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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 14 Sep 2025 01:05:23 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
BrahMos: दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की तीसरी और अंतिम खेप भेजने की तैयारी कर ली है। 2022 में हुए 375 मिलियन डॉलर (करीब 3310 करोड़ रुपये) के सौदे के तहत यह डिलीवरी इस साल के अंत तक पूरी हो जाएगी। चीन ने पहले ही इस सौदे पर कड़ी आपत्ति जताई थी लेकिन भारत ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। ब्रह्मोस की पहली खेप अप्रैल 2024 में और दूसरी अप्रैल 2025 में फिलीपींस पहुंच चुकी है और फिलीपींस ने इसे अपनी नौसेना में शामिल भी कर लिया है। तीसरी खेप के बारे में ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ जयतीर्थ जोशी ने मीडिया को बताया कि मिसाइलें तैयार हैं और समय पर डिलीवर की जाएंगी।
290 किलोमीटर रेंज वाली यह मिसाइल फिलीपींस को उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र की रक्षा में मजबूत बनाएगी। ब्रह्मोस चीनी नौसैनिक ठिकानों, जहाजों और तटरक्षक पोतों के लिए बड़ा खतरा है। यह विमानवाहक युद्धपोतों को भारी नुकसान पहुंचा सकती है और स्कारबोरो शोल, द्वितीय थॉमस शोल, ताइवान जलडमरूमध्य से स्प्रैटली द्वीप समूह तक कवरेज देगी। 35 लाख वर्ग किलोमीटर फैले दक्षिण चीन सागर में प्राकृतिक गैस, तेल के विशाल भंडार हैं और यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार का अहम रास्ता है। वियतनाम, मलयेशिया और ताइवान जैसे देश भी यहां दावे रखते हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव लगातार बढ़ रहा है। फिलीपींस की कोस्टल डिफेंस रेजिमेंट इन मिसाइलों को तैनात करेगी और यह चीन की पीएलए-नेवी के खिलाफ 'गेम-चेंजर' साबित होंगी।
पाकिस्तान के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद ब्रह्मोस की वैश्विक मांग में इजाफा हुआ है। चीन के एक और प्रतिद्वंद्वी वियतनाम के साथ 700 मिलियन डॉलर (करीब 6000 करोड़ रुपये) का सौदा अंतिम चरण में है, जिसमें शोर-बेस्ड और एयर-लॉन्च्ड वेरिएंट शामिल होंगे। यह वियतनाम को दक्षिण चीन सागर में चीनी युद्धपोतों को 300 किलोमीटर दूर से निशाना बनाने की क्षमता देगा। इसी तरह, इंडोनेशिया के साथ 450 मिलियन डॉलर का डील जल्द साइन होने की उम्मीद है। मार्च में इंडोनेशियाई रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि अंतिम फैसला नहीं हुआ है लेकिन बातचीत उन्नत स्तर पर है।