Bihar Government Schools : पटना के सरकारी स्कूलों में पढ़ने की आदत बढ़ाने की अनूठी पहल, विभाग शुरू करने जा रहा यह काम

पटना के सरकारी स्कूलों में बच्चों में पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए नई पहल शुरू की गई है। स्कूल मैगजीन, बुकमार्क निर्माण और साहित्यिक गतिविधियों के जरिए छात्रों में रचनात्मकता बढ़ाई जाएगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 17 Nov 2025 03:22:50 PM IST

Bihar Government Schools : पटना के सरकारी स्कूलों में पढ़ने की आदत बढ़ाने की अनूठी पहल, विभाग शुरू करने जा रहा यह काम

- फ़ोटो

Bihar Government Schools : बिहार के पटना जिले में सरकारी माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक बेहद रचनात्मक और महत्वाकांक्षी पहल शुरू की गई है। इस पहल का मूल उद्देश्य बच्चों में किताबों के प्रति रुचि विकसित करना, उनकी पढ़ने की आदत को मजबूत बनाना और उनके मन में रचनात्मकता व तार्किक सोच को प्रोत्साहित करना है। यह प्रयास न केवल बच्चों की शैक्षणिक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होगा बल्कि उनके मानसिक, वैचारिक और भाषाई विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।


किताबों से जोड़ने की अनूठी पहल

पटना जिले के शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई यह पहल स्कूलों में शिक्षा के वातावरण को और अधिक सकारात्मक एवं रचनात्मक बनाने पर केंद्रित है। आज के समय में बच्चों में किताब पढ़ने की आदत धीरे-धीरे कम होती जा रही है, ऐसे में यह प्रयास उन्हें किताबों के करीब लाने का सराहनीय कदम माना जा रहा है।


इस अभियान के तहत स्कूलों में विविध गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को किताब पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। खास बात यह है कि यह पहल केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बच्चों को साहित्यिक और रचनात्मक दुनिया से जोड़ने का प्रयास भी करेगी।


बच्चों द्वारा संपादित स्कूल मैगजीन

इस पहल की सबसे उल्लेखनीय विशेषता है कि जिले के प्रत्येक सरकारी माध्यमिक स्कूल में एक मैगजीन तैयार की जाएगी। यह मैगजीन केवल शिक्षकों द्वारा नहीं बल्कि बच्चों द्वारा संपादित होगी। इसका उद्देश्य है बच्चों की लेखन क्षमता, भाषा कौशल और सृजनशीलता को बढ़ावा देना। बच्चे इसमें कविता, कहानी, लेख, चित्रकला और अनुभवों जैसे विषयों पर सामग्री लिख सकेंगे। इससे उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और वे अपने विचारों को अभिव्यक्त करना सीखेंगे।


रचनात्मक बुकमार्क बनाने की प्रतियोगिता

योजना के तहत छात्रों को रचनात्मक बुकमार्क बनाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। यह गतिविधि बच्चों की कलात्मक भावना और डिजाइन कौशल को विकसित करने में मदद करेगी। जो बच्चे सबसे आकर्षक और रचनात्मक बुकमार्क बनाएंगे, उन्हें स्कूल स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा। इससे बच्चों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होगी।


श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार

शिक्षा विभाग ने यह भी तय किया है कि इस पहल में बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा, शिक्षक भी इस अभियान का हिस्सा होंगे। उन्हें बच्चों को प्रेरित करने के लिए विभिन्न गतिविधियां जैसे किताबों पर चर्चा, कहानियां लिखने का अभ्यास पुस्तक आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। यह कदम बच्चों और शिक्षकों के बीच सकारात्मक संवाद को बढ़ाएगा और साहित्यिक वातावरण को मजबूत करेगा।


साहित्यिक किताबें और पुस्तकालयों का विकास

इस पहल के तहत सिर्फ पाठ्यपुस्तकों पर ही जोर नहीं दिया जाएगा, बल्कि बच्चों को साहित्य की किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इनमें कहानी, उपन्यास, जीवनी, प्रेरणादायक साहित्य और सामान्य ज्ञान से जुड़ी पुस्तकें शामिल होंगी। इन पुस्तकों के माध्यम से छात्रों में पढ़ने की आदत और ज्ञान दोनों में वृद्धि होगी।


इसके अतिरिक्त, जिले के सभी स्कूलों में पुस्तकालयों को विकसित करने की भी तैयारी है। कई स्कूलों में जहां पुस्तकालय नहीं हैं, वहां नई लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी, और जहां पुस्तकालय मौजूद हैं, उन्हें नए साहित्य से समृद्ध किया जाएगा। इससे बच्चों को अध्ययन और मनोरंजन दोनों के लिए समृद्ध सामग्री उपलब्ध होगी।


बच्चों के समग्र विकास की ओर कदम

शिक्षा विभाग का यह प्रयास विद्यार्थियों के मानसिक, बौद्धिक और रचनात्मक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। किताबों से बढ़ती दूरी को पाटने और बच्चों के मन में साहित्य के प्रति प्रेम जगाने के लिए ऐसी पहलों की आज सबसे अधिक आवश्यकता है। यह अभियान न केवल उन्हें बेहतर पाठक बनाएगा, बल्कि उन्हें बेहतर लेखक, विचारक और जिम्मेदार नागरिक बनाने में भी सहायक होगा।


पटना जिले की यह पहल अन्य जिलों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण बन सकती है। यदि इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया, तो यह बच्चों के भविष्य को संवारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।