Nitish Kumar Oath : मैं नीतीश कुमार… नीतीश कुमार ने 10वीं बार ली CM पद की शपथ, बिहार में बना नया राजनीतिक रिकॉर्ड

Nitish Kumar Oath : बिहार में नई राजनीति की शुरुआत करते हुए नीतीश कुमार ने 20 नवंबर 2025 को 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। एनडीए की बड़ी जीत के बाद यह शपथ ग्रहण राज्य में नई उम्मीदों का संकेत है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Nov 2025 11:06:00 AM IST

Nitish Kumar Oath : मैं नीतीश कुमार… नीतीश कुमार ने 10वीं बार ली CM पद की शपथ, बिहार में बना नया राजनीतिक रिकॉर्ड

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Nitish Kumar Oath : राजनीतिक परिदृश्य में एक नये अध्याय की शुरुआत करते हुए, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार, 20 नवंबर 2025 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। यह उनके लिए दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर है, जो स्वयं में एक रिकॉर्ड है। 


इस शपथ ग्रहण की पृष्ठभूमि में राज्य की विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की भव्य जीत थी — 243 सदस्यों वाले विधानसभा में गठबंधन को 200 से ज्यादा सीटें मिलीं। नीतीश कुमार ने इस चुनाव में अपनी दल जनता दल यूनाइटेड (JD(U)) और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 


शपथ समारोह का आयोजन पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुआ, जहाँ बड़ी संख्या में समर्थक और राजनेता मौजूद थे। समारोह में देश के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति रही, जिससे इस अवसर की गरिमा और बढ़ गई। 


नीतीश कुमार की जीत का सबसे बड़ा कारण यह है कि लंबे समय से बिहार की राजनीति में सक्रिय रहने वाला उनका अनुभव और गठबंधन-रणनीति उन्हें सशक्त बनाती है। इसके साथ ही, ‘सुदृढ़ शासन’ और विकास के एजेंडा को उन्होंने अपनी राजनीति में प्रमुखता दी है। राजनीतिक दलों के बीच बदलाव और गठबंधनों में समायोजन उनकी एक खास पहचान बन गया है। 


हालाँकि पावर मजबूत है, लेकिन चुनौतियाँ भी कम नहीं बिहार में नौकरियों की कमी, युवाओं की व्यवस्था, तथा राज्य-से बाहर जाने वालों की समस्या अभी भी व्यापक है। गठबंधन में संतुलन बनाए रखना, विभिन्न जात-समुदायों की अपेक्षाओं को पूरा करना, और विकास के वादों को धरातल पर उतारना— ये सभी उनकी सरकार के लिए महत्वपूर्ण होंगे।


नीतीश कुमार की दसवीं शपथ एक प्रतीकात्मक क्षण है  यह न केवल उनके राजनीतिक करियर की लंबी अवधि को दर्शाता है, बल्कि बिहार में अब विकास-गठबंधन और राजनीतिक स्थिरता की दिशा में एक नया मोड़ भी ले सकता है। राज्य की जनता तथा राजनीतिक पर्यवेक्षक इस नए कार्यकाल से बड़े उम्मीदें लगा रही है।