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Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच लंबे समय से चल रही अटकलों पर चुनावी प्रशांत किशोर ने आखिरकार विराम लगा दिया है। इस बार किसी भी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप में चुनाव नहीं लडेंगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 15 Oct 2025 10:29:35 AM IST

Bihar Election 2025

बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच लंबे समय से चल रही अटकलों पर चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आखिरकार विराम लगा दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कह दिया कि वे इस बार किसी भी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप में चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन अपनी राजनीतिक रणनीति और संगठनात्मक काम से वे जन सुराज की सफलता को सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे। 


बता दें कि एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कहा, “नहीं, मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। पार्टी ने जो फैसला लिया है, वही करूंगा। मैं वही संगठनात्मक काम जारी रखूंगा जो पार्टी के बड़े हित के लिए अब तक कर रहा हूं।” इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि जन सुराज अगर 150 सीटें नहीं जीतता, तो इसे वे अपनी व्यक्तिगत हार मानेंगे। वहीं, अगर 150 सीटें या उससे अधिक आती हैं, तो यह बिहार की जनता की जीत होगी। उनके अनुसार, उनका उद्देश्य सत्ता पर काबिज होना नहीं है, बल्कि बिहार को नई दिशा देना है। उन्होंने दोहराया कि जन सुराज एक आंदोलन है, जो राजनीति में साफ छवि, जवाबदेही और विकास आधारित सोच लाने के लिए काम कर रहा है।




प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर जन सुराज की सरकार बनती है, तो यह बिहार की राजनीति में ऐतिहासिक बदलाव साबित होगा। उन्होंने एलान किया कि सरकार बनते ही राज्य में 100 सबसे भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए नया कानून बनाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उन नेताओं और अधिकारियों के लिए चेतावनी है जो दुआ कर रहे हैं कि जन सुराज सत्ता में न आए। उनका कहना था कि जन सुराज के सत्ता में आने से भ्रष्ट अधिकारियों और नेताओं के बुरे दिन शुरू होंगे।



मालूम हो कि,जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर लगातार यह कहते रहे हैं कि भाजपा के नेता सम्राट चौधरी और मंगल पांडे जहां से चुनाव लड़ेंगे वहां से मैं चुनाव लडूंगा और उन्हें पुरे जनता के सामने दिखा दूंगा की पीके क्या चीज़ है,लेकिन  बीते कल भाजपा ने तो इन दोनों नेता के नाम पर अपनी मंजूरी दे दी है लेकिन पीके ने खुद के हाथ पीछे खिंच लिए हैं।


चुनावी रणनीतिकार ने पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर भी सीधे हमला बोला। उन्होंने कहा, “लालू परिवार पर इतने भ्रष्टाचार के आरोप और चार्जशीटें हैं कि अब लोग उन्हें पढ़ते भी नहीं। आरजेडी और लालू परिवार ने इतने घोटाले किए हैं कि लोग उन्हें खबर भी नहीं मानते। यही वजह है कि बिहार को अब नई राजनीति की जरूरत है।” प्रशांत किशोर का मानना है कि पुराने राजनीतिक दलों की खराब छवि और लगातार बढ़ते भ्रष्टाचार ने बिहार की जनता को नए विकल्प की ओर मोड़ दिया है।


प्रशांत किशोर ने बताया कि उनका अभियान सिर्फ चुनाव जीतने के लिए नहीं है। उनका उद्देश्य बिहार में ईमानदार शासन और विकास की नई मिसाल कायम करना है। जन सुराज ने इस चुनावी अभियान को विकास, पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित किया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता को चाहिए कि वे ऐसे नेताओं को मौका दें जो न केवल वादे करते हैं बल्कि उन्हें पूरा भी करते हैं। उनका मानना है कि यह आंदोलन राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और कृषि के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए निर्णायक साबित होगा।


प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि चुनावी रणनीति में उनकी भूमिका केवल संगठनात्मक समर्थन और प्रचार तक सीमित है। वे उम्मीदवार नहीं हैं, लेकिन उनका ध्यान जन सुराज की सीट संख्या बढ़ाने और राज्यभर में जागरूकता फैलाने पर है। उनका कहना है कि बिहार की जनता अब केवल वादों और पुरानी पार्टियों की राजनीति से थक चुकी है। नए और ईमानदार नेताओं के लिए यह समय सबसे सही है।


प्रशांत किशोर का यह कदम बिहार की राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकता है। उनकी साफ-सुथरी छवि और रणनीतिक क्षमता जन सुराज को चुनाव में मजबूती दे रही है। उनका यह दृष्टिकोण कि सत्ता का उद्देश्य स्वयं का नहीं बल्कि जनता और राज्य की भलाई होना चाहिए, बिहार की राजनीति में एक नई सोच को जन्म दे सकता है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वे जन सुराज को समर्थन दें ताकि बिहार में ईमानदार, पारदर्शी और विकासोन्मुख शासन स्थापित हो सके। इस तरह, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर का जन सुराज अभियान सिर्फ एक राजनीतिक चुनौती नहीं बल्कि राजनीति में बदलाव और नई दिशा की कोशिश के रूप में सामने आ रहा है।