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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 13 Oct 2025 02:10:57 PM IST
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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले काराकाट विधानसभा सीट पर सियासी पारा तेजी से चढ़ने लगा है। भोजपुरी सुपरस्टार और बीजेपी नेता पवन सिंह के राजनीतिक कदमों ने जहां पहले ही हलचल मचा रखी थी, वहीं अब उनकी पत्नी ज्योति सिंह के चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी ने इस मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है। पवन सिंह ने हाल ही में घोषणा की थी कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन उसी वक्त ज्योति सिंह ने चुनावी मैदान में उतरने के संकेत देकर राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है।
ज्योति सिंह ने साफ किया कि वे काराकाट सीट से चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला अगले दो दिनों में तय हो जाएगा कि वे किसी पार्टी के टिकट पर उतरेंगी या निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान संभालेंगी। पिछले कुछ हफ्तों से वे लगातार काराकाट क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रही हैं। कभी वे महिलाओं से संवाद करती हैं, तो कभी गांवों में चौपाल लगाकर स्थानीय मुद्दों पर चर्चा करती दिखाई देती हैं।
स्थानीय लोगों के बीच ज्योति सिंह की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ रही है। उनके पिता ने मीडिया से कहा कि “ज्योति ने वर्षों से काराकाट क्षेत्र में काम किया है। लोगों के सुख-दुख में हमेशा साथ रही हैं, इसलिए जनता उन्हें अपना मानती है।”
हाल ही में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) से ज्योति सिंह की मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में नई हलचल मचा दी थी। हालांकि, ज्योति ने इसे पूरी तरह से “गैर-राजनीतिक” बताते हुए कहा कि वे “टिकट मांगने नहीं, बल्कि अपनी निजी परेशानियां साझा करने” गई थीं। इसके बावजूद बिहार की राजनीति में इसे एक रणनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि PK का संगठन फिलहाल बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच बीते कुछ महीनों से पारिवारिक विवाद भी सुर्खियों में रहा है। दोनों एक-दूसरे पर सोशल मीडिया और मीडिया इंटरव्यू में लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं। ज्योति सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए पवन सिंह ने कहा था, “इनको पति की याद चुनाव के समय ही क्यों आती है? ये बार-बार मेरे ऊपर चुनाव लड़ाने का दबाव बना रही हैं, जबकि ये मेरे हाथ में नहीं है।” राजनीतिक हलकों में इस विवाद को भी चुनावी रणनीति के नजरिए से देखा जा रहा है। कई विश्लेषकों का मानना है कि ज्योति सिंह की सक्रियता और पवन सिंह की लोकप्रियता मिलकर काराकाट सीट को चर्चाओं के केंद्र में ले आई है।
हाल ही में पवन सिंह की बीजेपी में वापसी ने पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया है। उनका भोजपुरी बेल्ट में बड़ा फैन बेस है, जो राजनीतिक प्रभाव में तब्दील हो सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, भभुआ और औरंगाबाद जैसे जिलों में पवन सिंह की मौजूदगी से भाजपा को बड़ा फायदा हो सकता है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में एनडीए को हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, लोकसभा चुनाव में भी काराकाट सीट पर एनडीए पिछड़ गया था। पवन सिंह ने उस वक्त निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और 2,74,723 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। इस मुकाबले में उन्होंने आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा जैसे दिग्गज नेता को पीछे छोड़ दिया था।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ज्योति सिंह वाकई चुनावी मैदान में उतरती हैं, तो काराकाट विधानसभा का मुकाबला बेहद दिलचस्प होगा। एक तरफ बीजेपी, दूसरी तरफ आरजेडी और तीसरी तरफ जन सुराज जैसे विकल्प मौजूद होंगे। वहीं, अगर ज्योति निर्दलीय उतरती हैं, तो महिला मतदाताओं और युवाओं के बीच उनकी पकड़ अन्य प्रत्याशियों के लिए चुनौती बन सकती है।
बिहार चुनाव 2025 में काराकाट सीट सिर्फ एक विधानसभा क्षेत्र नहीं, बल्कि एक सियासी प्रयोगशाला बन गई है — जहां स्टार पावर, पारिवारिक विवाद और स्थानीय जनभावनाएं तीनों मिलकर एक नया समीकरण बना रही हैं। पवन सिंह की राजनीतिक वापसी और ज्योति सिंह की सक्रियता ने इस सीट को राज्य की सबसे हॉट सीट्स में से एक बना दिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में ज्योति सिंह किस पार्टी के साथ अपना राजनीतिक सफर शुरू करती हैं, या फिर निर्दलीय रहकर एक नया अध्याय लिखती हैं।