1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Nov 2025 02:10:04 PM IST
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10 Circular Road : लालू परिवार को 20 साल बाद पटना स्थित 10 सर्कुलर रोड के सरकारी आवास, जिसे आम तौर पर राबड़ी आवास कहा जाता है, खाली करने का नोटिस मिला है। मंगलवार को बिहार भवन निर्माण विभाग की ओर से यह आदेश जारी किया गया। नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिहार विधान परिषद के आवास के लिए पटना केंद्रीय पुल की आवास संख्या 39, हार्डिंग रोड पर आवंटित किया गया है।
इस फैसले के बाद राजद कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया है। इसी कड़ी में राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने कहा कि किसी भी हालत में राबड़ी आवास खाली नहीं किया जाएगा। उन्होंने इसे लालू परिवार को अपमानित करने की योजना करार दिया। मंगनी लाल मंडल ने कहा, “20 साल से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, उन्होंने इतने लंबे समय तक यह फैसला क्यों नहीं लिया। अब अचानक इस निर्णय के पीछे सिर्फ राजनीति और व्यक्तिगत विद्वेष है। लालू परिवार के प्रति दुर्व्यवहार करने का यह प्रयास है। सरकार इस तरह की कार्रवाई करके परिवार को अपमानित करना चाहती है।”
राजद प्रदेश अध्यक्ष ने इस फैसले पर अपने गहरे असंतोष को व्यक्त करते हुए कहा कि, “सब कुछ सिर्फ विद्वेष और राजनीतिक कारणों से किया जा रहा है। किसी भी न्यायसंगत कारण के बिना यह कार्रवाई की जा रही है। हेडिंग रोड का मकान, जिसे लालू परिवार को आवंटित करने का निर्णय लिया गया है, उसे क्रांतिकारी ढंग से खाली कराया जा रहा है। 20 वर्षों से मुख्यमंत्री रहे हैं, तब भी उन्होंने उस मकान को खाली क्यों नहीं कराया? यह जानबूझकर अपमानित करने का काम है।”
मंगनी लाल मंडल ने आरोप लगाया कि यह फैसला केंद्र और राज्य सरकार के राजनीतिक संबंधों के कारण लिया गया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी, साथ ही आरएसएस का विश्वास हासिल करने के लिए लालू परिवार को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “इससे स्पष्ट है कि लालू यादव और उनके परिवार को अपमानित करने का प्रयास सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है। यह कार्रवाई निष्पक्ष और न्यायसंगत नहीं है।”
इस बीच, राजद के कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे किसी भी स्थिति में राबड़ी आवास खाली नहीं करेंगे। उनके अनुसार, यह सिर्फ लालू परिवार को अपमानित करने और उनकी छवि को नुकसान पहुँचाने की साजिश है। राजद नेताओं का कहना है कि लालू यादव और राबड़ी देवी ने बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, ऐसे में उनका सम्मान बनाए रखना आवश्यक है। इस पूरे विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने इसे सीएम नीतीश कुमार की राजनीतिक चाल करार दिया है, वहीं सरकार का कहना है कि यह नियमों और आवासीय नीतियों के अनुरूप निर्णय है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला विधानसभा चुनाव और आगामी राजनीतिक स्थिति पर भी असर डाल सकता है। लालू परिवार और राजद के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। राजद ने स्पष्ट कर दिया है कि इस मामले में कोई समझौता नहीं होगा और वे हरसंभव कदम उठाएंगे। अब देखने वाली बात यह होगी कि बिहार भवन निर्माण विभाग द्वारा जारी नोटिस पर लालू परिवार क्या कदम उठाता है। वहीं, सरकार की ओर से भी इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई या विस्तृत बयान आने की संभावना बनी हुई है।
राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि इस फैसले के पीछे केवल नियम और कानून नहीं, बल्कि व्यापक राजनीतिक रणनीति भी छिपी हुई है। ऐसे में राबड़ी आवास खाली करने का मुद्दा आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में एक बड़ा विवाद बन सकता है।