1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 28 Oct 2025 09:11:47 AM IST
- फ़ोटो
Chhath Puja : छठ महापर्व पर मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चिराग पासवान ने अपनी श्रद्धा और कामनाओं को सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया। भोजपुरी संस्कृति व बिहार-पूर्वांचल का यह प्रमुख पर्व इस वर्ष भी भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाया गया है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने विशेष रूप से बात की और उन्होंने बताया कि सूर्य भगवान का अर्घ्य देने के बाद उन्होंने छठी मैया से क्या माँगा है और किस प्रकार उन्होंने त्योहार को एक राजनीतिक-सामाजिक संदेश के साथ जोड़ा है।
छठ पूजा चार दिन तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से सूर्य और छठी मैया को समर्पित है। त्योहार की मुख्य परंपरा में पहला दिन नहाय-खाय, फिर काया जागरण, तीसरे दिन अस्तमंगल व चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देना शामिल है। इस वर्ष मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन हुआ। विभिन्न घाटों पर श्रद्धालु अरग्य की प्रक्रिया में शामिल हुए, पानी में घुटने तक उतरकर, सरस्वती व सूर्य की उपासना करते हुए। बिहार के कई हिस्सों में घाटों पर भारी भीड़ देखने को मिली थी।
मीडिया से बातचीत में चिराग पासवान ने कहा कि “छठी मैया ने बिना माँगे इतना कुछ दिया है” — इस वाक्य में उन्होंने देवी की कृपा व परम्परागत आस्था की ओर संकेत किया। उन्होंने आगे कहा कि उनकी कामना है कि विकसित बिहार की कल्पना साकार हो, उस विकसित परिवार एवं उस विकसित बिहार में हर परिवार में खुशियाँ और समृद्धि आएं। यही उनकी छठी मैया से जीवन-चरित्र के अनुरूप माँग रही है।
छठ पूजा इस बार सिर्फ धार्मिक धरोहर नहीं रहा — बिहार में चल रहे चुनावी माहौल ने इसे राजनीतिक प्रतीक में भी बदल दिया। चिराग पासवान ने इसे “लोकतंत्र का महापर्व” जैसा बताया। उन्होंने कहा “आज जब हम लोग छठ का उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व को पूर्ण किया … एक महापर्व समाप्ति की ओर है तो दूसरी ओर लोकतंत्र का दूसरा महापर्व वो अपनी चरम सीमा पर अपने पूर्ण रूप में आएगा।” इस तरह उन्होंने पर्व को सामाजिक-राजनीतिक सन्दर्भों से जोड़ते हुए उम्मीद जताई कि चुनाव परिणाम “बिहार और बिहारवासियों के लिए सुखद” होंगे।
चिराग पासवान ने स्पष्ट किया कि उन्होंने छठी मैया से विशेष रूप से प्रत्येक परिवार में समृद्धि व खुशहाली की कामना की है। उनके शब्दों में “छठी मैया का ये आशीर्वाद बिहार और देश के हर व्यक्ति और परिवार को मिले।” यह माँग सिर्फ व्यक्तिगत नहीं बल्कि सामूहिक-विकास-प्रधान है.उन्होंने यह उम्मीद जताई कि बिहार की जनता, विशेषकर युवा-वर्ग, “विकसित बिहार” की ओर आगे बढ़ सके।