1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 17 Nov 2025 11:13:27 AM IST
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Anant Singh case : दुलारचंद हत्याकांड मामले में एक बड़ी कानूनी कार्रवाई सामने आई है। पुलिस ने इस मामले का ट्रायल औपचारिक रूप से शुरू कर दिया है, जिसके बाद यह साफ हो गया है कि फिलहाल अनंत सिंह को जेल से बाहर आने में और समय लग सकता है। कुछ दिनों पूर्व जब अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था, तब यह कयास लगाए जा रहे थे कि वह जल्द ही अदालत में जमानत की कोशिश कर सकते हैं और संभव है कि जल्दी ही जेल से बाहर आ जाएं। लेकिन अब पुलिस द्वारा ट्रायल शुरू कर देने के बाद मामला एक नए मोड़ पर पहुंच गया है।
14 दिन की न्यायिक हिरासत ने खोला कानूनी संभावनाओं का रास्ता
दुलारचंद हत्याकांड की जांच में पुलिस की सक्रियता के बीच अदालत ने अनंत सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। इससे यह संकेत मिला था कि जांच एजेंसी के पास प्रारंभिक आधार मौजूद हैं और आगे की प्रक्रिया अदालत की निगरानी में चलेगी। उस समय यह भी माना जा रहा था कि हिरासत अवधि पूरी होने के बाद अनंत सिंह की तरफ से जमानत के लिए प्रयास किए जाएंगे और वे अन्य मामलों की तरह बाहर आने की कोशिश करेंगे। लेकिन अब जो नई जानकारी सामने आ रही है, वह इस अनुमान को एकदम बदल देती है।
ट्रायल शुरू: पुलिस ने दाखिल किए महत्वपूर्ण दस्तावेज
सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में ट्रायल की औपचारिक शुरुआत कर दी है। इसका मतलब है कि आवश्यक दस्तावेज, चार्जशीट और गवाहों की सूची अदालत को सौंप दी गई है। कानूनी प्रक्रिया के इस चरण में आरोपी को तुरंत राहत मिलना मुश्किल माना जाता है, क्योंकि अदालत आरोपी की जमानत पर तभी विचार करती है जब जांच पूर्ण न हो या आरोप कमजोर लगें। ट्रायल शुरू होने के बाद अब मामला अदालत की प्रक्रिया के अनुसार आगे बढ़ेगा, जिसमें सबूतों की जांच, गवाहों के बयान और क्रॉस एग्जामिनेशन शामिल होंगे। ऐसे में अनंत सिंह के बचाव पक्ष को अतिरिक्त तैयारी करनी होगी।
पुलिस की तीव्रता से बढ़ी मुश्किलें
पुलिस की ओर से तेज कार्रवाई और समय से पहले ट्रायल शुरू कर देने के बाद यह संभावना और मजबूत हो गई है कि फिलहाल अनंत सिंह को जेल से बाहर आने के लिए काफी इंतजार करना पड़ सकता है। जांच एजेंसी चाहती है कि यह मामला जल्द से जल्द मुकदमे की दिशा में आगे बढ़े और अदालत में तथ्य स्थापित किए जा सकें।
पुलिस सूत्रों का यह भी दावा है कि उनके पास इस केस से जुड़े कई महत्वपूर्ण सबूत मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल ट्रायल में किया जाएगा। हालांकि बचाव पक्ष पहले ही पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते आया है और आगे भी अदालत के समक्ष अपनी दलीलें पेश करेगा।
कानूनी लड़ाई होगी लंबी
इस मामले को लेकर कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रायल शुरू होने का मतलब है कि अब प्रक्रिया लंबी चलेगी। कोर्ट में तारीखों के आधार पर गवाहों के बयान, पुलिस की प्रस्तुतियां और दोनों पक्षों की बहसें कई चरणों में पूरी होंगी। ऐसे में किसी भी तरह की राहत तुरंत मिलना कठिन है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अनंत सिंह की कानूनी टीम ट्रायल के दौरान या उसके पहले जमानत याचिका दाखिल कर सकती है, लेकिन पुलिस द्वारा ट्रायल शुरू कर दिए जाने के बाद जमानत मिलना चुनौतीपूर्ण होगा। अदालत ऐसे मामलों में तभी राहत देती है, जब उसे लगता है कि आरोपी के जेल से बाहर आने पर जांच प्रभावित नहीं होगी या सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका नहीं बनाई जा सकती।
राजनीतिक चर्चाओं में भी मामला फिर सुर्खियों में
दुलारचंद हत्याकांड में अनंत सिंह की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत पहले ही राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय थी। अब ट्रायल शुरू होने के बाद यह मामला एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर सुर्खियों में आ गया है। विरोधी दल इसे कानून-व्यवस्था और न्यायिक कार्रवाई के तौर पर देख रहे हैं, जबकि समर्थक इसे राजनीतिक प्रेरित कार्रवाई बताने से नहीं चूक रहे।
फिलहाल जेल में रहना तय
अब तक की उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट है कि अनंत सिंह को कुछ और दिन, बल्कि संभवतः कई सप्ताह या महीनों तक जेल में रहना पड़ सकता है। ट्रायल की शुरुआत से उनके जेल से बाहर आने की संभावना फिलहाल बहुत कम दिख रही है।