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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 24 Oct 2025 11:18:10 AM IST
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Bihar Assembly Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन और प्रचार के बीच, औराई विधानसभा क्षेत्र से वीआईपी (वीआईपी) के प्रत्याशी भोगेंद्र सहनी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला सामने आया है। यह मामला अहियापुर थाना में दर्ज किया गया, जिसमें आरोप है कि चुनाव प्रचार के दौरान बिना अनुमति प्राप्त किए वाहन का उपयोग कर प्रचार सामग्री जैसे बैनर, पोस्टर और अन्य सामग्री ले जाई जा रही थी।
स्थानीय पुलिस ने उक्त वाहन को जप्त कर लिया है और मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच शुरू कर दी है। इस मामले की पुष्टि मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने की है। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखने और आचार संहिता के उल्लंघन को रोकने के उद्देश्य से की गई है।
पुलिस अधिकारियों ने यह भी बताया कि वाहन में रखी गई सभी प्रचार सामग्री को जब्त कर लिया गया है। साथ ही मामले की गहन जांच जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस मामले में और कोई पक्ष या राजनीतिक दल आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा है या नहीं।
भोगेंद्र सहनी, जो कि वीआईपी के टिकट पर औराई विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं, इस मामले के बाद विवादों में आ गए हैं। चुनाव आयोग और संबंधित पार्टी की प्रतिक्रिया इस मामले पर अब चुनावी प्रक्रिया और प्रचार गतिविधियों पर सीधे प्रभाव डाल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव आयोग इस तरह के उल्लंघनों पर सख्त कार्रवाई करता है ताकि सभी उम्मीदवार समान अवसरों पर चुनाव लड़ सकें और मतदाता निष्पक्ष निर्णय ले सकें।
चुनाव के दौरान आचार संहिता का पालन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार बिना किसी अनुचित लाभ के चुनाव लड़ें। आचार संहिता के उल्लंघन में चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाती है, जिसमें वाहनों को जब्त करना, प्रचार सामग्री को हटाना, और गंभीर मामलों में उम्मीदवार के खिलाफ मामला दर्ज करना शामिल है।
स्थानीय जनता और मतदाता इस घटना पर गहराई से नजर रख रहे हैं। औराई विधानसभा क्षेत्र के कई लोग इस मामले को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान अनुचित तरीके से प्रचार करना मतदाताओं के निर्णय को प्रभावित कर सकता है। वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस तरह के मामले अक्सर चुनावी रणनीति का हिस्सा होते हैं, जिसमें उम्मीदवारों और दलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है।
पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि मामले की जांच निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से की जा रही है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि वे इस मामले में अफवाहों और राजनीतिक बयानबाज़ियों से प्रभावित न हों और अपने मत का सही उपयोग करें।
भोगेंद्र सहनी के खिलाफ यह मामला ऐसे समय में आया है जब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के प्रचार जोरों पर हैं। वीआईपी के लिए यह चुनौती और भी बड़ी हो गई है क्योंकि आचार संहिता उल्लंघन का मामला उनके प्रचार अभियान को प्रभावित कर सकता है। पार्टी के अंदर भी यह देखना रोचक होगा कि इस मामले के बाद उम्मीदवार को लेकर क्या रणनीति अपनाई जाती है।
इस मामले ने यह भी उजागर किया है कि चुनाव प्रचार में अनुचित साधनों का प्रयोग कितनी जल्दी विवादों में बदल सकता है। वाहन का उपयोग बिना अनुमति करने के अलावा यदि और कोई नियम उल्लंघन हुआ हो, तो यह चुनाव आयोग के लिए गंभीर चिंता का विषय हो सकता है। आयोग की सख्ती का उद्देश्य सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान करना और चुनाव को निष्पक्ष बनाना है।
अंततः यह देखना दिलचस्प होगा कि वीआईपी और भोगेंद्र सहनी इस मामले का सामना किस प्रकार करेंगे। क्या पार्टी और उम्मीदवार मिलकर स्थिति को संभाल पाएंगे या इस घटना का उनके प्रचार अभियान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। चुनाव आयोग की कार्रवाई और पुलिस की जांच के परिणाम चुनावी मैदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
औराई विधानसभा क्षेत्र के मतदाता इस समय पूरी तरह से सजग हैं और वे चाहते हैं कि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हो। यह मामला यह भी दर्शाता है कि चुनावी प्रक्रिया में नियमों का पालन और कानून का सम्मान कितना महत्वपूर्ण है।