1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 18 Nov 2025 06:36:53 AM IST
- फ़ोटो
RJD internal conflict : बिहार चुनाव में राजद की करारी हार के बाद राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मची हुई है। लेकिन इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात है—बिहार के सबसे बड़े सियासी घराने लालू परिवार में चल रही खुली कलह। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के लगातार आ रहे बयानों और सोशल मीडिया पोस्ट ने इस पारिवारिक विवाद को सबके सामने ला दिया है। राजनीतिक हलकों से लेकर आम लोगों तक, हर तरफ यही चर्चा है कि आखिर आरजेडी के भीतर क्या चल रहा है?
इसी बीच सोमवार को तेजस्वी यादव के सरकारी आवास एक पोलो रोड पर पार्टी विधायकों और नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें खुद लालू प्रसाद यादव भी मौजूद रहे। इस बैठक को आरजेडी के लिए "मनोबल बढ़ाने वाली बैठक" के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि चुनावी हार के बाद पहली बार पूरा नेतृत्व एक साथ बैठा और रणनीतियों पर चर्चा हुई।
लालू ने तोड़ी चुप्पी, कहा—घर का विवाद घर में ही सुलझेगा
बैठक के दौरान लालू प्रसाद यादव ने पहली बार खुले तौर पर चल रहे पारिवारिक विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी। वे शांत स्वर में बोले—“घर का विवाद घर के लोग सुलझा लेंगे, आप लोग चिंता मत कीजिए।”लालू का यह बयान साफ संकेत देता है कि वे रोहिणी आचार्य के बयानों से नाराज़ तो हैं, पर वे इसे सार्वजनिक मुद्दा नहीं बनने देना चाहते। पार्टी के कई विधायकों और नेताओं ने भी इस विवाद पर चिंता जताई थी, लेकिन लालू ने सभी को संयम रखने और आंतरिक मतभेद को बाहर न आने देने की सलाह दी।
रोहिणी आचार्य ने चुनाव परिणाम आने के बाद लगातार ऐसे बयान दिए जिसमे उन्होंने तेजस्वी यादव की रणनीति पर सवाल उठाए और कई बार अपने ही परिवार पर निशाना साधती दिखाई दीं। उनके पोस्ट तेजी से वायरल हुए और आरजेडी के अंदर खींचतान को और अधिक हवा मिली।
लालू का निर्देश—विचारधारा से कोई समझौता नहीं
बैठक में लालू प्रसाद ने सिर्फ पारिवारिक विवाद पर प्रतिक्रिया नहीं दी, बल्कि पार्टी विधायकों को कड़े संदेश भी दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा—“हमारी विचारधारा ही हमारी ताकत है। गरीबों की आवाज उठाना बंद नहीं होगा। विचारधारा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”
लालू ने कहा कि चुनाव में हार से हताश होने की जरूरत नहीं है। राजनीति में जीत-हार होती रहती है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है—जनता के मुद्दों को उठाना। उन्होंने विधायकों को यह भी निर्देश दिया कि वे सदन में आरजेडी की मजबूत मौजूदगी दिखाएं और भाजपा-नीत सरकार की नीतियों पर प्रभावी ढंग से सवाल उठाएं।
तेजस्वी यादव भी रहे सक्रिय, संगठन को पुनर्गठित करने की तैयारी
इस पूरी बैठक में तेजस्वी यादव की भूमिका भी काफी अहम रही। उन्होंने सभी नेताओं से विस्तृत फीडबैक लिया और आने वाले महीनों में पार्टी संगठन को मजबूत करने, बूथ स्तर तक पुनर्गठन करने और जनता से सीधा संवाद बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा की।
चुनाव में आरजेडी को मिली करारी हार ने पार्टी के अंदर कई सवाल खड़े किए हैं, खासकर युवाओं और महिलाओं में पार्टी की पकड़ को लेकर। तेजस्वी ने कहा कि आने वाले समय में पार्टी नई रणनीतियों पर काम करेगी और संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाएगी।
राजद के भीतर एकता दिखाने की कोशिश
बैठक में मौजूद वरिष्ठ नेताओं ने भी इस बात पर जोर दिया कि इस समय पार्टी को एकता की सख्त जरूरत है। चुनाव में हार के बाद पार्टी के अंदर जो असंतोष पैदा हुआ है, उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। लालू के बयान ने नेताओं के बीच यह संदेश भी दिया कि नेतृत्व में कोई भ्रम नहीं है और परिवार के भीतर उत्पन्न विवाद पार्टी की दिशा को प्रभावित नहीं करेगा।
हार से सीख लेकर आगे बढ़ने की तैयारी
चुनावी हार के बाद आरजेडी जिस तरह खुद को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रही है, वह पार्टी की गंभीरता को दिखाता है। लालू प्रसाद यादव का पारिवारिक विवाद पर खुलकर बोलना और विचारधारा पर दृढ़ रहने का संदेश—दोनों संकेत देते हैं कि आने वाले दिनों में पार्टी आंतरिक सुधार के रास्ते पर चलेगी।अब देखने वाली बात यह है कि रोहिणी आचार्य इस संदेश के बाद क्या कदम उठाती हैं और क्या परिवार की कलह वाकई खत्म होती है या यह विवाद आगे भी आरजेडी के लिए चुनौती बना रहेगा।