आगे चल रहा है। रुझानों में जेडीयू का जबरदस्त प्रदर्शन दिख रहा है। नरकटियागंज में भाजपा प्रत्याशी संजय कुमार पांडेय भारी मतों से जीत दर्ज कर चुके हैं। उन्हें कुल 93684 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी आरजेडी के दीपक यादव को 60,998 वोट मिले। इस तरह संजय कुमार पांडेय ने 23763 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की।
वाल्मीकिनगर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र प्रसाद राउंड में आगे चल रहे हैं। उन्हें 46,226 वोट मिले, जबकि जेडीयू के धीरेंद्र प्रताप सिंह पीछे हैं। वहीं चनपटिया विधानसभा के 16वें राउंड में भाजपा प्रत्याशी उमाकांत सिंह 5,400 वोटों के अंतर से आगे हैं।
अब सभी सीटों पर परिणाम साफ होने लगे हैं। जिन सीटों पर प्रत्याशी कम अंतर से आगे-पीछे हैं, वहां ही उलटफेर की संभावना बनी हुई है। अन्य सीटों पर स्थिति स्पष्ट दिख रही है। वर्तमान रुझानों के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए लगभग 200 सीटों पर जीत दर्ज करती हुई नजर आ रही है, जबकि महागठबंधन को निराशा ही हाथ लगी है।
इस बार के चुनाव में चंपारण का परिणाम न केवल राजनीतिक संतुलन को प्रभावित करेगा, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों में भी इसका असर देखने को मिल सकता है। एनडीए की बढ़ती लोकप्रियता और जेडीयू-भाजपा के संयुक्त प्रभाव ने महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।