1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 27 Nov 2025 01:04:16 PM IST
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Garib Rath Express : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बुधवार रात को एक बड़ा हादसा टल गया, जब अमृतसर-सहरसा गरीब रथ एक्सप्रेस (12204) बुढ़वल जंक्शन के पास ट्रेन के रास्ते में अचानक गिरे डंपर के मलबे से बच गई। यह घटना रात लगभग 9 बजे रामनगर-फतेहपुर ओवरब्रिज पर हुई, जहां तेज रफ्तार लोडेड डंपर अनियंत्रित होकर रेलिंग तोड़ते हुए अप लाइन ट्रैक पर जा गिरा। इस दौरान गरीब रथ एक्सप्रेस पास ही गुजर रही थी, और ट्रक का कुछ मलबा ट्रेन की जी-2 कोच पर गिरा। हालांकि, बड़ा हादसा टल गया और किसी यात्री को चोट नहीं आई, लेकिन घटना ने यात्रियों में दहशत पैदा कर दी।
सूत्रों के अनुसार, डंपर का अनियंत्रित होना और ओवरब्रिज से नीचे गिरना पूरी तरह चालक की लापरवाही के कारण हुआ। ट्रक अगर ट्रेन पर सीधे गिरता, तो स्थिति अत्यंत गंभीर हो सकती थी। घटनास्थल पर ओएचई तार टूटने से रेलवे लाइन की बिजली चली गई और यह भी हादसे को और अधिक खतरनाक बना सकता था। लेकिन ट्रेन चालक की सतर्कता और ब्रेकिंग के कारण ट्रेन समय पर रुक गई और बड़ी दुर्घटना टल गई। ट्रेन के जी-2 कोच पर कुछ मलबा गिरा और पुल का टूटे हुए हिस्से का टुकड़ा ट्रेन से टकराया, लेकिन यात्रियों और इंजन को कोई नुकसान नहीं हुआ।
घटना के तुरंत बाद रेल प्रशासन और पुलिस सक्रिय हो गए। मौके पर क्रेन बुलाकर दो घंटे में ट्रक और मलबा हटाया गया और ट्रैक को बहाल किया गया। इस वजह से अमृतसर-सहरसा गरीब रथ एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। ट्रेन आठ घंटे विलंब से चल रही है। अगर सुबह पांच बजे ट्रेन मुजफ्फरपुर पहुंचनी थी, तो अब इसकी संभावना दोपहर एक बजे के बाद बनी हुई है।
रेल पुलिस ने डंपर ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। ट्रक का मलबा जब्त कर लिया गया है और ट्रक मालिक की पहचान की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह घटना साफ तौर पर लापरवाही और यातायात नियमों की अनदेखी का नतीजा है।
यात्रियों ने बताया कि हादसे के समय अचानक ट्रेन के ब्रेक लगने से कोच में हलचल मच गई और कुछ लोग डर के मारे चिल्लाए। हालांकि, ट्रेन चालक और रेलवे स्टाफ की सतर्कता के कारण किसी को गंभीर चोट नहीं आई। प्रशासन ने यात्रियों को शांत कराते हुए बताया कि रेलवे ट्रैक जल्द से जल्द बहाल कर दिया जाएगा और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।
रेलवे अधिकारियों ने यह भी बताया कि घटना के कारण प्रभावित ट्रेनों में अन्य कुछ पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन भी बाधित हुआ। क्रेन और अन्य आपात उपकरण के आने के बाद दो घंटे के अंदर ट्रैक बहाल कर दिया गया, जिससे आगे की यात्रा फिर से शुरू हो सकी।
यह घटना यह स्पष्ट करती है कि रेलवे लाइनों के आसपास भारी वाहन या निर्माण सामग्री की निगरानी में खामी किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है। दुर्घटना टल गई, लेकिन इससे यह सबक लेना जरूरी है कि रेलवे के पास आने वाली ट्रैफिक और निर्माण गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने तुरंत सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की योजना बनाई है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए रेलवे ट्रैक के पास भारी वाहन संचालन पर कड़े नियम लागू किए जाएंगे। साथ ही, ट्रक और भारी वाहन चालकों को ट्रेन की निकटता और ट्रैक के पास सुरक्षित गति बनाए रखने के लिए निर्देशित किया जाएगा।
स्थानीय लोग और यात्रियों ने प्रशासन और रेलवे स्टाफ की तत्परता की सराहना की है। अगर तत्काल कार्रवाई न होती, तो यह हादसा बड़ी मानव और आर्थिक क्षति में बदल सकता था। रेलवे सुरक्षा प्रबंधन ने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएंगे और ट्रक चालकों के नियमों का उल्लंघन होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे मामले में यह स्पष्ट है कि रेलवे और सड़क वाहनों के बीच तालमेल और सतर्कता बेहद जरूरी है। डंपर के अनियंत्रित होने और पुल की रेलिंग टूटने जैसी घटनाएं बड़े हादसों की वजह बन सकती हैं। हालांकि, अमृतसर-सहरसा गरीब रथ एक्सप्रेस के चालक और स्टाफ की सतर्कता ने बड़ा हादसा टाल दिया। इस घटना से यह सीख मिली है कि सुरक्षा इंतजामों और नियमों का पालन कितना महत्वपूर्ण है।
बुधवार रात हुए इस हादसे के बाद रेलवे ने प्रभावित यात्रियों को सहूलियत देने के लिए वैकल्पिक प्रबंध भी किए हैं। ट्रेन संचालन में देरी को लेकर यात्रियों की जानकारी दी जा रही है और उन्हें सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए रेल कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
रेलवे अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और ट्रक ड्राइवर की गिरफ्तारी के लिए जांच जारी है। दुर्घटना के कारण हुए नुकसान और ट्रक मालिक की जिम्मेदारी भी स्पष्ट की जाएगी। प्रशासन ने यह संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी संबंधित पक्षों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना से यह साबित होता है कि रेल और सड़क सुरक्षा के बीच तालमेल आवश्यक है। अगर ट्रेन चालक और स्टाफ सतर्क न होते, तो यह हादसा बड़ी त्रासदी में बदल सकता था। घटना टलने के बावजूद रेल प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने का संकल्प लिया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
मुजफ्फरपुर के बुढ़वल जंक्शन के पास हुए इस हादसे में बड़ी दुर्घटना टल गई, लेकिन यह घटना यात्रियों, रेलवे प्रशासन और सड़क वाहन चालकों के लिए चेतावनी है कि सतर्कता और सुरक्षा नियमों का पालन अत्यंत जरूरी है।