1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 23 Oct 2025 07:13:30 AM IST
बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो Google
Bihar Election 2025: बिहार में जैसे-जैसे चुनावी माहौल गर्म हो रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की सक्रियता भी बढ़ती जा रही है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गुरुवार, 23 अक्टूबर को बिहार के दो जिलों में चुनावी रैलियां करेंगे।
दरअसल, पहली जनसभा औरंगाबाद जिले के गोह में और दूसरी वैशाली जिले के पातेपुर में आयोजित की जाएगी। इन दोनों सभाओं में वे एनडीए के प्रत्याशियों के समर्थन में वोट मांगेंगे और केंद्र सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ राज्य में भाजपा की योजनाओं को जनता के बीच रखेंगे।
वहीं, बिहार भाजपा की ओर से जारी कार्यक्रम के मुताबिक, जेपी नड्डा का यह दौरा पार्टी के लिए बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि पहले चरण के मतदान से पहले भाजपा अपनी चुनावी पकड़ को मजबूत करने में जुटी है। नड्डा की रैलियों के जरिए भाजपा ग्रामीण और अर्ध-शहरी मतदाताओं को साधने की रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी का फोकस इस बार विकास, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर है।
जेपी नड्डा के बिहार दौरे के अगले दिन यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी राज्य के विभिन्न जिलों में दो-दो रैलियां करेंगे। इन रैलियों को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। भाजपा का उद्देश्य है कि बड़े नेताओं की मौजूदगी से एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में माहौल बनाया जा सके और विपक्षी महागठबंधन की पकड़ को कमजोर किया जा सके।
वहीं, महागठबंधन की ओर से भी चुनाव प्रचार ने रफ्तार पकड़ ली है। राजद नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, और वामदलों के प्रतिनिधि लगातार सभाओं और रोड शो के जरिए जनता से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है।
बिहार में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर 2025 को होना है, जिसमें 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में कई वीआईपी सीटें भी शामिल हैं, जहां सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन दोनों के लिए मुकाबला प्रतिष्ठा का विषय बन गया है।
राज्य की सियासी फिजा में अब पूरी तरह चुनावी रंग चढ़ चुका है। भाजपा जहां विकास और स्थिर सरकार का वादा कर रही है, वहीं विपक्ष बेरोजगारी, शिक्षा, कृषि और महंगाई जैसे मुद्दों को उठाकर जनता का ध्यान खींचने की कोशिश में है। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आएगी, बिहार का राजनीतिक तापमान और बढ़ने वाला है।