1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 23 Oct 2025 08:50:14 AM IST
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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का राजनीतिक माहौल अब बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। दो चरणों में होने वाले इस चुनाव के लिए वोटिंग 6 और 11 नवंबर को होगी, जबकि 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। जैसे-जैसे चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे अप्रत्याशित घटनाएं भी सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में नामांकन पत्रों की जांच के बाद कई प्रत्याशियों के पर्चे रद्द होने से सियासी समीकरण अचानक बदल गए हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए कुल 5177 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। जांच के बाद 4039 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र सही पाए गए, जबकि 1065 उम्मीदवारों के पर्चे खारिज कर दिए गए। इसके अलावा, 73 उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है। जांच में पर्चे रद्द होने वालों में महागठबंधन और एनडीए दोनों के प्रत्याशी शामिल हैं, जिससे दोनों गठबंधनों को नुकसान उठाना पड़ा है।
तीन प्रमुख सीटों पर बड़ा बदलाव
नामांकन जांच के बाद मोहनिया, सुगौली और मढ़ौरा विधानसभा सीटों पर राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। मोहनिया सीट से आरजेडी प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है। यह सीट महागठबंधन के लिए अहम मानी जा रही थी। सुगौली सीट से विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के उम्मीदवार शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द हुआ है। वहीं मढ़ौरा सीट से एलजेपी (रामविलास) की प्रत्याशी सीमा सिंह का पर्चा रद्द हो गया है।
इन तीन सीटों पर नामांकन रद्द होने से दोनों गठबंधनों को नुकसान हुआ है। मोहनिया और सुगौली में महागठबंधन के उम्मीदवारों के बाहर होने से विपक्षी दलों को सीधा फायदा मिल सकता है, जबकि मढ़ौरा सीट पर एनडीए को झटका लगा है। मढ़ौरा सारण क्षेत्र की वह सीट मानी जाती है जहां एनडीए की पकड़ मजबूत रही है।
छोटे दलों और निर्दलीयों को भी झटका
नामांकन रद्द होने की लिस्ट लंबी है। इसमें कई छोटे दलों के साथ निर्दलीय प्रत्याशी भी शामिल हैं। वाल्मीकिनगर सीट से जन सुराज पार्टी के दीर्घ नारायण प्रसाद का नामांकन रद्द हुआ है। रामगढ़ विधानसभा से राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के मनीष तिवारी का नामांकन खारिज किया गया है। लालगंज (हाजीपुर) से भी पशुपति पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी की प्रत्याशी सीमा सुंदरी देवी का नामांकन रद्द हुआ है। चिरैया सीट से आरएलजेपी के सलाउद्दीन और बसपा के बिंदेश्वरी राम — दोनों के ही नामांकन रद्द कर दिए गए हैं।
जबकि डेहरी विधानसभा क्षेत्र (रोहतास) से बसपा प्रत्याशी धनजी कुमार और जनशक्ति जनता दल की प्रत्याशी सुनीता देवी का नामांकन रद्द हुआ है। रक्सौल सीट से भी बसपा उम्मीदवार गौतम कुमार का नामांकन रद्द कर दिया गया है।
नमांकन रद्द होने की इन घटनाओं ने चुनावी समीकरणों को गहराई से प्रभावित किया है। कई सीटों पर अब मुकाबला दो दलों के बीच सिमट गया है। जहां एक ओर महागठबंधन की कुछ सीटों पर विपक्षी दलों को नया मौका मिला है, वहीं एनडीए को भी कुछ क्षेत्रों में उम्मीदवारों के बाहर होने से नुकसान झेलना पड़ रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार बिहार में छोटे दलों और निर्दलीयों की बड़ी भूमिका मानी जा रही थी, लेकिन कई उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होने से उनका प्रभाव सीमित हो सकता है। वहीं, आरजेडी, जेडीयू, बीजेपी, एलजेपी (रामविलास) और वीआईपी जैसी बड़ी पार्टियों के लिए भी यह स्थिति चुनौतीपूर्ण बन गई है।
नामांकन रद्द होने के बाद महागठबंधन और एनडीए दोनों खेमों में बैठकों का दौर जारी है। आरजेडी और वीआईपी नेताओं ने निर्वाचन आयोग से अपील की है कि कुछ नामांकन “तकनीकी कारणों” से रद्द हुए हैं, जिनकी समीक्षा की जाए। दूसरी ओर एनडीए खेमे में मढ़ौरा सीट को लेकर मंथन चल रहा है कि अब वहां किसे समर्थन किया जाए।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब सिर्फ प्रचार और रैलियों का नहीं, बल्कि नामांकन के चरण से ही सियासी जंग का मैदान बन गया है। तीन बड़ी सीटों पर उम्मीदवारों के बाहर होने से मुकाबला और रोमांचक हो गया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन-सा दल इन परिस्थितियों का फायदा उठाकर अपने पक्ष में माहौल बना पाता है।