ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: अश्विनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, घटना के दो महीने बाद पुलिस ने दबोचा बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी

Indian in foreign jail: 10,000 से ज्यादा भारतीय विदेशों में कैद, भारत सरकार क्या कर रही है?

Indian in foreign jail: दुनिया के 86 देशों की जेलों में 10,152 से अधिक भारतीय कैद हैं, जिनमें सबसे ज्यादा सऊदी अरब और यूएई में हैं। सरकार लगातार इन कैदियों की रिहाई और वापसी के प्रयास कर रही है, लेकिन कानूनी प्रक्रियाओं की जटिलता के कारण ...

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 02 Apr 2025 08:59:32 PM IST

भारतीय कैदी, Indian prisoners, विदेशी जेल, foreign jails, सऊदी अरब, Saudi Arabia, यूएई, UAE, नेपाल, Nepal, कतर, Qatar, मलेशिया, Malaysia, चीन, China, भारत सरकार, Indian government, प्रत्यावर्तन, repat

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Indian in foreign jail: विदेश मंत्रालय ने संसदीय पैनल को जानकारी दी है कि फिलहाल 86 अलग-अलग देशों की जेलों में कुल 10,152 भारतीय बंद हैं। UAE और सऊदी अरब में 2,000 से ज्यादा भारतीय जेल में बंद हैं। इसके अलावा नेपाल में 1,317, मलेशिया में 338 और चीन की जेलों में 173 भारतीय कैदी हैं। कुवैत, कतर और बहरीन जैसे अन्य देशों में भी बड़ी संख्या में भारतीय कैद हैं।  


विदेश मंत्रालय के अनुसार  भारत सरकार के कई देशों के साथ समझौते हैं, जिनके तहत कैदियों को वापस लाया जा सकता है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में केवल आठ कैदियों को ही भारत लाया जा सका है। इसकी मुख्य वजह यह है कि कैदियों को भारत वापस लाने की प्रक्रिया काफी जटिल है। इसके लिए कैदी, जिस देश में वह बंद है उसकी सरकार और भारत सरकार की सहमति जरूरी होती है। इस प्रक्रिया में दस्तावेजों की तैयारी, राज्य सरकार की अनुमति और भारतीय जेल में रहने की व्यवस्था करना शामिल होता है।


भारतीय दूतावास विदेशों में कैद भारतीयों को कानूनी सहायता प्रदान करते हैं और जरूरत पड़ने पर स्थानीय वकीलों की मदद भी ली जाती है। इन सेवाओं के लिए किसी भी भारतीय कैदी से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। हालांकि, विचाराधीन कैदियों की संख्या अधिक होने और कानूनी प्रक्रियाओं में देरी के कारण उनकी जल्द वापसी संभव नहीं हो पाती। सरकार इस मुद्दे पर संबंधित देशों के अधिकारियों से लगातार बातचीत कर रही है ताकि अधिक से अधिक भारतीयों की जल्द से जल्द रिहाई हो सके।