1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 15 Nov 2025 08:49:15 AM IST
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Bihar election results : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि राज्य की राजनीति में एनडीए गठबंधन की पकड़ मजबूत होती जा रही है। इस चुनाव में एनडीए को कुल 201 सीटों पर बहुमत मिला है, जो साफ दर्शाता है कि जनता ने एक बार फिर विकास, सुशासन और स्थिर सरकार के पक्ष में मतदान किया है। इस जीत में एनडीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी (RLM) का भी अहम योगदान माना जा रहा है।
इस पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने गठबंधन की रणनीति को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। RLM ने इस चुनाव में सीमित सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन जहां-जहां उसके प्रत्याशी मैदान में थे, वहां उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए चुनाव को दिलचस्प बना दिया।
इन्हीं उम्मीदवारों में से बाजापट्टी से रामेश्वर कुमार महतो, मधुबनी से माधव आनंद, सासाराम से स्नेहलता, और दिनारा से आलोक कुमार सिंह ने शानदार जीत दर्ज की है। इन सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में विरोधियों को बड़े अंतर से हराते हुए एनडीए गठबंधन की ताकत को और मजबूत किया है।
बाजापट्टी से RLM प्रत्याशी रामेश्वर कुमार महतो की जीत को जनता का भरोसा बताया जा रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने विकास, शिक्षा, सड़क और कृषि से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था। ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ और संगठन की सक्रियता ने उनकी जीत की राह आसान की।
इसी तरह, मधुबनी सीट से लड़ रहे माधव आनंद ने भी भारी मतों से विजय हासिल की। मधुबनी क्षेत्र हमेशा से राजनीतिक रूप से सक्रिय रहा है और यहां मतदाता उम्मीदवार के काम और छवि को काफी महत्व देते हैं। माधव आनंद ने स्वास्थ्य सेवाओं, रोजगार और क्षेत्रीय विकास से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता से उठाया था, जिसका असर मतदान के समय साफ दिखाई दिया।
सासाराम सीट से RLM की उम्मीदवार स्नेह लता की जीत भी बेहद खास मानी जा रही है। स्नेह लता ने महिला वोटरों को प्रभावित करने के लिए शिक्षा, सुरक्षा और जनकल्याण योजनाओं को केंद्र में रखकर चुनाव लड़ा। उनकी सादगी और लोगों से सीधा संवाद करने की शैली ने उन्हें भारी समर्थन दिलाया। उनकी यह जीत आगामी राजनीति में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करने का संकेत देती है।
वहीं दिनारा के प्रत्याशी आलोक कुमार सिंह ने भी अपने विरोधियों को बड़े अंतर से हराते हुए जीत दर्ज की है। आलोक सिंह को यहां युवा वोटरों का खासा समर्थन मिला। उन्होंने रोजगार, खेल सुविधाओं, और गांव-गांव तक सरकारी योजनाओं के लाभ पहुंचाने की बात को चुनावी मुद्दा बनाया था। उनकी साफ-सुथरी छवि और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत उनकी जीत का बड़ा कारण रही।
RLM के इन चारों उम्मीदवारों की जीत ने न सिर्फ पार्टी के मनोबल को बढ़ाया है, बल्कि यह संदेश भी दिया है कि उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में यह दल भविष्य में और भी बड़ी राजनीतिक भूमिका निभा सकता है। एनडीए गठबंधन के लिए भी यह जीत बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि छोटे दलों की सफलता ने उसे और मजबूत बनाया है।
बिहार की जनता ने इस बार अपने मतदान के जरिए यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सुशासन, विकास और स्थिर सरकार चाहती है। एनडीए की 201 सीटों की भारी जीत के बाद अब राज्य में विकास कार्यों की गति और तेज होने की उम्मीद जताई जा रही है। राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जीत को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। उनका कहना है कि आने वाले समय में वे जनता के भरोसे पर खरा उतरेंगे और क्षेत्र के विकास को नई दिशा देंगे।