1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Nov 2025 06:23:04 AM IST
बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों से पहले एग्जिट पोल्स ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है। दो चरणों में संपन्न हुए मतदान के बाद अब सवाल यह है कि क्या एक बार फिर नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए सत्ता में लौटेगा या तेजस्वी यादव का महागठबंधन नई कहानी लिखेगा? विभिन्न सर्वे एजेंसियों के 11 एग्जिट पोल्स में एनडीए की बढ़त दिख रही है, जबकि महागठबंधन पिछड़ता नजर आ रहा है। जनसुराज पार्टी पहली बार मैदान में उतरी जरूर है, लेकिन एग्जिट पोल्स में उसे खास प्रदर्शन करते नहीं दिखाया गया है। अब सबकी नजरें 14 नवंबर के जनादेश पर हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का जनादेश आज आने वाला है। 39 दिनों तक चले चुनावी महासंग्राम और दो चरणों में संपन्न मतदान के बाद अब सबकी नजरें शुक्रवार, 14 नवंबर की मतगणना पर टिक गई हैं। आज ही यह तय होगा कि बिहार की सत्ता का ताज किसके सिर सजेगा नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए या तेजस्वी यादव का महागठबंधन। इस बार का चुनाव इसलिए भी ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि महिला मतदाताओं की भागीदारी अब तक के सभी चुनावों में सबसे अधिक रही।
राज्य के सभी 38 जिलों में कुल 46 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। सुबह 8 बजे बैलेट पेपर की गिनती शुरू हो गई, जबकि 8:30 बजे से ईवीएम (EVM) के वोटों की गिनती प्रारंभ हुई। राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए कुल 4372 मतगणना टेबल लगाए गए हैं। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में औसतन 24 से 30 राउंड में वोटों की गिनती पूरी होगी।
राज्यभर में लगभग 19 हजार मतगणना कर्मी तैनात किए गए हैं। इनमें सुपरवाइजर, मतगणना सहायक, माइक्रो-ऑब्जर्वर और सुरक्षा बल शामिल हैं। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, मतगणना केंद्रों में मोबाइल और कैमरे के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। सभी केंद्रों पर CCTV कैमरों के जरिये सख्त निगरानी रखी जा रही है।
सबसे पहले बरबीघा सीट का रुझान आने की संभावना है क्योंकि वहां सबसे कम 275 बूथों पर मतदान हुआ था। वहीं, हिसुआ विधानसभा क्षेत्र का नतीजा सबसे देर से आने की संभावना है, जहां कुल 485 बूथों की मतगणना होगी। इसके अलावा गया टाउन, हायाघाट, गौरा बौराम और कल्याणपुर सीटों से भी शुरुआती रुझान जल्दी मिल सकते हैं।
राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से सभी मतगणना केंद्रों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के अनुसार, हर जिले से लाइव अपडेट कंट्रोल रूम तक पहुंचाया जा रहा है ताकि किसी भी तकनीकी गड़बड़ी या विवाद की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
एग्जिट पोल्स में एनडीए की बढ़त
हालांकि अंतिम नतीजे अब कुछ ही घंटों में आएंगे, लेकिन 11 प्रमुख एग्जिट पोल्स में एनडीए को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है। अधिकांश सर्वे एजेंसियों ने संकेत दिया है कि एनडीए एक बार फिर बिहार में सरकार बना सकती है।
मैटराइज एग्जिट पोल: एनडीए – 147 से 167 सीटें, महागठबंधन – 70 से 90 सीटें
पी-मार्क्यू: एनडीए – 142 से 162 सीटें, महागठबंधन – 80 से 98 सीटें
पीपुल्स पल्स: एनडीए – 133 से 159 सीटें, महागठबंधन – 75 से 101 सीटें
भास्कर पोल: एनडीए – 145 से 160 सीटें, महागठबंधन – 73 से 91 सीटें
पीपुल्स इनसाइट: एनडीए – 133 से 148 सीटें, महागठबंधन – 87 से 102 सीटें
जेवीसी पोल: एनडीए – 135 से 150 सीटें, महागठबंधन – 88 से 103 सीटें
पोलस्ट्रेट: एनडीए – 133 से 148 सीटें, महागठबंधन – 87 से 102 सीटें
पोल डायरी: एनडीए – 184 से 209 सीटें, महागठबंधन – 32 से 49 सीटें
एक्सिस माय इंडिया: एनडीए – 121 से 141 सीटें, महागठबंधन – 98 से 118 सीटें
टुडेज चाणक्य: एनडीए – 148 से 172 सीटें, महागठबंधन – 65 से 89 सीटें
वोट वाइब पोल: एनडीए – 125 से 145 सीटें, महागठबंधन – 95 से 115 सीटें
इन एग्जिट पोल्स से साफ संकेत मिलता है कि नीतीश कुमार और भाजपा की जोड़ी एक बार फिर सत्ता में लौट सकती है। वहीं, तेजस्वी यादव का महागठबंधन इस बार भी विपक्ष की भूमिका में रह सकता है। प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी के खाते में कुछ खास सीटें जाती नहीं दिख रहीं।
बिहार में इस बार 67.14% मतदान हुआ, जो 1951 के बाद सबसे अधिक है। महिलाओं ने पुरुषों से 8.82% ज्यादा वोट डालकर इतिहास रचा। यह न सिर्फ लोकतंत्र के प्रति जागरूकता का संकेत है, बल्कि बिहार की राजनीति में महिलाओं की बढ़ती ताकत को भी दर्शाता है।
इस चुनाव में एनडीए (भाजपा, जदयू, लोजपा(आर), हम और रालोमो) तथा महागठबंधन (राजद, कांग्रेस, भाकपा माले, भाकपा, माकपा, वीआईपी और आईआईपी) के बीच सीधा मुकाबला है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने 238 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन एग्जिट पोल्स में उसे कोई बड़ा फायदा नहीं मिलता दिख रहा।
राजनीतिक गलियारों में उत्सुकता चरम पर है। कहीं जश्न की तैयारी है तो कहीं चिंतन की घड़ी। जैसे-जैसे गिनती आगे बढ़ेगी, रुझान साफ होते जाएंगे। अब बस कुछ ही घंटों में पता चलेगा कि बिहार की जनता ने किसे चुना, नीतीश कुमार की स्थिरता को या तेजस्वी यादव के बदलाव के वादे को।