Fake railway ticket : AI से टिकट बनाकर यात्रा कर रहा था स्टूडेंट कर ग्रुप, TTE को हुआ शक; जानिए फिर क्या हुआ

"जयपुर रेलवे रूट पर AI की मदद से फर्जी टिकट बनाने का मामला सामने आया। छात्रों ने मोबाइल पर असली जैसा टिकट दिखाकर यात्रा की कोशिश की, रेलवे ने सभी मंडलों में अलर्ट जारी किया।"

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 20 Dec 2025 04:18:58 PM IST

Fake railway ticket : AI से टिकट बनाकर यात्रा कर रहा था स्टूडेंट कर ग्रुप, TTE को हुआ शक; जानिए फिर क्या हुआ

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Fake railway ticket : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दुरुपयोग से फर्जी टिकट बनाने का गंभीर मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार, हेड टीसी ने कुछ छात्रों को उस समय पकड़ लिया जब वे मोबाइल में टिकट दिखाकर यात्रा करने की कोशिश कर रहे थे। जांच में खुलासा हुआ कि यह टिकट किसी मानक प्रणाली से जारी नहीं किया गया था, बल्कि छात्रों ने AI टूल की मदद से खुद तैयार किया था।


रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह टिकट एक यात्री के अनारक्षित टिकट का था, लेकिन AI की सहायता से उसी टिकट में सात यात्रियों की एंट्री दर्शा दी गई थी। मोबाइल में दिखाया गया टिकट पूरी तरह असली जैसा प्रतीत हो रहा था, जिसमें क्यूआर कोड, यात्रा विवरण और राशि भी दर्ज थी। इस प्रकार का फर्जीवाड़ा न केवल रेलवे की सुरक्षा प्रणाली को चुनौती देता है, बल्कि यात्रियों और रेलवे के लिए भी जोखिम उत्पन्न कर सकता है।


रेलवे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की। इस घटना के बाद रेलवे ने सभी मंडलों में अलर्ट जारी कर दिया है। सभी टीटीई और टीसी को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने मोबाइल और टैबलेट में टीटीई ऐप डाउनलोड करें। अब संदेह की स्थिति में किसी भी मोबाइल टिकट को तुरंत क्यूआर कोड के माध्यम से स्कैन कर यूटीएस नंबर और टिकट का कलर कोड जांचा जा रहा है।


रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि AI टूल का उपयोग कर तैयार किया गया टिकट इतना वास्तविक दिखता था कि सामान्य दृष्टि से उसे पहचान पाना लगभग असंभव था। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में टिकट दलाल या अन्य लोग इस तकनीक का दुरुपयोग करें, तो इसका व्यापक स्तर पर नुकसान हो सकता है। इसलिए रेलवे ने अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं को और सख्त कर दिया है।


रेलवे ने स्पष्ट किया कि यूटीएस, एटीवीएम या काउंटर से जारी अनारक्षित टिकट (ई-टिकट और एमटी कट को छोड़कर) यात्री के पास भौतिक रूप में होना अनिवार्य है। मोबाइल में दिखाया गया ऐसा टिकट मान्य नहीं माना जाएगा। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल मान्य टिकट का उपयोग करें और किसी भी संदिग्ध टिकट की सूचना तुरंत रेलवे कर्मचारियों को दें।


जांच के दौरान यह भी पता चला कि छात्रों ने केवल अपनी सुविधा के लिए AI का उपयोग किया था, लेकिन रेलवे इस बात से चिंतित है कि भविष्य में फर्जी टिकट बनाने के लिए इसी तरह की तकनीक का उपयोग अपराधियों द्वारा किया जा सकता है। रेलवे ने इस मामले को लेकर सभी मंडलों को निर्देशित किया है कि वे टिकट की सत्यता की जांच के लिए अधिक सतर्क रहें।


रेलवे अधिकारियों ने कहा कि फर्जी टिकट के मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पकड़े गए छात्रों के खिलाफ रेलवे नियमों के तहत कार्यवाही की जाएगी और उन्हें भविष्य में इस तरह की गतिविधियों से दूर रहने की चेतावनी दी जाएगी। इस प्रकार की घटना से यह स्पष्ट होता है कि तकनीक का दुरुपयोग कितनी तेजी से बढ़ सकता है। रेलवे ने अपनी सुरक्षा प्रणाली को और सख्त करते हुए यात्रियों और कर्मचारियों दोनों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। रेलवे का यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि यात्री सुरक्षित और मान्य टिकट के साथ ही यात्रा करें, और किसी भी प्रकार के फर्जीवाड़े को रोका जा सके।