1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 26 Oct 2025 10:25:42 AM IST
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Bihar election : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार अभियान में कांग्रेस पार्टी इस समय आंतरिक असमंजस और रणनीतिक चुनौतियों से जूझती नजर आ रही है। पार्टी के कई प्रत्याशियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार को रफ्तार देने के लिए पार्टी हाईकमान और खासतौर पर राहुल गांधी से दौरे की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी की अब तक की अनुपस्थिति ने स्थानीय स्तर पर कार्यकर्ताओं में भ्रम और असंतोष की स्थिति पैदा कर दी है। वहीं, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस समय महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे और नेतृत्व संबंधी विवादों को सुलझाने में व्यस्त है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सभी प्रमुख मुद्दों पर सहमति बनने के बाद राहुल गांधी अगले सप्ताह से बिहार में अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी का दौरा तब हो जब गठबंधन के भीतर का माहौल पूरी तरह अनुकूल हो और सभी दल एकजुटता का संदेश दे सकें।
महागठबंधन में सबसे बड़ा विवाद तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने को लेकर था। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) लगातार इस मांग पर अड़ी थी कि तेजस्वी यादव को गठबंधन का नेतृत्व सौंपा जाए। लेकिन कांग्रेस इस पर सहमत नहीं थी। पार्टी को यह डर था कि एक नए मामले में चार्जशीटेड होने के बाद तेजस्वी यादव का नाम आगे करना राजनीतिक रूप से नुकसानदेह साबित हो सकता है। कांग्रेस के भीतर यह राय थी कि इससे भाजपा को हमले का मौका मिलेगा और नैतिक रूप से गठबंधन की स्थिति कमजोर होगी।
स्थिति को संभालने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को पटना भेजा। गहलोत ने पटना पहुंचकर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव से लंबी चर्चा की। इसके बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने तेजस्वी यादव के नाम को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया।
प्रेस वार्ता में अशोक गहलोत ने कहा कि महागठबंधन ने व्यापक सहमति से यह फैसला लिया है। उन्होंने साथ ही यह भी घोषणा की कि निषाद नेता और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, गहलोत ने संकेत दिया कि “अन्य सामाजिक और धार्मिक समूहों” से भी अधिक उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे ताकि सामाजिक संतुलन कायम रखा जा सके।
हालांकि, इस घोषणा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने विपक्ष पर मुस्लिम समुदाय की अनदेखी का आरोप लगाया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राज्य की लगभग 17 प्रतिशत मुस्लिम आबादी के बावजूद गठबंधन ने उस समुदाय से किसी नेता को प्रमुख पद देने की घोषणा नहीं की है।
इस बीच, कांग्रेस की अंदरूनी स्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं। कई उम्मीदवारों का कहना है कि राहुल गांधी की सक्रिय भागीदारी के बिना पार्टी के लिए ग्रामीण इलाकों में माहौल बनाना मुश्किल हो रहा है। वहीं, कुछ वरिष्ठ नेता मानते हैं कि जैसे ही राहुल गांधी प्रचार अभियान शुरू करेंगे, कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश लौट आएगा और महागठबंधन का संदेश जनता तक अधिक प्रभावी ढंग से पहुंच सकेगा।
अब सबकी निगाहें राहुल गांधी के बिहार दौरे पर टिकी हैं। उम्मीद है कि वे अगले सप्ताह राज्य में चुनावी सभाओं की शुरुआत करेंगे, जिससे महागठबंधन के भीतर की बेचैनी कुछ हद तक शांत हो सकती है और विपक्ष संयुक्त रूप से भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल सकेगा।