Bihar Politics : चुनावी जीत के बाद चिराग पासवान पहुंचे पटना साहिब गुरुद्वारा, मां के साथ मत्था टेक कर मांगी बिहार में अमन-चैन की दुआ

बिहार चुनाव 2025 में शानदार जीत के बाद चिराग पासवान अपनी मां के साथ पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचे। जहां उन्होंने मत्था टेककर राज्य में अमन-चैन और खुशहाली की कामना की। समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Nov 2025 01:47:20 PM IST

Bihar Politics : चुनावी जीत के बाद चिराग पासवान पहुंचे पटना साहिब गुरुद्वारा, मां के साथ मत्था टेक कर मांगी बिहार में अमन-चैन की दुआ

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Bihar Politics : बिहार की राजनीति में चिराग पासवान इन दिनों सुर्खियों के केंद्र में हैं। वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में लोजपा (रामविलास) द्वारा किए गए प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान रविवार को अपनी मां रीना पासवान के साथ पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचे। चुनावी सफलता के बाद चिराग का यह पहला बड़ा सार्वजनिक दौरा था, जिसने राजनीतिक हलकों के साथ-साथ आम लोगों का भी ध्यान अपनी ओर खींचा।


ऐतिहासिक गुरुद्वारा पटना साहिब में मत्था टेक कर मांगी दुआ

पटना सिटी स्थित ऐतिहासिक तख्त श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारा सिखों के पांच तख्तों में से एक है और आस्था के साथ इतिहास का भी महत्वपूर्ण केंद्र है। इसी पवित्र स्थल पर पहुंचकर चिराग पासवान ने मत्था टेका और बिहार में शांति, सद्भाव और खुशहाली की कामना की। उनके साथ उनकी मां भी मौजूद थीं, जिन्होंने गुरु घर में अरदास कर राज्य और जनता के कल्याण की दुआ मांगी।


गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्यों ने चिराग और उनकी मां का स्वागत किया। चिराग ने इस दौरान कहा कि उनकी पार्टी को मिली जीत जनता के अपार विश्वास का नतीजा है और यह जीत उनके लिए किसी बड़े आशीर्वाद से कम नहीं।


“यह जीत जनता की है, उनकी उम्मीदों का सम्मान करूंगा” – चिराग पासवान

गुरुद्वारा परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने अपनी जीत को जनता की आवाज और जनता के आशीर्वाद का परिणाम बताते हुए कहा “बिहार की जनता ने इस बार लोजपा (रामविलास) को जिस भरोसे के साथ समर्थन दिया है, वह मेरे लिए अत्यंत सम्मान की बात है। जनता ने हमें 19 सीटों पर जिताकर नई जिम्मेदारी दी है। मैं यह भरोसा कभी टूटने नहीं दूंगा।”


चिराग ने कहा कि यह मत्था टेकने की यात्रा उनके लिए आध्यात्मिक भी है और भावनात्मक भी, क्योंकि चुनावी परिणाम आने के बाद वह पहली बार अपनी मां के साथ इस तरह किसी धार्मिक स्थल पर पहुंचे। उन्होंने इसे ‘जनता का आशीर्वाद’ और नई शुरुआत का प्रतीक बताया।


गुरुद्वारा परिसर में उमड़ी समर्थकों और श्रद्धालुओं की भीड़

चिराग के आगमन की खबर मिलते ही गुरुद्वारा परिसर में भारी संख्या में समर्थक और श्रद्धालु पहुंच गए। कई लोगों ने उनके साथ सेल्फी ली, वहीं कई समर्थकों ने “चिराग पासवान जिंदाबाद” के नारे भी लगाए। चिराग ने भीड़ का अभिवादन किया और लोगों के बीच जाकर मुलाकात की। पूरे दौरान वहां सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। इसके अलावा, कई सिख श्रद्धालुओं ने चिराग को उनकी जीत के लिए बधाई दी और बिहार में शांति व विकास की दिशा में काम करने की नसीहत भी दी।


19 सीटों की जीत ने बढ़ाई राजनीतिक ताकत

विधानसभा चुनाव 2025 में लोजपा (रामविलास) के 19 सीटों पर जीत हासिल करने को राजनीतिक विश्लेषक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। यह जीत न केवल चिराग की नेतृत्व क्षमता को मजबूत करती है बल्कि उन्हें बिहार की राजनीति में निर्णायक शक्ति के रूप में भी स्थापित करती है।


राजनीति के जानकारों का मानना है कि जिस तरह चिराग पासवान ने युवाओं, गरीबों और दलित समुदाय के बीच मजबूत पकड़ बनाई है, वह आने वाले दिनों में राज्य की राजनीतिक समीकरणों को दिशा दे सकती है। लोजपा (रामविलास) का वोट प्रतिशत भी पिछली बार की तुलना में बढ़ा है और कई सीटों पर पार्टी ने कड़ी टक्कर देकर जीत दर्ज की है।


‘विकास’ और ‘बदलाव’ को बताया प्राथमिकता

चिराग पासवान ने आगे कहा कि उनकी पार्टी की प्राथमिकता बिहार के विकास, रोजगार, कानून व्यवस्था और बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाना है। उन्होंने दोहराया कि वे राज्य को “बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट” मॉडल पर आगे बढ़ाने के अपने संकल्प को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा—“बिहार की जनता बदलाव चाहती थी और इस बदलाव को लेकर हमारी पार्टी ने जो संकल्प लिया था, उसे अब जमीन पर उतारने का समय आ गया है।”


मां के साथ विशेष भावनात्मक जुड़ाव भी जताया

दर्शन के दौरान चिराग ने अपनी मां को सबसे बड़ा प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा कि चुनावी अभियान के दौरान भी उनकी मां का आशीर्वाद और संबल उन्हें लगातार मिलता रहा। इस कारण चुनाव के बाद पहला सार्वजनिक दौरा मां के साथ करना उनके लिए बेहद खास रहा।