1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 22 Oct 2025 09:19:16 AM IST
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Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर IRCTC होटल मामले में गंभीर संकट गहरा गया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में लगभग एक दर्जन गवाहों की सूची अदालत में सौंप दी है। ये गवाह लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों के कथित संलिप्तता के बारे में गवाही देंगे। CBI ने इन गवाहों को पहले ही औपचारिक नोटिस जारी कर 27 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है। इस दिन से इस मामले में ट्रायल शुरू होगा।
सूत्रों के अनुसार, CBI इन गवाहों की पूछताछ को जल्द पूरा करने की योजना बना रही है और इसके बाद मामले में आरोपों को पुष्ट करने के लिए और गवाह भी पेश किए जा सकते हैं।
इस महीने की शुरुआत में ही एक विशेष CBI अदालत ने लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे। अदालत ने लालू प्रसाद पर भ्रष्टाचार, आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के आरोप लगाए हैं। वहीं, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर षड्यंत्र और धोखाधड़ी सहित कई आरोप तय किए गए हैं। तीनों आरोपियों ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया है और संभव है कि वे अदालत के आदेश को चुनौती दें।
13 अक्टूबर को विशेष CBI अदालत के जज विशाल गोगने ने आरोप तय करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट हुआ कि लालू प्रसाद को पूरी प्रक्रिया की जानकारी थी और उन्होंने होटलों के हस्तांतरण में हस्तक्षेप किया। जज ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि निविदा प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए थे और यह स्पष्ट हुआ कि भूमि का मूल्यांकन कम करके उसे लालू के करीबी सहयोगियों के हाथों में दिया गया। आदेश में मामले में “मिलीभगत” के पहलू को भी उजागर किया गया।
CBI ने आरोप लगाया है कि यादव परिवार ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) की निविदाओं और अवैध भूमि हस्तांतरण में हेरफेर किया। लालू प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए कोचर बंधुओं—विजय कोचर और विनय कोचर—के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचा। इसके तहत रांची और पुरी में रेलवे के बीएनआर होटलों को उप-पट्टे पर देने में फर्म को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
आरोपपत्र के अनुसार, ठेके के बदले में कोचर बंधुओं ने पटना में एक प्रमुख भूखंड को लालू के करीबी सहयोगी प्रेम चंद गुप्ता और उनके सहयोगियों के नियंत्रण में दी गई कंपनी को बेच दिया। बाद में यह संपत्ति यादव परिवार के नियंत्रण में आ गई और उन्हें मामूली कीमत पर हस्तांतरित कर दी गई।
विशेष अदालत ने यह भी कहा कि निविदा प्रक्रिया में बदलाव और संपत्ति के हस्तांतरण में गड़बड़ी की संभावना साफ़ तौर पर सामने आई। आरोप पढ़े जाने के बाद लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने अदालत में अपनी निर्दोषता का दावा किया और मुकदमे का सामना करने की बात कही।
इस मामले से बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की राजनीतिक छवि पर असर पड़ने की संभावना है। आने वाले हफ्तों में अदालत में गवाहों की गवाही और CBI की रणनीति इस केस को और सुर्खियों में ला सकती है।