बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: बिहार के स्कूल-कॉलजों में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी, इतने करोड़ खर्च करेगी नीतीश सरकार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 17 May 2025 01:35:07 PM IST
flying skyscraper Tower - फ़ोटो cloudsao.com
Analemma flying Tower: इमारतें अब सिर्फ ज़मीन पर नहीं रहेंगी, बल्कि आसमान से लटकी नज़र आएंगी। अमेरिका की आर्किटेक्चर फर्म Clouds Architecture Office ने एक ऐसा अद्भुत प्रोजेक्ट पेश किया है जो विज्ञान और कल्पना की सीमाओं को मिटा देता है। इस अनोखे प्रोजेक्ट का नाम है – Analemma Tower। यह दुनिया की पहली ऐसी बिल्डिंग होगी जो पृथ्वी पर खड़ी नहीं होगी, बल्कि एक एस्टेरॉइड से जुड़कर धरती के चारों ओर हवा में झूलती रहेगी।
क्या है अनालेमा टावर की खासियत?
यह टावर किसी परंपरागत नींव पर आधारित नहीं होगा। इसे धरती की जियोसिंक्रोनस कक्षा (geosynchronous orbit) में घूमते हुए एक विशाल एस्टेरॉइड से हाई-स्ट्रेंथ केबल्स के माध्यम से लटकाया जाएगा। यह पूरा ढांचा एक ‘फिगर 8’ पैटर्न में घूमेगा, जिससे यह अलग-अलग शहरों के ऊपर से होकर गुजरेगा।
ऊपर से नीचे आएंगे लोग – ज़मीन से उलटा होगा टावर
इस गगनचुंबी टावर की दिशा आम इमारतों से उलट होगी। इसका ऊपरी भाग अंतरिक्ष की ओर होगा और निचला हिस्सा धरती की ओर लटकता रहेगा। टावर की गति जब न्यूनतम होगी, तब लोग धरती से इसमें प्रवेश कर पाएंगे।
टेक्नोलॉजी जो भविष्य को छूती है
इस फ्लाइंग बिल्डिंग में परंपरागत एलिवेटर नहीं होंगे। इसमें बिना केबल वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक लिफ्ट्स लगेंगी, जो ऊंचाई की किसी सीमा को नहीं मानेंगी। इसके अलावा, ऊर्जा के लिए टावर को सौर पैनलों से पॉवर मिलेगा, जो धरती के वातावरण से ऊपर लगातार सूर्य की रोशनी में रहेंगे।
पानी और जीवन कैसे संभव होगा?
टावर में एक इनबिल्ट वाटर रीसाइक्लिंग सिस्टम होगा, जो वर्षा और वातावरण से नमी एकत्र कर पानी में बदलेगा। इस प्रकार, पृथ्वी से सीमित संसाधनों की आवश्यकता नहीं होगी।
कहां बनेगा और किसके लिए?
अनालेमा टावर का निर्माण धरती पर कहीं भी किया जा सकता है, लेकिन इसे स्थायी रूप से दुबई के ऊपर स्थापित करने का प्रस्ताव है। दुबई पहले से ही बुर्ज खलीफा जैसी ऊंची इमारतों के लिए जाना जाता है और अब यह भविष्य की फ्लाइंग बिल्डिंग का घर बनने जा रहा है।
क्या यह सपना हकीकत बन पाएगा?
हालांकि यह परियोजना अभी एक कॉन्सेप्ट है, लेकिन तकनीकी दृष्टि से यह पूरी तरह संभव है। वैज्ञानिकों और आर्किटेक्ट्स का मानना है कि अगर स्पेस तकनीक और सामग्री विज्ञान में अपेक्षित प्रगति होती है, तो Analemma Tower आने वाले दशकों में साकार रूप ले सकता है। जैसे-जैसे इंसान अंतरिक्ष की ओर कदम बढ़ा रहा है, रहने की परिभाषाएं भी बदल रही हैं। अनालेमा टावर केवल एक इमारत नहीं, बल्कि मानव कल्पना की नई ऊंचाई है – एक ऐसा घर जो जमीन पर नहीं, आसमान में होगा।