Bihar Election 2025: महागठबंधन में सीटों पर क्यों नहीं बन पा रही बात, इतने सीटों पर फंसा है पेच; जानिए वजह

Bihar Election 2025: 8 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के घटक दलों के उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं। इन सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति बन गई है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 21 Oct 2025 07:22:37 AM IST

Bihar Election 2025

बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो Google

बिहार चुनाव 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर विपक्ष में सीट युगल का विवाद अभी तक पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है। कांग्रेस ने अब 62 सीटों पर चुनावी लड़ाई का फैसला किया है, जबकि कॉक्स (माले) ने 20 सीटों पर और मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली देहाती इंसानियत पार्टी (वीआईपी) ने 14 सीटों पर चुनावी लड़ाइयों का फैसला किया है। हालाँकि, फ़्रिज के रेगिस्तान के बाद भी कई स्थानों पर सहयोगी आश्रमों के बीच समानताएं सामने आईं।


जानकारी के अनुसार, 8 खण्डों के विरुद्ध खण्डों में एक-दूसरे के खण्डों के उम्मीदवार हैं। इन दस्तावेजों में 'फ्रेंडली फाइट' की स्थिति बताई गई है।


वकील: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष बनाम कांग्रेस के गरीब दास


चैनपुर: बालाजी के गोविंद बिंद बनाम बजाज किशोर बिंद


हेलटियागंज: राजद के दीपक यादव बनाम कांग्रेस के शाश्वत केदार पांडे


लालगंज: राजद की शिवानी शुक्ला बनाम कांग्रेस के आदित्य कुमार राजा


विशेष: राजदेग के अजय कुशवाहा बनाम कांग्रेस के ई. संजीव सिंह


सुल्तानगंज: राजद के चंदन सिन्हा बनाम कांग्रेस के ललन यादव


कहलगांव: राजद के विधानमंडल भारती बनाम कांग्रेस के विद्वान सिंह कुशवाहा


अलेक्जेंडर: राजद के उदय नारायण चौधरी बनाम कांग्रेस के विनोद चौधरी


इन फ्रेमवर्क में सामान के अंदर की कमी साफ दिखाई दे रही है। हालाँकि, राजकुमार ने कुछ हद तक सीधा-सीधा तलने की कोशिश की है। पार्टी ने बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम के खिलाफ कुटुंबा (आरक्षित) सीट से उम्मीदवार नहीं उतारा है। इसके बावजूद, लालगंज, ओझा और कहलगांव में राजद के विरोध कांग्रेस के मैदान में हैं।


सीट मित्रता के दौरान पहले भी तनाव की स्थिति देखने को मिली थी। उदाहरण के तौर पर, तारापुर सीट पर राजद का सामना हुआ था, लेकिन बाद में दरवाजे बदल दिये गये। यहां से राजग ने बीजेपी के नेताओं और चौधरी को उम्मीदवार बनाया। संस्था के हित में सकलदेव बिंद ने पार्टी नेतृत्व से अनावेदक नामांकन वापस ले लिया और बाद में भाजपा में शामिल हो गए।


यहां निर्वाचन आयोग के अनुसार, पहले चरण के चुनाव में कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं। 243 सचिवालय विधानसभा की 121 पर 6 नवंबर को मतदान होना है। इस चरण में नामांकित कलाकारों की जांच के बाद 300 से अधिक किले के अवशेष गायब हो गए, जबकि 61 समूहों के नाम वापस ले लिए गए हैं।


कुल मिलाकर, सीट पर असंतोष और कई चतुर्थांश पर 'फ्रेंडली फाइट' ने मित्रों की एकजुटता पर प्रश्न कर दिए हैं, जो आगामी चरण में अस्थिरता रणनीति को और पेचीदा बना सकते हैं।