Bihar Election 2025 : एनडीए और महागठबंधन ने नए चेहरों पर खेला बड़ा दांव, 27 फीसदी विधायकों को किया बे-टिकट

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन दोनों गठबंधनों ने नए चेहरों पर बड़ा दांव खेला है। जीत की रणनीति के तहत 27 फीसदी मौजूदा विधायकों को बे-टिकट कर नए उम्मीदवारों को मौका दिया गया है। दोनों गठबंधनों ने सहयोगियों के लिए भी सीटें छोड़ी हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 21 Oct 2025 03:30:07 PM IST

Bihar Election 2025 : एनडीए और महागठबंधन ने नए चेहरों पर खेला बड़ा दांव, 27 फीसदी विधायकों को किया बे-टिकट

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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए और महागठबंधन दोनों गठबंधनों ने इस बार जीत का गणित बदलने की पूरी कोशिश की है। दोनों ने जहां जनता के नाराजगी वाले क्षेत्रों में मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं, वहीं बड़ी संख्या में नए चेहरों को मौका दिया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, इस बार कुल 27 फीसदी मौजूदा विधायकों को बे-टिकट कर दिया गया है। एनडीए में जदयू और भाजपा ने 31 विधायकों को बाहर का रास्ता दिखाया है, जबकि महागठबंधन में राजद और कांग्रेस ने 36 विधायकों को टिकट नहीं दिया।


एनडीए का समीकरण: 22 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ीं

एनडीए ने इस बार सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे में उदारता दिखाई है। कुल 22 सीटें रालोमो और लोजपा (रामविलास) के लिए छोड़ी गई हैं। भाजपा और जदयू ने 10-10 सीटें, जबकि हम ने दो सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ी हैं। भाजपा ने बख्तियारपुर, मनेर, दरौली, बरौली, फतुहा और कहलगांव जैसी सीटें छोड़ी हैं। वहीं जदयू ने बाजपट्टी, बेलसंड, कोचाधामन, महुआ, मढ़ौरा, तेघड़ा और नाथनगर जैसी पारंपरिक सीटें अपने सहयोगियों को दी हैं।


भाजपा ने इस बार अपने 17 विधायकों को टिकट नहीं दिया, जिनमें रामसूरत राय, जयप्रकाश यादव, निक्की हेम्ब्रम, नंदकिशोर यादव, अमरेंद्र प्रताप सिंह और रश्मि वर्मा जैसे बड़े नाम शामिल हैं। जदयू ने भी आठ मौजूदा विधायकों को हटाकर नए चेहरों पर भरोसा जताया है, जिनमें गोपाल मंडल, वीना भारती, और दिलीप राय जैसे नाम हैं।


महागठबंधन में बड़ा फेरबदल

राजद ने इस बार 31 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए हैं, जबकि कांग्रेस ने 5 विधायकों को दोबारा मौका नहीं दिया। राजद ने भरत बिंद, मो. कामरान, भीम यादव और किरण देवी जैसे पुराने चेहरों को बदलकर युवाओं और नए चेहरों को टिकट दिया है। कांग्रेस ने बांकीपुर, लालगंज, राजगीर और बाढ़ सीटें अपने सहयोगियों के लिए छोड़ दी हैं।


महागठबंधन की ओर से राजद ने 31 नए उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें माला पुष्पम, रितु प्रिया चौधरी, पृथ्वी राय, शिवानी शुक्ला, डॉ. करिश्मा राय और फैसल रहमान जैसे नाम शामिल हैं। कांग्रेस ने भी 10 नए चेहरे मैदान में उतारे हैं, जिनमें शशांत शेखर, उमेर खान, ओम प्रकाश गर्ग और नलिनी रंजन झा प्रमुख हैं।


एनडीए में भी नए चेहरों की एंट्री

भाजपा ने इस बार 10 नए उम्मीदवारों को मौका दिया है, जिनमें मैथिली ठाकुर, रत्नेश कुशवाहा, सुजीत कुमार सिंह और रमा निषाद प्रमुख हैं। वहीं जदयू ने 24 नए उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें कविता साह, अतिरेक कुमार, अभिषेक कुमार और सोनम रानी सरदार शामिल हैं। लोजपा (रामविलास) ने भी अपने हिस्से की 29 सीटों में से 10 पर नए उम्मीदवारों को उतारा है। वीआईपी पार्टी ने आठ नए चेहरों पर दांव लगाया है, जिनमें नवीन कुमार, अपर्णा मंडल और गणेश भारती सदा प्रमुख हैं।


बदलाव और उम्मीदों का चुनाव

इस बार बिहार के दोनों बड़े गठबंधनों ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वे जनता की नब्ज़ को ध्यान में रखकर बदलाव का रास्ता चुन रहे हैं। पुराने और विवादित चेहरों को हटाकर नए और साफ़-सुथरी छवि वाले प्रत्याशियों पर भरोसा जताया गया है। अब देखना यह होगा कि यह "नया प्रयोग" बिहार की सियासत में कितना असर दिखा पाता है।