ब्रेकिंग न्यूज़

बड़हरा में राजद प्रत्याशी रामबाबू सिंह का जनसंपर्क अभियान, अग्निकांड पीड़ितों से भी मिले चकाई से मंत्री सुमित कुमार सिंह ने किया नामांकन, पहली बार JDU के सिंबल पर लड़ रहे चुनाव, सुशासन को आगे बढ़ाने का लिया संकल्प Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बेतिया में EC की सख्ती, दो जगहों से इतने लाख जब्त Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बेतिया में EC की सख्ती, दो जगहों से इतने लाख जब्त Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की बड़ी घोषणा, वोटिंग के लिए वोटर्स को मिलेगी यह सुविधा Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग की बड़ी घोषणा, वोटिंग के लिए वोटर्स को मिलेगी यह सुविधा Bihar Assembly Elections 2025 : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 21 अक्टूबर से करेंगे चुनावी रैलियों की शुरुआत, मीनापुर और कांटी में सभाएं Bihar Election 2025: नामांकन के बाद भरी सभा में फूट-फूटकर रोए गोपाल मंडल, सीएम नीतीश कुमार के बारे में क्या बोले? Bihar Election 2025: नामांकन के बाद भरी सभा में फूट-फूटकर रोए गोपाल मंडल, सीएम नीतीश कुमार के बारे में क्या बोले? Success Story: पिता के निधन के बाद भी नहीं टूटा हौसला, दिव्या तंवर पहले बनीं IPS, फिर बन गईं IAS अधिकारी; जानिए सफलता की कहानी

NDA Seat Distribution : NDA में सीट बंटवारे के बाद ही क्यों तय नहीं हो पा रहे थे कैंडिडेट, हो गया बड़ा खुलासा; CM फेस को लेकर भी बन गई है सहमती

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए के अंदर सीट बंटवारा तय होने के बाद जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि एनडीए में सीटिंग सीट छोड़ने की कोई मांग नहीं हुई थी और नीतीश कुमार ने सभी फैसले सहजता से स्वीकार किए।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 18 Oct 2025 03:11:54 PM IST

 NDA Seat Distribution : NDA में सीट बंटवारे के बाद ही क्यों तय नहीं हो पा रहे थे कैंडिडेट, हो गया बड़ा खुलासा; CM फेस को लेकर भी बन गई है सहमती

- फ़ोटो

NDA Seat Distribution : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीटों का बंटवारा अब पूरी तरह से तय हो गया है। एनडीए के सभी 243 उम्मीदवारों का ऐलान भी हो चुका है। इसके बाद अब जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने सीट बंटवारे की प्रक्रिया और अंदरूनी चर्चाओं को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि एनडीए के अंदर किन कारणों से देरी हुई, किन मुद्दों पर बातचीत चली और किन सीटों को लेकर सहमति बनी।


संजय झा ने बताया कि जदयू और भाजपा के बीच पहले ही यह तय कर लिया गया था कि दोनों पार्टियां 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि शेष 41 सीटों का बंटवारा भाजपा की ओर से सहयोगी दलों के बीच किया जाएगा। झा ने कहा कि जब भाजपा अपने सहयोगियों – लोजपा (रामविलास) और अन्य दलों – से बातचीत कर रही थी, उसी दौरान कुछ सीटों को लेकर चर्चा चल रही थी, लेकिन जदयू के हिस्से में आने वाली सीटों पर कोई विवाद नहीं था।


उन्होंने साफ किया कि लोजपा (रामविलास) या भाजपा के अन्य सहयोगियों की ओर से जदयू की किसी भी “सीटिंग सीट” छोड़ने की मांग नहीं की गई थी। इस तरह की किसी भी डिमांड की बात पूरी तरह गलत है।


संजय झा ने आगे बताया कि एकमात्र सीट जिसे लेकर चर्चा हुई थी, वह तारापुर विधानसभा सीट थी। भाजपा की ओर से यह डिमांड आई थी कि इस सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी चुनाव लड़ना चाहते हैं। जब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंचा, तो उन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के इसे मंजूरी दे दी। झा ने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।”


हालांकि इसके बदले में जदयू की ओर से भाजपा से कहलगांव सीट की मांग की गई थी, जिसे भाजपा ने भी सहजता से स्वीकार कर लिया। झा ने कहा, “दोनों पार्टियों के बीच बातचीत और आपसी समझदारी इतनी मजबूत है कि किसी भी बात को लेकर विवाद की स्थिति पैदा नहीं हुई।”


जब संजय झा से पूछा गया कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भाजपा के बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर कोई नाराजगी थी, तो उन्होंने इस सवाल को सिरे से खारिज कर दिया। झा ने कहा, “नीतीश कुमार की किसी बात पर कोई नाराजगी नहीं थी। मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैंने खुद दिल्ली से फोन पर नीतीश कुमार से बातचीत की थी, और उन्होंने मुझे ‘गो अहेड’ यानी आगे बढ़ो का संदेश दिया था।”


उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और भाजपा का रिश्ता नया नहीं, बल्कि 25 से 30 साल पुराना है। पहले केंद्र की राजनीति में दोनों के बीच गठबंधन था और फिर बिहार की राजनीति में भी यह साझेदारी लंबे समय से चली आ रही है।


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से सीएम बनाए जाने के सवाल पर झा ने कहा कि “आज भी बिहार की जनता को नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है। पिछले 20 सालों में उन्होंने जिस तरह बिहार का चेहरा बदला है, जनता उस पर गर्व महसूस करती है।”


उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय भी नीतीश कुमार को लेकर सवाल उठाए गए थे कि उन्हें ज्यादा सीटें क्यों दी गईं, लेकिन जब नतीजे आए तो साफ हो गया कि जनता का भरोसा नीतीश कुमार के साथ है। ठीक उसी तरह इस बार के विधानसभा चुनाव के नतीजे भी यह साबित करेंगे कि बिहार की जनता अब भी नीतीश कुमार पर भरोसा करती है।


संजय झा ने अंत में कहा कि एनडीए में किसी तरह का मतभेद नहीं है, सब कुछ आपसी सहमति और विश्वास के आधार पर तय किया गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि इस बार भी एनडीए गठबंधन बिहार में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगा और मुख्यमंत्री के तौर पर फिर से नीतीश कुमार ही नेतृत्व करेंगे।