Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी Bihar News: बिहार चुनाव के बीच करोड़ों की लागत से बना पुल धंसा, कांग्रेस बोली- जनता सब देख रही है, अब वोट से चोट करेगी बेतिया में मिनीगन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार और उपकरण के साथ बाप-बेटा गिरफ्तार Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: ओवैसी के नेता के बिगड़े बोल, खुले मंच से तेजस्वी यादव की आंख, उंगली और जुबान काटने की दी धमकी Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: 'बिहार में सड़कें नहीं थीं, लेकिन बम जरूर फेंके जाते थे', रवि किशन को याद आया जंगलराज का पुराना दौर Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Bihar Election 2025: चुनावी रंग में रंगा बिहार, पटना पहुंचकर क्या बोलीं चुनाव आयोग की स्वीप आइकॉन नीतू चंद्रा? Aparajit Lohan : दुलारचंद हत्याकांड के बाद बदले गए नए ग्रामीण SP अपराजित कौन हैं ? इस खबर पढ़िए पटना के नए ग्रामीण एसपी की कहानी; आप भी जान जाएंगे क्या है काम करने का तरीका
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 03 Nov 2025 03:32:56 PM IST
- फ़ोटो
Bihar Elections : बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमा चुका है। राजनीति में हर रोज नए समीकरण बन रहे हैं, तो कई नेता अपने दलों के भीतर ही विरोध का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में सियासी दलों की ओर से सख्ती और अनुशासन की मांग भी लगातार बढ़ रही है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए अपने नेता मो. अफजल अली खान को पार्टी से छह साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अफजल अली खान पर पार्टी के आदेश की अवहेलना और गठबंधन धर्म का पालन न करने के आरोप हैं।
पूरा मामला दरभंगा जिले की गौड़ा बौराम विधानसभा सीट से जुड़ा है, जहां से पहले आरजेडी ने मो. अफजल अली को अपना अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था। अफजल अली ने पार्टी के टिकट पर विधिवत नामांकन भी दाखिल कर दिया था। लेकिन सीटों के बंटवारे में बाद में यह जगह महागठबंधन के तहत विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दे दी गई। इसके बाद वीआईपी के प्रत्याशी संतोष सहनी को उस सीट पर महागठबंधन का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया।
पार्टी पत्र के अनुसार, इस फैसले के बाद आरजेडी राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने भी मो. अफजल अली खान को सीट छोड़ने और गठबंधन धर्म का पालन करने को कहा था। उनसे अपेक्षा की गई थी कि वे नामांकन वापस लें और महागठबंधन के उम्मीदवार को समर्थन दें। लेकिन इसके विपरीत अफजल अली अपने फैसले पर अड़े रहे और उन्होंने अपना नामांकन वापस नहीं लिया।
आरजेडी ने अपने आधिकारिक पत्र में मो. अफजल अली खान पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हठधर्मिता दिखाते हुए पार्टी के फैसले की खुली अवहेलना की। पत्र में कहा गया है कि अफजल अली का ये व्यवहार न सिर्फ पार्टी अनुशासन के खिलाफ है, बल्कि इससे महागठबंधन के भीतर भी गलत संदेश जाता है। उनका कदम एडीए गठबंधन (आम आदमी पार्टी-जन अधिकार पार्टी) को फायदा पहुंचाने वाला माना गया है। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी ने उनकी प्राथमिक सदस्यता रद्द कर दी और उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
इस निर्णय का पत्र आरजेडी प्रदेश महासचिव और अनुशासन समिति के सचिव द्वारा जारी किया गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी आरजेडी ने अपने 27 नेताओं को अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित किया था। अब अफजल अली को बाहर का रास्ता दिखाकर पार्टी ने साफ संदेश दिया है कि गठबंधन की एकता और अनुशासन उसके लिए सर्वोपरि है।
बहरहाल, अफजल अली खान की बगावत महागठबंधन के लिए जहां एक चुनौती बन सकती है, वहीं आरजेडी का यह फैसला अन्य नेताओं के लिए भी एक साफ़ संदेश है कि चुनावी माहौल में पार्टी लाइन से हटना भारी पड़ सकता है। बिहार की सियासत में ऐसे घटनाक्रम अब आम होते जा रहे हैं, लेकिन गठबंधन राजनीति में अनुशासन और एकजुटता की अहमियत को यह मामला एक बार फिर रेखांकित करता है।