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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 13 Oct 2025 11:21:06 AM IST
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Bihar election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए के अंदर सीटों का बंटवारा कर दिया गया है, लेकिन इस बार जेडीयू के अंदर इस बंटवारे को लेकर भूचाल मचा हुआ है। जेडीयू इस बार 101 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, लेकिन सीट बंटवारे के बाद सामने आई कुछ चर्चाओं ने पार्टी के भीतर गंभीर असंतोष को जन्म दिया है।
दरअसल, एनडीए में तय हुए सीट बंटवारे के अनुसार दिनारा विधानसभा सीट जेडीयू के हाथ से बाहर हो सकती है और इस सीट पर भाजपा या कोई अन्य सहयोगी दल उम्मीदवार उतार सकता है। इस खबर ने जेडीयू के भीतर हलचल मचा दी है और पार्टी के कई पुराने और अनुभवी नेताओं ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जेडीयू के दिनारा सीट से पूर्व विधायक जय कुमार सिंह ने वर्तमान नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी नाराज़गी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से नहीं है, बल्कि वे वर्तमान नेतृत्व के रवैये और कार्यशैली से परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार एक उत्कृष्ट और ईमानदार नेता हैं, जिनसे उनका कोई मतभेद नहीं है।
जय कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि वर्तमान नेतृत्व जानबूझकर अपने करीबी नेताओं को टिकट देने में लगा हुआ है और पार्टी के हितों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह लोग पार्टी को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। “यह लोग पार्टी को रसातल में ले जाने में जुटे हुए हैं। अगर इनकी मनमानी पर रोक नहीं लगी, तो जेडीयू के लिए बुरा दिन दूर नहीं है,” उन्होंने कहा।
पूर्व विधायक ने यह भी कहा कि उन्होंने लंबे समय तक जनता की सेवा में काम किया है और हमेशा ईमानदारी के साथ पार्टी और समाज के हितों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे कभी भी व्यक्तिगत लाभ या पद का लालच नहीं रखते। “अगर मैं चाहता तो अन्य नेताओं की तरह अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अवैध तरीके से पैसा कमा सकता था, लेकिन मेरा काम जनता की सेवा करना है। हम जनता के सेवक हैं और यही हमारा धर्म है,” जय कुमार सिंह ने कहा।
उन्होंने वर्तमान नेतृत्व पर यह भी आरोप लगाया कि अवैध वसूली और अनियमितता पार्टी में गहराई से फैली हुई है। जय कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान नेतृत्व केवल अपने स्वार्थ के लिए काम कर रहा है और पार्टी के मूल उद्देश्यों की अनदेखी कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पार्टी की इस मनमानी पर तुरंत नियंत्रण नहीं पाया गया, तो जेडीयू की स्थिति चुनावी मैदान में कमजोर हो सकती है।
जय कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि उनकी नाराज़गी सिर्फ पार्टी के वर्तमान नेतृत्व से है और वे जेडीयू के मूल विचारों और नीतीश कुमार के नेतृत्व में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि वे दिनारा विधानसभा क्षेत्र में ही रहेंगे और इस सीट के मुद्दों पर अपनी आवाज उठाते रहेंगे। उनका मानना है कि दिनारा के लोग उनके समर्थन में हैं और वे अपने क्षेत्र के विकास और जनता की सेवा में निरंतर लगे रहेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने अगले कदम को लेकर पूरी रणनीति तैयार करने के लिए कल दिनारा में सर्व समाज की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी समाज के प्रतिनिधियों और स्थानीय नेताओं के साथ मिलकर इस सीट की वर्तमान स्थिति और आगामी चुनाव में रणनीति पर विचार किया जाएगा। जय कुमार सिंह ने यह भी संकेत दिया कि बैठक के निर्णय के आधार पर वे अपनी आगे की राजनीतिक योजना तय करेंगे।
जैसा कि उन्होंने बताया, उनका उद्देश्य केवल पार्टी और जनता की सेवा करना है, न कि व्यक्तिगत लाभ उठाना। उन्होंने अपने समर्थकों को यह भरोसा दिलाया कि वे निष्पक्ष और ईमानदार राजनीति में विश्वास रखते हैं और हमेशा जनता के हित को सर्वोपरि मानेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि जेडीयू के भीतर इस तरह की असंतोष की स्थिति पार्टी की चुनावी रणनीति पर असर डाल सकती है। अगर वर्तमान नेतृत्व और वरिष्ठ नेता मिलकर स्थिति को नियंत्रित नहीं करते हैं, तो यह असंतोष और गहरा सकता है। दिनारा सीट जैसे महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र में किसी तरह की अनबन पार्टी की चुनावी स्थिति को कमजोर कर सकती है।
इस पूरे विवाद में यह साफ हो गया है कि जेडीयू के भीतर पुराने और अनुभवी नेताओं की नाराज़गी बढ़ रही है। पार्टी के लिए यह चुनौती होगी कि वह किसी भी प्रकार के विवाद और असंतोष को शांत कर चुनावी मैदान में एकजुट होकर उतर सके। जय कुमार सिंह का यह रुख यह दर्शाता है कि पार्टी को केवल शीर्ष नेतृत्व तक सीमित रहकर निर्णय नहीं लेना चाहिए, बल्कि क्षेत्रीय नेताओं और अनुभवी कार्यकर्ताओं की राय को भी महत्व देना आवश्यक है।
अंततः, दिनारा सीट को लेकर जेडीयू में चल रहे इस विवाद से यह स्पष्ट है कि पार्टी को अपने अंदरूनी मतभेदों को दूर करना होगा और वरिष्ठ नेताओं के सुझावों और अनुभवों को महत्व देना होगा, ताकि आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पार्टी मजबूत स्थिति में रह सके।