bihar assembly election results : NDA के छोटे दलों का अबतक क्या है हाल, चिराग -मांझी और कुशवाहा की पार्टी के कैंडिडेट कितने सीटों पर चल रहे आगे

बिहार चुनाव 2025 की मतगणना में लोजपा रामविलास 22 सीटों पर, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा 4 सीटों पर और राष्ट्रीय लोक मोर्चा मधुबनी से एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है। छोटे दलों का प्रदर्शन दमदार।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Nov 2025 11:12:32 AM IST

bihar assembly election results : NDA के छोटे दलों का अबतक क्या है हाल, चिराग -मांझी और कुशवाहा की पार्टी के कैंडिडेट कितने सीटों पर चल रहे आगे

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bihar assembly election results : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना जारी है और रुझानों में छोटे दलों का प्रदर्शन इस बार काफी मजबूत दिखाई दे रहा है। खासकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) कई सीटों पर प्रभावी पकड़ बनाए हुए हैं। वहीं राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को भी शुरुआती रुझानों में कुछ राहत मिली है। बदलते राजनीतिक माहौल के बीच छोटे दलों की यह बढ़त बिहार की राजनीति में नए समीकरणों की ओर इशारा कर रही है।


लोजपा (रामविलास) का शानदार प्रदर्शन—29 में से 22 सीटों पर बढ़त

शुरुआती रुझानों में सबसे बेहतर प्रदर्शन लोजपा (रामविलास) कर रही है। पार्टी 29 में से 22 सीटों पर आगे चल रही है, जो किसी भी क्षेत्रीय दल के लिए बड़ा राजनीतिक संकेत है। लोजपा (रामविलास) जिन प्रमुख सीटों पर बढ़त बनाए हुए है उनमें—सुगौली, गोविंदगंज, बेलसंड, बहादुरगंज, कस्बा, बलरामपुर, सिमरी बख्तियारपुर, बहुअरी, दरौली, गढ़खा, महुआ, बकरी, प्रवक्ता, नाथनगर, बख्तियारपुर, फतुहा, डेहरी, ओबरा, शेरघाटी, बोधगया, रजौली और गोविंदपुर शामिल हैं।


इन क्षेत्रों में लोजपा उम्मीदवारों का प्रदर्शन उम्मीद से कहीं बेहतर है। माना जा रहा है कि युवाओं, अतिपिछड़ा वर्ग और महादलित समुदाय में पार्टी की पकड़ इस चुनाव में काफी मजबूत नजर आ रही है। इसके साथ ही चिराग पासवान की आक्रामक चुनावी रणनीति भी इन नतीजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती दिख रही है।


हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का भी बढ़िया प्रदर्शन—5 में से 4 सीट पर बढ़त पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) भी इस चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती दिखाई दे रही है। हम 5 में से 4 सीटों पर आगे चल रही है। जिन सीटों पर हम मजबूत बढ़त बनाए हुए है वे हैं—कुटुंबा, इमामगंज, बाराचट्टी और अतरी। यह परिणाम संकेत दे रहे हैं कि मांझी का परंपरागत दलित–महादलित वोट बैंक इस बार पूरी तरह पार्टी के साथ खड़ा दिखाई दे रहा है। इसके अलावा, इन इलाकों में स्थानीय मुद्दों और विकास व सुरक्षा से जुड़े सवालों ने हम उम्मीदवारों को मजबूत बढ़त दिलाई है।


राष्ट्रीय लोक मोर्चा को एक सीट पर बढ़त—मधुबनी से माधव आनंद आगे हैं। तीसरे मोर्चे की बात करें तो राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) इस बार भले ही बड़ी संख्या में सीटें न जीत रही हो, लेकिन 5 में से 1 सीट पर पार्टी आगे है। मधुबनी सीट से पार्टी प्रत्याशी माधव आनंद ने बढ़त बना रखी है।


हालांकि अन्य चार सीटों पर पार्टी संघर्ष कर रही है, लेकिन आरएलएम के लिए यह बढ़त मनोबल बढ़ाने वाली है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि मधुबनी में स्थानीय मुद्दों और उम्मीदवार की लोकप्रियता ने यह बढ़त दिलाई है।


राजनीतिक समीकरणों पर असर

इन शुरुआती रुझानों से स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में छोटे दलों की भूमिका लगातार मजबूत हो रही है। लोजपा (रामविलास) यदि इस बढ़त को बरकरार रखती है, तो वह आगामी सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उधर, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की मजबूती से महादलित वर्ग में उनका राजनीतिक प्रभाव बढ़ने की संभावना है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा भले ही केवल एक सीट पर आगे है, लेकिन यह उनके लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।


अभी मतगणना जारी है और अंतिम परिणाम आने में समय है, लेकिन शुरुआती आंकड़े यह साफ दिखाते हैं कि छोटे दलों की मजबूती और बड़े दलों के समीकरणों में बदलाव इस चुनाव का प्रमुख पहलू बनेंगे। आने वाले कुछ घंटों में स्थिति और स्पष्ट होगी, पर फिलहाल छोटे दलों का प्रदर्शन बिहार की राजनीति में नए दौर की शुरुआत का संकेत देता है।