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Bihar Assembly Election 2025 : बड़का नेता जी भी नहीं कर पाए इस बार लॉबीइंग, प्रसिद्ध स्कूल के मालिक और धमाकेदार नेता के ले गए सिंबल; साहब रात भर करते रहे जोरदार फिल्डिंग

जेडीयू ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पहली उम्मीदवार सूची जारी की। प्रतिष्ठित स्कूल के मालिक को टिकट मिला, पूर्व विधायक के करीबी की जगह, पार्टी ने मजबूत स्थानीय पकड़ और रणनीति पर ध्यान दिया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 15 Oct 2025 12:54:04 PM IST

Bihar Assembly Election 2025 : बड़का नेता जी भी नहीं कर पाए इस बार लॉबीइंग,  प्रसिद्ध स्कूल के मालिक और धमाकेदार नेता के ले गए सिंबल; साहब रात भर करते रहे जोरदार फिल्डिंग

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Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच जेडीयू ने आज अपनी पहली कैंडिडेट लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में कुल 57 उम्मीदवारों के नाम शामिल किए गए हैं। हालांकि, इस सूची में एक नाम को लेकर काफी चर्चा हो रही है। पार्टी के अंदर की जानकारियों के अनुसार, इस सीट पर पहले उम्मीदवार को लेकर जो हलचल हुई, वह राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।


सूत्रों के अनुसार, इस सीट के पूर्व विधायक पार्टी के एक बड़े नेता के बेहद करीबी माने जाते हैं। जब उन्हें यह पता चला कि उनकी टिकट कट सकती है, तो उन्होंने तुरंत उस बड़े नेता से संपर्क किया। रातभर चली बातचीत में उन्होंने अपना समर्थन जताया और भरोसा दिलाया कि सुप्रीमो से बात कर इस सीट पर उन्हें वापस टिकट दिलवाने की कोशिश की जाएगी।


हालांकि, पार्टी के सबसे बड़े नेता ने इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं दी। यह पहली बार हुआ जब किसी बड़े नेता ने किसी के लिए पूरी रात फील्डिंग और लॉबीइंग करने के बावजूद अपने पसंदीदा उम्मीदवार को टिकट दिलाने में असफल रहे। इसके बाद, जेडीयू ने इस विधानसभा क्षेत्र के लिए टिकट एक प्रतिष्ठित स्कूल के मालिक और समाज में अपनी पहचान रखने वाले मजबूत नेता को दिया।


विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से पार्टी ने न केवल नए चेहरे को मौका दिया है, बल्कि स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखने वाले और समाज में प्रतिष्ठित परिवार से जुड़े उम्मीदवार को मैदान में उतारकर अपनी स्थिति और मजबूत की है। इस उम्मीदवार का परिवार समाज में लंबे समय से सक्रिय है और उनका क्षेत्र में प्रभाव काफी माना जाता है।


जेडीयू की पहली कैंडिडेट लिस्ट में कुछ पुराने उम्मीदवारों के नाम बदल दिए गए हैं। इसके पीछे पार्टी का उद्देश्य नए और मजबूत उम्मीदवारों को मौका देना बताया जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि इस बदलाव से पार्टी को चुनाव में बेहतर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी।


राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पहले उम्मीदवार के करीबी नेता ने पूरी रात जोरदार फील्डिंग की, पार्टी के अंदर लॉबीइंग की, और सुप्रीमो तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन अंततः उन्हें यह मानना पड़ा कि अब अधिक हस्तक्षेप संभव नहीं है। उन्हें कहा गया कि उन्होंने पहले ही दो-तीन नाम दे दिए हैं, अब इससे अधिक नहीं हो सकता। इस घटना ने यह साफ कर दिया कि जेडीयू की शीर्ष नेतृत्व अपने फैसले में सख्त है और व्यक्तिगत लॉबीइंग को प्राथमिकता नहीं देती।


विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से पार्टी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि टिकट वितरण में पारदर्शिता और संगठनात्मक मजबूती को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, यह भी दिखाता है कि पार्टी स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली और प्रतिष्ठित व्यक्तियों को आगे लाकर चुनावी मुकाबले को मजबूत करना चाहती है।


बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू की यह पहली लिस्ट आगामी चुनावी रणनीति का संकेत भी है। पार्टी ने पुराने और नए उम्मीदवारों का संतुलन बनाए रखा है, ताकि हर क्षेत्र में मजबूत स्थिति बनाई जा सके। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की रणनीति से पार्टी को न केवल स्थानीय चुनावी जमीन मजबूत करने में मदद मिलेगी, बल्कि मतदाताओं के बीच भी सकारात्मक संदेश जाएगा।


कुल मिलाकर, जेडीयू की यह पहली कैंडिडेट लिस्ट और टिकट वितरण का यह फैसला यह दर्शाता है कि पार्टी अपने नेतृत्व के फैसलों में सख्त है और स्थानीय प्रभाव और सामाजिक प्रतिष्ठा वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता देती है। इस चुनावी रणनीति के चलते आगामी विधानसभा चुनाव में इस सीट पर मुकाबला रोचक और प्रतिस्पर्धात्मक रहने की संभावना है।