1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Nov 2025 12:31:46 PM IST
- फ़ोटो
Bihar Caste Politics : बिहार की राजनीति में जातीय संतुलन हमेशा से सत्ता की दिशा तय करने वाला प्रमुख कारक रहा है। 20 नवंबर 2025 को बिहार में नई सरकार का गठन हुआ है. मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार 10 वीं बार शपथ लिए हैं. भाजपा कोटे से 14, जेडीयू से 8,लोजपा(रा) से 2, रालोमो -1 और हम से 1 को मंत्री बनाया गया है. हालांकि नई सरकार में भाजपा ने ब्राह्मण को हाफ कर दिया है. पिछली कैबिनेट में भाजपा ने मंगल पांडेय के अलावे नीतीश मिश्रा को मंत्री बना रखा था. भारतीय जनता पार्टी ने इस बार राजपूत जाति से 2 विधायकों को मंत्री बनाया है,भूमिहार कोटा में डिप्टी सीएम की कुर्सी गई है. कायस्थ से भी नीतिन नवीन को मंत्री बनाया गया है. जेडीयू ने भी ब्राह्मण जाति से किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया है.
राजपूत समुदाय से संजय टाइगर, श्रेयसी सिंह, लेसी सिंह और संजय सिंह को शामिल किया गया है। यह समुदाय परंपरागत रूप से भाजपा के समर्थन आधार में रहा है, और चार मंत्रियों को शामिल कर भाजपा ने अपने वोट बैंक को साधने की कोशिश की है।
भूमिहार समुदाय से विजय कुमार सिन्हा और विजय चौधरी को मंत्री पद मिला है। भूमिहार राजनीति में प्रभावी माने जाते हैं और मंत्रिमंडल में इनकी दोहरी मौजूदगी गठबंधन के अंदर संतुलन बनाए रखने का संकेत देती है। जबकि ब्राह्मण समुदाय से मंगल पांडे को जगह मिली है, जो भाजपा के अनुभवी और विश्वसनीय चेहरे हैं।
कायस्थ समुदाय से नितिन नवीन को शामिल किया गया है, जो पटना के भीतर और शहरी क्षेत्रों में पार्टी के प्रमुख प्रतिनिधि माने जाते हैं।
ओबीसी और पिछड़ा वर्ग: भाजपा-जदयू दोनों ने रखा खास ध्यान
ओबीसी बिहार की राजनीति का सबसे बड़ा सामाजिक समूह है। इसलिए, मंत्रिमंडल में इनके लिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व अनिवार्य था। कुशवाहा (कोइरी) समुदाय से सम्राट चौधरी और दीपक प्रकाश को शामिल किया गया है। सम्राट चौधरी उपमुख्यमंत्री हैं, जबकि दीपक प्रकाश उपेंद्र कुशवाहा की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हैं।
यादव समुदाय से रामकृपाल यादव और विजेंद्र प्रसाद यादव को जगह मिली है। यादव राजनीति में पारंपरिक रूप से RJD का आधार माना जाता है, लेकिन NDA द्वारा दो यादव नेताओं को कैबिनेट में शामिल कर इस सामाजिक समूह में भी संदेश देने की कोशिश की गई है।
कुर्मी समुदाय से श्रवण कुमार मंत्रिमंडल में हैं, जो नीतीश कुमार का मूल राजनीतिक आधार है। चंद्रवंशी (ओबीसी) से प्रमोद कुमार को शामिल कर ओबीसी के अन्य घटकों को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।
अति पिछड़ा वर्ग (EBC): एनडीए की रीढ़ को मिला व्यापक स्थान
ईबीसी वर्ग बिहार की राजनीति में निर्णायक है। एनडीए विशेष रूप से इस समूह पर अपना प्रभाव बनाए रखना चाहता है।
सुरेंद्र मेहता (धानुक), रमा निषाद (निषाद/मलाह), मदन सहनी (मल्लाह समुदाय),लखेंद्र कुमार रोशन (पासवान), सुनील कुमार (रविदास), संतोष कुमार सुमन (मांझी समुदाय), संजय कुमार (पासवान), इनकी मौजूदगी दर्शाती है कि सरकार सामाजिक न्याय और संतुलन पर खास फोकस रख रही है।
अल्पसंख्यक समुदाय: मुस्लिम प्रतिनिधित्व
कैबिनेट में मोहम्मद जमा खान को शामिल कर एनडीए ने मुस्लिम समुदाय को भी प्रतीकात्मक लेकिन महत्वपूर्ण संदेश दिया है कि उनकी सरकार समावेशी है।
| समुदाय | मंत्रियों की संख्या | प्रमुख नाम |
|---|---|---|
| राजपूत | 4 | संजय टाइगर, श्रेयसी सिंह, लेसी सिंह, संजय सिंह |
| भूमिहार | 2 | विजय कुमार सिन्हा, विजय चौधरी |
| ब्राह्मण | 1 | मंगल पांडे |
| कुशवाहा | 2 | सम्राट चौधरी, दीपक प्रकाश |
| यादव | 2 | रामकृपाल यादव, विजेंद्र यादव |
| कुर्मी | 1 | श्रवण कुमार |
| चंद्रवंशी | 1 | प्रमोद कुमार |
| EBC | 7 | मेहता, निषाद, सहनी, पासवान, रविदास, सुमन, संजय |
| मुस्लिम | 1 | मोहम्मद जमा खान |