1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 24 Nov 2025 02:15:40 PM IST
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Upendra Kushwaha reaction : बिहार की राजनीति में इन दिनों परिवारवाद को लेकर सियासत गर्म है। विपक्षी दल लगातार एनडीए सरकार पर हमला बोल रहे हैं और खासकर पंचायती राज मंत्री दीपक प्रकाश को निशाने पर ले रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि न तो वे विधान पार्षद हैं और न ही विधानसभा के सदस्य, फिर भी उन्हें मंत्री पद दिया जाना परिवारवाद और राजनीतिक पक्षपात का उदाहरण है।
ऐसे मे इस विवाद को लेकर केंद्र में खड़े उपेन्द्र कुशवाहा के बेटे और बिहार सरकार के मंत्री दीपक प्रकाश को लेकर इशारे ही इशारों में राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ही तरीकों से विरोधियों को जवाब दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पुराने बयान का हवाला देते हुए विपक्ष पर करारा कटाक्ष किया।
कुशवाहा ने लिखा—“कभी-कभी बड़ों की कही बातों को याद करना चाहिए। आज न जाने क्यों बड़े भाई नीतीश कुमार जी की एक पुरानी बात याद आ गई। सोचा आपसे भी शेयर करूं।” इसके साथ उन्होंने नीतीश कुमार का पुराना बयान उद्धृत किया—“खाना खाते वक्त मक्खियां भन-भनाएंगी। चिंता मत कीजिए। बाएं हाथ से भगाते रहिए, दाहिने से खाते रहिए।”
कुशवाहा का यह बयान राजनीतिक हलकों में तेजी से चर्चा का विषय बना हुआ है। इसे विपक्षी हमलों पर एक तीखा पलटवार माना जा रहा है। उनके इस बयान का आशय साफ है सरकार अपना काम करती रहेगी और विपक्ष की आलोचनाओं को “मक्खियों” की तरह देखा जाए, जिन्हें बस हटाते रहना चाहिए।
वहीं विपक्ष इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर सरकार की नैतिकता पर सवाल उठाना चाहता है, जबकि एनडीए इस विवाद को बेबुनियाद बताते हुए इसे “बिना तथ्य वाला राजनीतिक शोर” बताने की कोशिश कर रहा है।
दीपक प्रकाश की नियुक्ति को लेकर जारी विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा। विपक्ष अपनी रणनीति के तहत इसे बड़ा मुद्दा बनाए रखने के मूड में है, वहीं उपेंद्र कुशवाहा जैसे वरिष्ठ नेता सरकार पर उठ रहे सवालों को संभालने के लिए आगे आ चुके हैं। नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कुशवाहा के बयान ने साफ कर दिया है कि एनडीए विपक्ष की आलोचनाओं से विचलित होने के मूड में नहीं है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा बिहार की राजनीति में कितना प्रभाव डालता है और इसका जनता की धारणा पर क्या असर पड़ता है।