बिहार विधानसभा चुनाव 2025: शुरुआती रुझानों में एनडीए की बढ़त, कई वीवीआईपी सीटों पर कड़ा मुकाबला

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना शुरू होते ही शुरुआती रुझानों में एनडीए बढ़त बनाए हुए है। राघोपुर से तेजस्वी यादव आगे चल रहे हैं, जबकि कई वीवीआईपी सीटों पर कड़ा मुकाबला जारी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Nov 2025 08:38:25 AM IST

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: शुरुआती रुझानों में एनडीए की बढ़त, कई वीवीआईपी सीटों पर कड़ा मुकाबला

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Bihar Election Counting : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना शुरू होते ही पूरे राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। सुबह 8 बजे आरंभ हुई काउंटिंग के शुरुआती रुझान अब सामने आने लगे हैं, जिनमें इस बार एनडीए को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। पहले दौर की गिनती में बैलेट पेपर खोलने के साथ ही ईवीएम की परतें भी खुलनी शुरू हो गई हैं। शुरुआती रुझानों में एनडीए 101 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि महागठबंधन 32 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।


एनडीए के भीतर देखें तो भाजपा 31 सीटों पर बढ़त में है, जदयू 25 सीटों पर आगे चल रही है, लोजपा (रा) 3 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है और अन्य सहयोगी 2 सीटों पर बढ़त में हैं। वहीं, महागठबंधन की ओर से राजद 30 सीटों पर आगे है, कांग्रेस 2 पर बढ़त बनाए हुए है, सीपीआई (एमएल) एक सीट पर शुरुआती बढ़त में है। इसके अलावा जनसुराज 2 सीटों, अन्य 6 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।


इस बार का चुनाव राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि राज्य में 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुआ था, जिसमें 67.10% वोट पड़े। यह भागीदारी 2020 के चुनावों की तुलना में लगभग 10% अधिक रही, जो मतदाताओं की बढ़ी राजनीतिक जागरूकता और चुनाव को लेकर उत्साह को दर्शाती है।


तेजस्वी राघोपुर से आगे, महुआ से तेज प्रतिद्वंद्विता

वीआईपी सीटों में शामिल राघोपुर से राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शुरुआती रुझानों में एनडीए प्रत्याशी सतीश यादव से आगे चल रहे हैं। राघोपुर सीट हमेशा से यादव परिवार का गढ़ रही है, और इस बार भी तेजस्वी की बढ़त उसी परंपरा को दर्शा रही है। वहीं तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप यादव महुआ सीट से फिलहाल पीछे चल रहे हैं। महुआ में मुकाबला काफी रोचक बताया जा रहा है और जैसे-जैसे राउंड बढ़ेंगे, तस्वीर और स्पष्ट होगी।


काउंटिंग की रफ़्तार: हर राउंड में 14 EVM की गिनती

चुनाव आयोग ने इस बार काउंटिंग प्रक्रिया को सुचारू और तेज रखने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। एक राउंड में 14 ईवीएम की गिनती की जा रही है, जिसके लिए हर काउंटिंग सेंटर पर 14 टेबल लगाए गए हैं। सबसे पहले बरबीघा सीट का परिणाम आने की संभावना है, क्योंकि वहां की गिनती तेजी से पूरी की जा रही है। राज्य भर में कुल 38 जिलों में 46 काउंटिंग सेंटर बनाए गए हैं। हर केंद्र पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। जिला प्रशासन से लेकर पुलिस-प्रशासन और केंद्रीय बलों तक सभी उच्च सतर्कता पर हैं।

दोपहर 12 बजे तक कुल 2,616 उम्मीदवारों की सीटों का रुझान और तस्वीर लगभग साफ होने की संभावना है। ऐसा कहा जा रहा है कि दोपहर तक का समय सियासी दलों के लिए निर्णायक रहेगा। इसमें नीतीश सरकार के 29 मंत्री और बाहुबली नेताओं वाली 15 सीटें शामिल हैं, जिन पर सबकी नज़र टिकी है।


सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम: मोतिहारी में वाटर कैनन, पटना में सीएम हाउस की सुरक्षा बढ़ी

काउंटिंग के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। राजधानी पटना में सीएम हाउस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं, मोतिहारी जिले के काउंटिंग सेंटर के बाहर भीड़ नियंत्रण के लिए वाटर कैनन की व्यवस्था की गई है।


हर काउंटिंग सेंटर पर तीन-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार पहले काउंटिंग हॉल में केवल अधिकृत कर्मियों को ही प्रवेश दिया जा रहा है। मतगणना केंद्रों के बाहर बड़ी तादाद में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न होने पाए।

रिकॉर्ड मतदान बना चर्चाओं का विषय

इस बार बिहार में हुए 67.10% मतदान ने पिछले चुनावों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरों तक मतदाताओं ने उत्साह दिखाया। महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रूप से अधिक दर्ज की गई। जानकारों का मानना है कि अधिक मतदान का सीधा असर चुनाव परिणामों पर देखने को मिल सकता है और कई सीटों पर विरोधी लहरों की चुनौती बढ़ सकती है।


कई बाहुबलियों और मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

इस चुनाव का एक खास पहलू यह भी है कि इस बार कई सीटों पर बाहुबली और उनके परिवार के सदस्य चुनाव मैदान में हैं। कुल 15 ऐसी सीटें हैं जहां बहुकोणीय मुकाबला बेहद रोमांचक मोड़ पर है। साथ ही नीतीश सरकार के 29 मंत्रियों का भविष्य भी मतगणना पर निर्भर है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मंत्रियों के प्रदर्शन का असर सरकार के भविष्य पर भी सीधा पड़ेगा।


नतीजों की तस्वीर धीरे-धीरे होती स्पष्ट

रुझानों के साथ ही राजनीतिक दलों के कार्यालयों में भी गतिविधियां बढ़ गई हैं। एनडीए खेमे में जहां शुरुआती बढ़त से उत्साह का माहौल है, वहीं महागठबंधन अभी सावधानी भरा रुख बनाए हुए है। राउंड बढ़ने के साथ ही दोनों तरफ रणनीति और समीकरण बनाए जा रहे हैं।सभी की निगाहें दोपहर 12 बजे पर टिकी हैं, जब तस्वीर काफी हद तक साफ होने की संभावना है। शुरुआती रुझानों में एनडीए की बढ़त जारी है, लेकिन अंतिम नतीजे आने तक सस्पेंस बना रहेगा।